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कम लागत में ज्यादा मुनाफा! लौकी की इन तीन उन्नत किस्मों से किसानों की होगी तगड़ी कमाई

सर्दियों के मौसम में अगर किसान लौकी की इन तीन किस्मों – नरेंद्र लौकी-1, आरका बहार और पूसा नवीन की खेती करते हैं, तो वे कमा सकते हैं तगड़ा मुनाफा।

KJ Staff
gourd varieties
लौकी की इन तीन उन्नत किस्में ( Image source - AI generate)

ठंड का मौसम किसानों के लिए मुनाफे का समय होता है। इस दौरान खेत की मिट्टी अधिक उपजाऊ रहती है और फसल की बढ़त भी तेजी से होती है। अगर किसान भाई लौकी की नरेंद्र लौकी-1, आरका बहार और पूसा नवीन जैसी उच्च उत्पादक किस्मों की खेती करते हैं, तो वे कम समय में अच्छी पैदावार कर अपनी आमदनी में इजाफा कर सकते हैं। ये किस्में हर मौसम में किसानों को बेहतर लाभ देने में सक्षम हैं।

आइए जानते हैं लौकी की इन तीन किस्मों के बारे में विस्तार से –

  1. पूसा नवीन

लौकी की यह किस्म किसानों के लिए काफी लाभदायक मानी जाती है। इसकी खेती किसान जायद और खरीफ दोनों मौसमों में कर सकते हैं।

इस किस्म की विशेषताएं –

  • यह किस्म 55 दिनों में ही पककर तैयार हो जाती है।

  • इसके फल 30-40 सेंटीमीटर लंबे, सीधे और जल्दी खराब न होने वाले होते हैं।

  • यह किस्म पाले और गर्मी, दोनों मौसमों के लिए सहनशील है।

  • किसान प्रति एकड़ 100–120 क्विंटल तक की उपज प्राप्त कर सकते हैं।

 

  1. आरका बहार
  • आरका बहार किस्म के फलों का वजन लगभग 1 किलोग्राम होता है।

  • इसके फल चिकने और चमकदार होते हैं।

  • यह किस्म रोग प्रतिरोधक क्षमता रखती है।

  • किसान यदि इस किस्म की बुवाई करते हैं, तो प्रति हेक्टेयर 40–45 टन तक उपज प्राप्त कर सकते हैं।

  • यह किस्म लगभग 55 दिनों में तैयार हो जाती है और फल आना शुरू हो जाते हैं।

  1. नरेंद्र लौकी-1
  • नरेंद्र लौकी-1 भारत की सबसे लंबी लौकी की किस्मों में से एक है, जो 6 से 7 फीट तक लंबी होती है।

  • यदि किसान इस किस्म की खेती मचान विधि से करते हैं, तो प्रति हेक्टेयर 700–1000 क्विंटल तक उत्पादन प्राप्त कर सकते हैं।

  • इस किस्म के फलों का वजन पूरी तरह विकसित होने पर 8–10 किलोग्राम तक होता है।

 

किन राज्यों में देती है ज्यादा पैदावार

भारत के अधिकांश राज्यों में लौकी की खेती की जाती है। इनमें से कुछ प्रमुख राज्य हैं –

  • उत्तर प्रदेश

  • बिहार

  • हरियाणा

  • पंजाब

  • राजस्थान

  • सिक्किम

  • ओडिशा

सबसे अधिक लौकी उत्पादन बिहार में होता है, जिसे लौकी उत्पादक राज्यों में प्रमुख माना जाता है।

लौकी की बुवाई का समय

जो किसान लौकी की इन किस्मों की खेती करना चाहते हैं, वे अक्टूबर और नवंबर के महीनों में बुवाई करें। यह समय इन किस्मों के बीजों के लिए सबसे उपयुक्त होता है। इस दौरान मिट्टी उपजाऊ रहती है और पौधों की वृद्धि भी तेजी से होती है।

English Summary: Top 3 High Yielding Gourd Varieties Will Bring Huge Profits to Farmers Published on: 28 October 2025, 06:50 PM IST

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