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Wheat Varieties: गेहूं की ये 5 बेहतरीन किस्में हैं किसानों के लिए लाभकारी, कम पानी में भी मिलता है ज्यादा पैदावार!

Wheat Farming: गेहूं की खेती किसानों की आजीविका का मुख्य आधार है। यदि किसान गेहूं की उन्नत किस्मों की खेती करें तो वे बाजार में अच्छा मुनाफा कमा सकते हैं। ये किस्में कम पानी में भी अधिक उपज देती हैं और गुणवत्ता में भी बेहतरीन हैं।

KJ Staff
top 5 wheat varieties
गेहूं की ये 5 बेहतरीन किस्में देंगी बंपर पैदावार ( Image source - Freepik)

मध्य प्रदेश विशेष रूप से गेहूं की खेती के लिए जाना जाता है। यहां के किसान बड़ी मात्रा में गेहूं की पैदावार करते हैं। यहां के किसान गेहूं की बुवाई 15 अक्टूबर से ही शुरू कर देते हैं। उनका मानना है कि जल्दी बुवाई से फसल को बरसात की नमी का अधिक लाभ मिल सकता है। यदि किसान गेहूं की HI 1544, GW 322, GW 366, HI 1636 और HI 1658 किस्मों का चुनाव करें, तो वे कम लागत में अधिक मुनाफा कमा सकते हैं। आइए, इन किस्मों के बारे में विस्तार से जानते हैं-

गेहूं की टॉप 5 किस्में जो देंगी दोगुना पैदावार

1. HI 1544 गेहूं की किस्म

यह किस्म बाजार में अत्यधिक मांग वाली है क्योंकि इससे बनने वाला आटा नरम और स्वादिष्ट रोटियों के लिए प्रसिद्ध है।

  • फसल अवधि: 110-125 दिन

  • उपज: लगभग 60 क्विंटल प्रति हेक्टेयर

  • सिंचाई: 3-4 बार सिंचाई से बेहतर उपज मिलती है

यह किस्म किसानों को कम समय में बेहतर गुणवत्ता और अधिक आमदनी देती है।

2. GW 322 गेहूं की किस्म

यह किस्म पानी की कमी वाले क्षेत्रों के लिए एक वरदान मानी जाती है।

  • उपज: 60-65 क्विंटल प्रति हेक्टेयर

  • फसल अवधि: 115-120 दिन

इस वजह से इसे "खरा सोना" भी कहा जाता है। यह कम पानी में भी बंपर उपज देती है।

3. GW 366 गेहूं की किस्म

GW 366 किस्म मध्य प्रदेश ही नहीं, गुजरात के किसानों के लिए भी उपयुक्त है।

  • बीज की शुद्धता: 99%

  • बीज में नमी: लगभग 10%

  • उपज: 55-60 क्विंटल प्रति हेक्टेयर

  • बुवाई गहराई: 2-3 सेमी

सही नमी और गहराई में बुवाई करने पर अंकुरण अच्छा होता है और उत्पादन भी बढ़ता है।

4.HI 1636 गेहूं की किस्म

यह किस्म उच्च गुणवत्ता वाली मानी जाती है, जिसका उपयोग चपाती और बिस्कुट बनाने में होता है।

  • फसल अवधि: 105-120 दिन

  • उपज: 56.6 से 78.8 क्विंटल प्रति हेक्टेयर

  • विशेषता: गर्मी के प्रति सहनशील, समय से पहले नहीं पकती

इस किस्म की लंबी टिकाऊ क्षमता किसानों के लिए बेहद फायदेमंद है।

5.HI 1658 गेहूं की किस्म

यह किस्म केवल मध्य प्रदेश ही नहीं, बल्कि महाराष्ट्र, कर्नाटक, आंध्र प्रदेश, गोवा और तमिलनाडु जैसे राज्यों में भी उगाई जाती है।

  • फसल अवधि: 125 दिन

  • उपज: लगभग 5.5 टन प्रति हेक्टेयर (यानी 55 क्विंटल)

  • रोग प्रतिरोधकता: पत्तियों और तनों के रतुआ रोग के प्रति अत्यधिक प्रतिरोधी

यह किस्म किसानों को स्थिर उत्पादन और सुरक्षित फसल सुनिश्चित करती है।

English Summary: Top 5 wheat varieties will give farmers bumper yields with less water Published on: 18 October 2025, 05:07 PM IST

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