भारत में किसान पारंपरिक खेती को तरजीह देते हैं लेकिन कई बार उन्हें नुकसान झेलना पड़ता है जिसकी वजह से कृषि वैज्ञानिक किसानों को खेतों में पेड़ लगाने की सलाह दे रहे हैं. ऐसे में आपको एक ऐसे पेड़ के बारे में बता रहे हैं जो सिर्फ 12 साल में करोड़पति बना सकता है. हम आपको बता रहे हैं, महोगनी के पेड़ के बारे में. अगर महोगनी के 120 पेड़ 1 एकड़ जमीन में लगाते हैं तो, 12 साल में करोड़पति बन सकते हैं. क्योंकि महोगनी एक सदाबहार पेड़ है जो 200 फीट की ऊंचाई तक बढ़ता है इसे बहुत कीमती पेड़ माना जाता है जिसके सभी भाग उपयोगी होते हैं. महोगनी पेड़ व्यापारिक उद्देश्य के लिए होता है, जो बहुत मजबूत और टिकाऊ होता है जिससे जहाज, कीमती फर्नीचर, प्लाईवुड, सजावट की वस्तुएं और मूर्तियों बनाई जाती हैं. इतना ही नहीं यह एक औषधीय पौधा भी है तो बीजों और फूलों का इस्तेमाल शक्तिवर्धक दवाई बनाने में किया जाता है.
जलवायु और तापमान- खेती के लिए उष्णकटिबंधीय जलवायु अच्छी होती है ज्यादा बारिश से पेड़ों को नुकसान देती है. सामान्य मौसम में पेड़ो का अच्छा विकास होता है, पौधे लगाते वक्त तेज गर्मी और सर्दी से बचाना होता है. जड़े ज्यादा गहराई में नहीं होती, इसलिए तेज हवा से खतरा होता है. सर्दियों में गिरने वाला पाला हानि पहुंचाता है. वहीं पौधो को अंकुरित और विकसित होने के लिए सामान्य तापमान की जरूरत होती है, सर्दियों में 15 और गर्मियों में 35 डिग्री के तापमान अच्छा होता है.
उपयुक्त मिट्टी- पेड़ों को किसी भी उपजाऊ मिट्टी में उगा सकते हैं पर जल भराव वाली भूमि में और पथरीली भूमि में पौधों को नहीं लगाना चाहिए. मिट्टी का पीएच मान भी सामान्य होना चाहिए.
खेत की तैयारी- सबसे पहले खेत की अच्छे से गहरी जुताई करनी चाहिए फिर 2-3 बार तिरछी जुताई करें इसके बाद खेत में पाटा लगाकर खेत समतल कर दें, फिर उसमें 5 से 7 फीट की दूरी पर 3 फीट चौड़े और 2 फीट गहरे गढ्ढे बनाएं, सभी गड्ढों को एक लाइन में ही तैयार करें. फिर हर लाइन के बीच में 4 मीटर की दूरी रखें. गड्ढों में जैविक और रासायनिक खाद को मिट्टी में मिलाएं फिर सिंचाई कर दें, इन गड्ढों को पौधों की रोपाई से एक महीने पहले तैयार करना चाहिए.
रोपाई का समय- पौधों को लगाने के लिए जून-जुलाई का महीना सबसे ज्यादा उपयुक्त होता है. मानसून का मौसम होने के कारण पौधों को विकास करने के लिए उचित वातावरण मिलता है. इस दौरान बारिश होने से पौधों को सिंचाई की भी ज्यादा जरूरत नहीं पड़ती.
रोपाई का तरीका- महोगनी की खेती के लिए पंजीकृत सरकारी कंपनी से पौधे खरीद सकते हैं या फिर पौधों को नर्सरी में भी तैयार कर सकते हैं लेकिन मेहनत और समय ज्यादा लगता है, नर्सरी से2-3 साल पुराना ही खरीदना चाहिए, अब इन पौधों को तैयार किये गढ्ढो में लगा दें. इसलिए लिए गड्ढे के बीच में छोटा सा गड्ढा बना ले फिर पौधों को लगाकर मिट्टी से ढक दें.
सिंचाई- गर्मियों में पौधों को 5-7 दिन के अंतराल में पानी देना चाहिए, जबकि सर्दियों में 10 -15 दिन के अंतराल में पौधों को पानी देना चाहिए. बारिश मौसम में जरूरत पड़ने पर ही पौधों को पानी दें, पौधों के विकास के साथ पानी की मात्रा घट जाती है पूरी तरह से विकसित पौधों को साल में केवल 5 या फिर 6 सिंचाई की जरूरत होती है.
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खेती से कमाई- महोगनी के पेड़ 12 साल में लकड़ी की फसल के लिए तैयार होते हैं और 5 साल में बीज देने लगते हैं जिनकी कीमत बहुत ज्यादा होती है ये 1000 रुपये प्रति किलो तक बिकते हैं जबकि लकड़ी 2000 से 2200 रुपये प्रति क्यूबिक फीट थोक में बिकती है. औषधीय पौधा होने की वजह से बीजों और फूलों का उपयोग औषधि बनाने के लिए होता है. ऐसे में खेती से करोड़ों का मुनाफा होता है.
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