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Stubble Burning: मात्र 20 रुपये में खाद बन जाएगी पराली, जलाने का झंझट खत्म, किसान अपनाएं ये तरीका

Stubble Burning: फसल की कटाई के बाद खेतों में बची पराली किसानों के लिए एक बड़ी समस्या है. क्योंकि, इसे जलाने पर फिलहाल सरकार ने प्रतिबंध लगा रखा है. ऐसे में आपको एक ऐसा तरीका बताएंगे, जिससे पराली जलाने का पूरी झंझट खत्म हो जाएगा और इससे किसानों को काफी फायदा होगा. आइए जानते हैं.

बृजेश चौहान
मात्र 20 रुपये में खाद बन जाएगी पराली
मात्र 20 रुपये में खाद बन जाएगी पराली

Stubble Burning: उत्तर भारत के राज्यों में वायु प्रदूषण एक बड़ी समस्या है, जो अब बद से बदतर होती जा रही है. खासकर दिल्ली और आसपास के इलाकों में, जहां पिछले कुछ सालों में में वायु प्रदूषण का स्तर काफी तेजी से बढ़ा है. इसके लिए कई बार किसानों को भी जिम्मेदार ठहराया जाता है. कहते हैं की किसान फसलों की कटाई के बाद जो पराली अपने खेतों में जलाते हैं, उससे वायु प्रदूषण चरम पर चला आता है. पराली जलाने से बहुत सारा धुआं और गैसें निकलती हैं, जो हवा में मिल जाती हैं और पर्यावरण के लिए हानिकारक होती हैं. इतना ही नही, इससे जमीन को भी नुकसान पहुंचाता है. 

पिछले साल प्रदूषण के बढ़ते स्तर को देखते हुए सरकार ने पराली जलाने पर बैन लगा दिया था. जिसके बाद किसानों को ये समझ नहीं आ रहा था वे अब क्या करें. लेकिन, किसानों को चिंता करने की कोई जरूरत नहीं है. किसान पराली को बिना जलाए, इससे आसानी से निपट सकते हैं. इस खबर में हम आपको एक ऐसा तरीका बताएंगे, जिससे आपके खेत में पड़ी पराली पूरी तरह खाद में बदल जाएगी. इससे पराली की समस्या भी खत्म हो जाएगी और जमीन की उर्वरक क्षमता भी बढ़ेगी. आइए आपको विस्तार से इसके बारे में बताते हैं.

कृषि एक्सपर्ट्स की मानें तो किसान फसल काटने के बाद बचे हुए अवशेषों को अपने खेतों में जला देते हैं, जिससे मिट्टी को नुकसान पहुंचता है. इतना ही नहीं, ऐसा करने से सूक्ष्म जीवाणु भी जल जाते हैं. इसके बजाय, खेतों में पराली को नष्ट करने के लिए किसान विशेष स्प्रे जैव अपघटक का उपयोग कर सकते हैं. इसे बायो डीकंपोजर (bio decomposer) भी कहा जाता है. बायो डीकंपोजर फसल के बचे हुए अवषेशों को खेतों में ही गला देता है. जिससे प्राकृतिक खाद तैयार हो जाती है, जो खेतों की उर्वरक क्षमता को बढ़ाती है. ऐसे में किसान पराली जलाने के बजाए बायोडीकंपोजर का इस्तेमाल कर सकते हैं.

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कैसे काम करता है बायो डीकंपोजर?

जैव अपघटक/बायो डीकंपोजर के अंदर जिंदा कीटाणु होते हैं जो कृषि अपशिष्ट यानी किसी भी फसल की पराली में जाते ही उसे 8 से 10 दिन में डिकम्पोज कर खाद बना देते हैं. इसके लिए आप को जैव अपघटक लेना है, जो मात्र 20 रुपये में आप को किसी भी इफको केंद्र में मिल जाएगा, जिसे डिब्बी से चम्मच या किसी लकड़ी के सहारे निकालकर 120 लीटर पानी में मिला लेना है. साथ ही जीवाणुओं के भोजन के लिए 1 केजी बेसन और 1 से 2 किलो गुड़ डालना है, जिसे घड़ी की दिशा में लकड़ी के माध्यम से चलाना है. ऐसे ही लकड़ी के माध्यम से 4 से 5 दिन तक दिन में तीन बार चलाएं.

कैसे करें बायो डीकंपोजर का इस्तेमाल?

बायो डीकंपोजर का इस्तेमाल करने के लिए सबसे पहले पानी के साथ इसका एक मिश्रण तैयार करें. मिश्रण तैयार करने के पांच दिन बाद जब आपको उसमें से बदली हुई गंध और जीवाणु दिखने लगें तो इसका छिड़काव अपने खेतों में करें. छिड़काव करने के 8 से 10 दिनों के बाद परावली पूरी तरह से गल कर खाद में तब्दील हो जाएगी.

English Summary: Use bio decomposer to convert stubble into fertilizer Published on: 28 March 2024, 12:54 PM IST

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