सर्दियों का मौसम चल रहा है जिसका सीधा असर फसलों पर पड़ रहा है। सर्दी के कारण उत्तराखंड के नैनीताल में ग्रामीण क्षेत्रों में किसान मौसम के साथ ही उद्यान विभाग की मार से परेशान है। एक तरफ तो मटर की फसल पर किसान पाला गिरने के पहले ही दिक्कतों का सामना कर रहे है तो वही दूसरी ओर आलू के बीज पर भी उद्यान विभाग की ओर से सब्सिडी नहीं दी जा रही है। इसका प्रभाव यह है कि सरकार ने 2022 तक किसानों की आय को दुगना करने का जो वादा किया है उस पर भी गंभीर सवाल खड़े होना शुरू हो गए है।
किसानों ने की आलू के बीज की मांग
खुर्पाताल, बजून, जग्यूड़ा, नलिनी, अधौड़ा, गहलना, फगुनियांखेत, चारखेत आदि गांवों की बड़ी आबादी की आजीविका का मुख्य आधार आलू, मटर समेत अन्य सब्जियों का उत्पादन करना ही है। वहां के ग्राम प्रधान का कहना है कि इस साल लगातार पड़ रहे पाले से मटर की फसल खेतों में ही पूरी तरह से खराब हो चुकी है जिससे काफी ज्यादा नुकसान हो रहा है। पहले तो आलू का बीज नहीं मिला परंतु जब यह मिलना शुरू हुआ है तो इस पर सब्सिडी नहीं दी जा रही है जिसके चलते किसान मंहगा बीज खरीदकर आलू लगाने को पूरी तरह से तैयार ही नहीं है। किसानों ने उद्यान विभाग से अपने लिए आलू के बीज मुहैया करवाने की मांग की है।
मटर की खेती को नुकसान पहुंचा
खुर्पाताल की महिला किसान सावित्री का कहना है कि पाला पड़ जाने के कारण खेत में मटर की फसल पूरी तरह से नष्ट हो गई है तो वही दूसरी ओर आलू का बीज भी काफी ज्यादा मंहगा मिल रहा है जिसके कारण उसको खरीद पाना काफी मुश्किल हो रहा है। सब्सिडी बंद हो जाने के कारण दिनोंदिन नुकसान बढ़ता ही जा रहा है और हर साल लगातार नुकसान हो रहा है।
सरकार समझे किसानों की मुश्किल
किसानों का कहना है कि आलू का बीज मिल रहा है लेकिन इसकी कीमत 32 रूपये किलो है। सरकार किसानों को बीज पर किसी भी तरह की कोई सब्सिडी फिलहाल उपलब्ध नहीं करवा रही है। इसीलिए सरकार अगर किसानों की आय को दुगना करना चाहती है तो वह किसानों की पीड़ा को समझने की कोशिश करे।
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