अरहर यानी तुअर दाल की खेती किसानों के लिए सोने की खान साबित हो सकती है, अगर वे सही किस्म का चुनाव करें। भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान (IARI) द्वारा विकसित कुछ उन्नत किस्में न सिर्फ अधिक उत्पादन देती हैं, बल्कि रोगों के प्रति भी सहनशील हैं। इन किस्मों की खासियत यह है कि इनकी परिपक्वता अवधि कम है, जिससे किसान कम समय में अधिक उपज प्राप्त कर सकते हैं।
पूसा अरहर 16, पूसा अरहर 151 (पूसा श्रीजीता), पूसा अरहर 2017-1, पूसा अरहर 2018-2 और पूसा अरहर 2018-4 जैसी किस्में देशभर के किसानों के बीच लोकप्रिय हो रही हैं। इन अरहर किस्मों की खेती कर किसान प्रति हेक्टेयर 20 से 27 क्विंटल तक उत्पादन प्राप्त कर सकते हैं और ₹35,000 से ₹48,000 प्रति एकड़ तक की शानदार आमदनी अर्जित कर सकते हैं।
अरहर की उत्तम किस्में
पूसा अरहर 16
• किसान अगर खरीफ मौसम में इस किस्म की पैदावार करते हैं तो करीब 19.8 से 21 क्विंटल प्रति हेक्टेयर तक उत्पादन कर सकते हैं।
• अरहर की इस किस्म को पकने में लगभग 120 दिनों का समय लगता है।
• इस किस्म की खासियत है कि यह सिंचित अवस्था के लिए उपयोगी है।
पूसा अरहर 151 (पूसा श्रीजीता)
• अरहर की यह किस्म उत्तर-पूर्वी मैदानी क्षेत्र - बिहार, उत्तर प्रदेश, झारखंड, पश्चिम बंगाल और असम में बुवाई के लिए टॉप किस्मों में से एक है।
• अरहर की यह किस्म किसानों को 20.8 से 27.6 क्विंटल प्रति हेक्टेयर की उपज दे सकती है।
• इस किस्म को पकने में लगभग 241 दिन का समय लगता है।
• इस किस्म की विशेषता है कि यह स्टेरिलिटी मोज़ेक रोग के प्रति प्रतिरोधी है।
पूसा अरहर 2017-1
• पूसा अरहर की इस किस्म की औसत उपज करीब 21.2 और संभावित उपज 21.6 क्विंटल प्रति हेक्टेयर तक देती है।
• दिल्ली-एनसीआर के इलाकों के लिए यह किस्म उपयोगी है।
• इस किस्म की परिपक्वता लगभग 122 दिनों में हो जाती है।
पूसा अरहर 2018-2
• अरहर की इस किस्म की बुवाई किसानों को बड़ा फायदा दिला सकती है, क्योंकि यह किस्म केवल 133 दिनों में तैयार हो जाती है।
• इस किस्म की उत्पादन स्थिति सिंचित अवस्था है।
• अगर किसान इस किस्म का चुनाव करते हैं तो वह लगभग 20.9 से 23.0 क्विंटल प्रति हेक्टेयर तक उत्पादन कर सकते हैं।
• साथ ही यह जल्दी परिपक्व होने वाली किस्मों में आती है।
पूसा अरहर 2018-4
• अरहर की यह किस्म उत्तर-पश्चिमी मैदानी क्षेत्र - पंजाब, दिल्ली, हरियाणा और पश्चिमी उत्तर प्रदेश के लिए उत्तम किस्मों में शामिल है।
• अरहर की यह किस्म औसत उपज करीब 16.7 क्विंटल प्रति हेक्टेयर तक देती है, वहीं इसकी संभावित उपज लगभग 23.1 क्विंटल प्रति हेक्टेयर है।
• इस किस्म की खासियत है कि यह प्रोटीन युक्त है और 143 दिनों में पककर तैयार हो जाती है।
किसानों की कितनी कमाई होगी?
अरहर की खेती किसानों की तगड़ी कमाई कर सकती है। अगर इन किस्मों की बुवाई किसान करते हैं तो वह ₹35,000 से ₹48,000 प्रति एकड़ या उससे अधिक कमा सकते हैं, जो मार्केट के दाम और किस्मों पर निर्भर करता है। इसके अलावा, अगर किसान इन किस्मों को ₹6,000 प्रति क्विंटल के दाम पर बेचते हैं तो वह प्रति एकड़ लगभग ₹48,000 का मुनाफा कमा सकते हैं।
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