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रबी सीजन में कमाना चाहते हैं मोटा मुनाफा? उगाएं मटर की ये टॉप 3 उन्नत किस्में

नवंबर के महीने में किसान भाई अगर ICAR द्वारा विकसित मटर की इन टॉप 3 किस्मों - वी.एल. माधुरी, वी.एल. सब्ज़ी मटर-15 और पूसा थ्री की खेती करते हैं, तो बढ़िया मुनाफा कमा सकते हैं.

KJ Staff
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मटर की ये टॉप 3 उन्नत किस्में किसानों को देंगी बंपर पैदावार ( Image Source - AI generate)

आज देश के किसान ऐसी फसलों की ओर बढ़ रहे हैं, जो कम समय में तैयार हो जाएं और अच्छी कमाई भी दें. इन्हीं फसलों में मटर सबसे आगे है, क्योंकि फरवरी–मार्च के दौरान जैसे-जैसे ताज़ी हरी मटर की मांग बढ़ती है, वैसे-वैसे इसका दाम भी बेहतर मिलता है. कम लागत में यह फसल किसानों को अच्छा लाभ दे देती है.

अगर आप भी मटर की खेती करने का सोच रहे हैं, तो ICAR द्वारा विकसित मटर की ये टॉप 3 किस्में - वी.एल. माधुरी, वी.एल. सब्ज़ी मटर-15 और पूसा थ्री  आपके लिए बेहतरीन विकल्प हैं.

मटर की टॉप 3 उत्तम किस्में

  1. वी.एल. माधुरी

वी.एल. माधुरी (VL Madhuri) मटर की एक नई किस्म है, जिसकी खासियत है कि इसे बिना छिलके के भी खाया जा सकता है. यह रबी सीजन में बुवाई के लिए उत्कृष्ट है और बाजार में अच्छे दाम दिला सकती है.

विशेषताएं

  • यह किस्म पंजाब, उत्तर प्रदेश, बिहार और झारखंड के किसानों को बेहतरीन उपज देती है.

  • नवंबर में बुवाई करने पर यह किस्म 122 से 126 दिनों में तैयार हो जाती है.

  • किसान इससे प्रति हेक्टेयर 13 टन तक की उपज प्राप्त कर सकते हैं.

  • इस किस्म में उकठा रोग के प्रति प्रतिरोधक क्षमता पाई जाती है.

 

  1. वी.एल. सब्ज़ी मटर-15

वी.एल. सब्ज़ी मटर-15 ठंडी जलवायु के लिए उपयुक्त और उत्तर–पश्चिमी हिमालयी क्षेत्रों में अच्छी उपज देने वाली उत्तम किस्म है. यह कम अवधि वाली किस्म है जो 128 से 132 दिनों में पककर तैयार होती है.

विशेषताएं

  • रबी सीजन की बुवाई के लिए यह एक शानदार विकल्प है.

  • किसान इससे प्रति हेक्टेयर 100-120 क्विंटल तक की पैदावार ले सकते हैं.

  • यह किस्म चूर्णिल आसिता, म्लानि, सफेद सड़ांध और पर्ण-झुलसा जैसे रोगों के प्रति प्रतिरोधी है.

  • पौधे की ऊँचाई 60-70 सेंटीमीटर होती है तथा फलियां हरी और घुमावदार होती हैं.

 

  1. पूसा थ्री मटर

पूसा थ्री एक अगेती किस्म है, जो किसानों को जल्दी और अच्छी उपज देकर बढ़िया मुनाफा दे सकती है. इसकी हर फली में 6-7 दाने होते हैं, जिससे बाजार में इसकी मांग अधिक रहती है.

विशेषताएं

  • अगेती किस्म होने के कारण किसान इससे प्रति एकड़ 20-21 क्विंटल तक की उपज प्राप्त कर सकते हैं.

  • यह किस्म मात्र 50-55 दिनों में फल देना शुरू कर देती है.

  • यह उत्तर भारत के मैदानी क्षेत्रों में खेती के लिए बहुत उपयुक्त मानी जाती है.

English Summary: Top 3 pea varieties will give farmers big profits Published on: 23 November 2025, 11:40 PM IST

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