1. Home
  2. खेती-बाड़ी

New Wheat Variety: गेहूं की किस्म HD 3118 से मिलती है प्रति हेक्टेयर 66 क्विंटल तक पैदावार, जानिए इसके बारे में सबकुछ

Wheat Variety HD 3118: गेहूं की उन्नत किस्म HD 3118 (पूसा वत्सला) भारत में उत्तरी राज्यों में उगाई जाती है. इसकी खेती से किसान अधिकतम 66.4 क्विंटल प्रति हेक्टेयर तक उपज प्राप्त कर सकते हैं. यह किस्म पीले और भूरे रतुए रोग के प्रति प्रतिरोधी है. ऐसे में आइए गेहूं की उन्नत किस्म HD 3118 (पूसा वत्सला) के बारे में विस्तार से जानते हैं-

विवेक कुमार राय
Wheat Variety HD 3118
Wheat Variety HD 3118

Wheat Variety HD 3118: भारत में गेहूं की खेती मुख्यतः उत्तरी राज्यों जैसे पंजाब, हरियाणा, उत्तर प्रदेश, राजस्थान, मध्य प्रदेश, गुजरात और बिहार में होती है. इन क्षेत्रों में अनुकूल जलवायु और चिकनी मिट्टी गेहूं की बेहतर उपज के लिए आदर्श मानी जाती है. हाल के वर्षों में ICAR ने अनुसंधान के माध्यम से गेहूं की कई उन्नत किस्मों को खेती के लिए विकसित किया है, जिनमें से एक प्रमुख उन्नत किस्म है HD 3118, जिसे पूसा वत्सला के नाम से भी जाना जाता है. इसकी अधिकतम उपज 66.4 क्विंटल प्रति हेक्टेयर तक पहुंच सकती है. इस किस्म की विशेषताएं इसे किसानों के लिए एक शानदार विकल्प बनाती है. ऐसे में आइए गेहूं की उन्नत किस्म HD 3118 (पूसा वत्सला) के बारे में विस्तार से जानते हैं-

गेहूं की उन्नत किस्म HD 3118 की खेती का समय

HD 3118 (पूसा वत्सला) की खेती का सबसे उपयुक्त समय देर से बुवाई और सिंचित अवस्था में है. यह विशेष रूप से उन क्षेत्रों के लिए आदर्श है जहां वर्षा और सिंचाई की स्थिति अनुकूल है. सही समय पर बुवाई से फसल की वृद्धि और विकास में मदद मिलती है, जिससे उपज में वृद्धि होती है.

HD 3118 की औसत और अधिकतम उपज

गेहूं की उन्नत किस्म HD 3118 (पूसा वत्सला) की औसत उपज लगभग 41.7 क्विंटल प्रति हेक्टेयर होता है, जबकि उचित कृषि प्रबंधन और अनुकूल परिस्थितियों में इसकी अधिकतम उपज 66.4 क्विंटल प्रति हेक्टेयर तक पहुंच सकती है. यह उपज किसानों के लिए आर्थिक रूप से लाभकारी है और उन्हें इसकी खेती से अधिकतम लाभ होता है.

HD 3118 (पूसा वत्सला) की परिपक्वता

गेहूं की उन्नत किस्म HD 3118 महज 112 दिन में पककर काटने योग्य हो जाती है. इसका अर्थ है कि बुवाई के लगभग चार महीने बाद फसल तैयार हो जाती है. फसल जल्दी तैयार होने की वजह से किसान एक फसल चक्र में कम अवधि वाली एक और फसल की खेती कर सकते हैं, जिससे वे अपनी भूमि का अधिकतम उपयोग कर सकते हैं.

गेहूं की उन्नत किस्म HD 3118 (पूसा वत्सला) की मुख्य विशेषताएं

  1. रोग प्रतिरोधी: HD 3118 किस्म पीले और भूरे रतुए रोग के प्रति प्रतिरोधी है, जो गेहूं की फसल के लिए एक गंभीर समस्या है. रोग प्रतिरोधी विशेषताएं फसल की सेहत और उपज को बनाए रखने में मदद करती हैं.

  2. गिला ग्लुटेन प्रतिशत: इस किस्म का गिला ग्लुटेन प्रतिशत 29.8 है, जो इसे उच्च गुणवत्ता वाले गेहूं में शामिल करता है. इसके अतिरिक्त, इसकी चपाती गुणवत्ता मूल्यांक 7.5 है, जो इसे भारतीय व्यंजनों के लिए विशेष रूप से उपयुक्त बनाता है.

HD 3118 (पूसा वत्सला) की खेती किन राज्यों में हो सकती है?

HD 3118 किस्म की खेती मुख्य रूप से उत्तर पूर्वी मैदानी क्षेत्र में की जा सकती है. इसमें पूर्वी उत्तर प्रदेश, बिहार, झारखंड, पश्चिमी बंगाल (पहाड़ियों को छोड़कर) और उत्तर पूर्वी राज्यों के मैदान शामिल हैं. ये क्षेत्र इस किस्म के लिए आदर्श हैं क्योंकि यहां की जलवायु और मिट्टी की स्थिति HD 3118 किस्म की वृद्धि के लिए अनुकूल है.

ऐसे में हम यह कह सकते हैं कि HD 3118 (पूसा वत्सला) गेहूं की एक उन्नत और लाभकारी किस्म है, जो किसानों को उच्च उपज और रोग प्रतिरोधी विशेषताएं प्रदान करती है. इसकी खेती से न केवल किसानों की आय में वृद्धि होगी, बल्कि यह देश की खाद्य सुरक्षा में भी योगदान देगी.

English Summary: New Wheat Variety HD 3118 up to 66 quintals per hectare gehun ki kism HD 3118 Published on: 21 September 2024, 03:50 PM IST

Like this article?

Hey! I am विवेक कुमार राय. Did you liked this article and have suggestions to improve this article? Mail me your suggestions and feedback.

Share your comments

हमारे न्यूज़लेटर की सदस्यता लें. कृषि से संबंधित देशभर की सभी लेटेस्ट ख़बरें मेल पर पढ़ने के लिए हमारे न्यूज़लेटर की सदस्यता लें.

Subscribe Newsletters

Latest feeds

More News