टमाटर का उपयोग हर तरह की सब्जी बनाने में किया जाता है. इसकी खपत पूरी दुनिया में सबसे ज्यादा होती है. इसे सब्जियों के अलावा सलाद में भी उपयोग किया जाता है. टमाटर की खेती किसी भी मौसम में की जा सकती है. इसके सेवन से शरीर में भरपूर ऊर्जा बनी रहती है. इसमें पोषक तत्व जैसे प्रोटीन, कैल्शियम, फास्फोरस और विटामिन आदि मौजूद रहते हैं.
खेती का तरीका
मिट्टी
टमाटर की फसलें लाल दोमट, काली दोमट और बलुई दोमट जैसी मिट्टी के प्रकारों पर उगाई जाती हैं. हल्की मिट्टी में भी टमाटर उगाना लाभदायक होता है. टमाटर के अच्छे उत्पादन के लिए मिट्टी का पीएच 7 से 8.5 के बीच होनी चाहिए.
जलवायु
टमाटर साल भर उगाए जा सकते हैं. इसके लिए किसी विशेष प्रकार के इलाके या वातावरण की आवश्यकता नहीं होती है. टमाटर के बीजों का अंकुरण 20 से 25 डिग्री सेल्सियस के तापमान पर सबसे अच्छा होता है.
बुआई
टमाटर की फसल एक साल में तीन से चार बार उगाई जा सकती है. यह मई से जून, सितंबर से अक्टूबर और जनवरी से फरवरी महीने के बीच बोई जाती है. खेत की तैयारी बीज या नर्सरी के माध्यम से की जा सकती है. इसकी बुवाई से पहले खेत की मिट्टी को जोत लें और उसमें उपयुक्त खाद व कंपोस्ट मिला लें.
खाद
टमाटर की अधिक उत्पादन के लिए खाद के उपयोग के अलावा खेत की मिट्टी का परीक्षण भी करवा लें मिट्टी की आवश्यकता के अनुसार ही खाद और उर्वरक का इस्तेमाल करें. आप घर की सड़ी हुई गोबर खाद, डीएपी, अमोनियम सल्फेट, म्यूरेट ऑफ पोटाश की छिड़काव कर सकते हैं.
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सिंचाई
टमाटर के खेत में मिट्टी में नमी आधार पर सिंचाई की जाती है. फूल निकलने से पहले और दूसरी सिंचाई फलियां बनने के बाद होती हैं. यह ध्यान रखना चाहिए कि खेत की हल्की सिंचाई करें और पानी का ठहराव न होने दें.
कटाई
टमाटर के फलों में लाल व पीले रंग की धारियां पड़ने लगती हैं. इस कारण इन्हें सही समय पर तोड़ लेना चाहिए. इसको रखने के लिए कोल्ड स्टोरेज की आवश्यकता होती है.
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