मशरूम की बढ़ती हुई मांग को देखते हुए आज भारत के कई राज्यों में किसान बड़े पैमाने पर इसकी खेती कर रहे हैं. मशरूम एक ऐसी फसल है, जिसका उपयोग घरेलू रसोई से लेकर बड़े होटलों और रेस्टोरेंटों तक लगातार बढ़ रहा है. इसे सूप, पास्ता, सैंडविच, पिज्जा, बिरयानी और मिक्स वेज सब्जी जैसे कई लोकप्रिय व्यंजनों में इस्तेमाल किया जाता है. लोग मशरूम को न सिर्फ स्वाद के लिए बल्कि इसके पोषण गुणों के कारण भी अपनी डाइट में शामिल करते हैं, क्योंकि इसमें प्रोटीन, फाइबर, विटामिन बी, कैल्शियम और कई महत्वपूर्ण एंटीऑक्सीडेंट पाए जाते हैं, जो हृदय को स्वस्थ रखते हैं, वजन नियंत्रित करते हैं और प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाते हैं.
ऐसे में किसान भाई अगर सर्दियों के मौसम में मशरूम की उपयुक्त किस्मों की खेती करें, तो उन्हें न केवल बंपर पैदावार प्राप्त होगी बल्कि कम समय में अच्छा खासा मुनाफा भी हो सकता है.
सर्दियों में कौन-कौन से मशरूम होते हैं सफल?
किसानों के मन में यह सवाल अक्सर रहता है कि ठंड के मौसम में कौन-सी मशरूम की किस्में बेहतर पैदावार देती हैं. इसका जवाब है:
-
बटन मशरूम
-
ऑयस्टर मशरूम
इन दोनों किस्मों की खेती सर्दियों में बेहद सफल रहती है. किसान इन्हें कमरे, स्टोर रूम, कंस्ट्रक्टेड शेड या बांस-फूस के झोपड़े में भी आसानी से उगा सकते हैं. ध्यान रखें कि जिस कमरे में मशरूम उगाई जा रही है, वहां हवा का उचित आवागमन होना जरूरी है, जिससे पैदावार तेजी से बढ़ती है.
सर्दियों में किन राज्यों में करें मशरूम की खेती?
भारत के ये राज्य मशरूम की खेती के लिए उपयुक्त माने जाते हैं-
-
उत्तर प्रदेश – लखनऊ, गोरखपुर, मेरठ और पश्चिमी यूपी में बड़े पैमाने पर उत्पादन
-
हरियाणा – करनाल, कुरुक्षेत्र, सोनीपत प्रमुख केंद्र
-
हिमाचल प्रदेश और जम्मू-कश्मीर – पहाड़ी ठंडा वातावरण मशरूम के लिए आदर्श
-
राजस्थान – जयपुर, अलवर और सीकर जिलों में सर्दियों में बढ़िया उत्पादन
मशरूम की खेती कैसे की जाती है?
- कम्पोस्ट तैयार करना
गेहूं का भूसा, चावल की पराली, भूसी या अन्य सामग्री का उपयोग कर कम्पोस्ट तैयार किया जाता है. तापमान नियंत्रण बेहद महत्वपूर्ण है.
- बीज (स्पॉन)
प्रमाणित संस्थानों से अच्छी गुणवत्ता वाला स्पॉन ही खरीदें.
- कवक बिस्तर (बेड) तैयार करना
प्लास्टिक बैग, ट्रे या सीधे कम्पोस्ट पर स्पॉन डालकर बिस्तर तैयार किया जाता है.
- फसल की तुड़ाई
बीज डालने के 20–25 दिन बाद मशरूम तैयार होने लगते हैं.
एक बार बने कम्पोस्ट से 2–3 फ्लश मिलते हैं, जिससे किसान अच्छी कमाई कर सकते हैं.
बढ़ती मांग और मुनाफा
आज मशरूम की मांग शहरों के साथ-साथ गांवों में भी तेजी से बढ़ रही है. इसकी डिमांड इन क्षेत्रों में विशेष रूप से रहती है—
-
होटल
-
रेस्टोरेंट
-
डोमिनोज़ जैसी फूड चेन
-
सुपरमार्केट
-
ऑनलाइन ग्रॉसरी प्लेटफॉर्म
-
स्थानीय मंडियां
इसी वजह से किसान बड़े पैमाने पर मशरूम की खेती कर रहे हैं और बेहतर आय अर्जित कर रहे हैं.
अगर किसान छोटी जगह में भी बटन या ऑयस्टर मशरूम की खेती करते हैं, तो वे महीने में करीब ₹20,000 से ₹50,000 तक की आमदनी आसानी से कमा सकते हैं.
Share your comments