करनाल के राष्ट्रीय बागवानी अनुसंधान विकास प्रतिष्ठान ने लहसुन की एक ऐसी किस्म तैयार की है, जो किसानों को बहुत कम लागत में अधिक मुनाफा दे सकती है. इस लहसुन को प्रतिष्ठान ने 404 का नाम दिया है. अपने खेतों में लगाकर किसान इससे अच्छी उपज पा सकते हैं. लहसुन की इस नई किस्म का रंग बैंगनी है, जो लोगों को खूब पसंद आ रहा है. यहां के क्षेत्रीय किसान नई किस्म को महाराष्ट्र, गुजरात, मध्य प्रदेश की मंडियों में बेचने की योजना बना रहे हैं.
बुवाई का समय
इस नई किस्म के लहसुन की बुवाई नवंबर के पहले और दूसरे सप्ताह तक की जा सकती है. औसत उपज की बात की जाए, तो प्रति हेक्टेयर किसानों को 165 से 170 क्विंटल लहसुन मिलने की संभावना है. इसकी फसल पूरी तरह से 165 दिनों के अंदर-अंदक तैयार होने में सक्षम है.
लहसुन की यह नई किस्म पाले के प्रति सहनशील है, हालांकि इसके उचित विकास हेतु ठंडे तथा आद्र जलवायु का होना जरूरी है. विशेष तौर पर कंदों के परिपक्वता के लिए शुष्क जलवायु का होना फायदेमंद और उचित रहता है.
सिंचाई प्रबंधन
इसकी पहली सिंचाई खेत में पर्याप्त नमी होने पर एक सप्ताह बाद करना सही है. हालांकि अगर नमी कम महसूस हो, तो हल्की सिंचाई की जा सकती है.
सेहत के लिए भी है फायदेमंद
लहसुन की यह नई किस्म सेहत के लिए भी फायदेमंद है. इसके सेवन से बीपी में आराम मिलता है. इसके अलावा जिन लोगों को पेट की समस्याएं हैं, उन्हें इसका सेवन जरूर करना चाहिए. इसके सेवन से डायरिया और कब्ज की शिकायत दूर होती है.
विशेषज्ञों का मानना है कि आज बड़े स्तर पर लोग दिल की बीमारियों से ग्रसित हैं. ऐसे लोगों के लिए लहसुन की ये किस्म किसी वरदान से कम नहीं है. इसके सेवन से खून का जमाव नहीं होता है और हार्ट अटैक का खतरा दूर होता है.
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