Wheat Variety HD 2967: गेहूं की उन्नत किस्म HD 2967 एक लोकप्रिय किस्म है, जिसे विशेष रूप से उत्तर पूर्वी मैदानी क्षेत्रों के किसानों के लिए विकसित किया गया है. इसकी खेती बिहार, झारखंड, ओडिशा, पश्चिम बंगाल और उत्तर पूर्वी राज्यों के मैदानों में आसानी से की जा सकती है. यह किस्म अपनी उच्च उपज, रोग प्रतिरोधकता और बेहतरीन गुणवत्ता के कारण तेजी से लोकप्रिय हो रही है. किसान HD 2967 की खेती करके अधिकतम 65.5 क्विंटल प्रति हेक्टेयर तक उपज प्राप्त कर सकते हैं. आइए जानते हैं HD 2967 किस्म की प्रमुख विशेषताएं और इसके खेती से जुड़े कुछ महत्वपूर्ण बिंदु-
गेहूं की उन्नत किस्म HD 2967 की खेती
HD 2967 किस्म की बुवाई का सही समय सर्दियों के शुरुआती दिनों में, यानी अक्टूबर से नवंबर के बीच होता है. इसे सिंचित अवस्था में बोने पर यह अधिक उपज प्रदान करती है. HD 2967 किस्म की औसत उपज लगभग 45.5 क्विंटल प्रति हेक्टेयर है, जबकि अधिकतम उपज 65.5 क्विंटल प्रति हेक्टेयर तक हो सकती है, जो इसे अन्य किस्मों से बेहतर बनाती है. इसके अच्छे उत्पादन के लिए उन्नत कृषि तकनीकों का पालन करना आवश्यक है, जैसे संतुलित उर्वरक का प्रयोग, समय पर सिंचाई, और बुवाई का सही समय आदि.
परिपक्वता और रोग प्रतिरोधकता
गेहूं की उन्नत किस्म HD 2967 की परिपक्वता अवधि लगभग 122 दिन है, जो इसे जल्दी तैयार होने वाली किस्मों में गिनाता है. इस किस्म की एक प्रमुख विशेषता यह है कि यह पीले और भूरे रतुए जैसे बीमारियों के प्रति प्रतिरोधक है. ये रोग गेहूं की फसलों को बहुत नुकसान पहुंचाते हैं, लेकिन HD 2967 में रोग प्रतिरोधक क्षमता होने की वजह से किसान चिंता मुक्त होकर गेहूं की खेती कर सकते हैं. रोग प्रतिरोधकता के कारण इस किस्म में रासायनिक दवाओं पर कम खर्च होता है, जिससे किसानों की लागत कम होती है और मुनाफा बढ़ता है.
उच्च गुणवत्ता वाला अनाज
गेहूं की उन्नत किस्म HD 2967 के अनाज की गुणवत्ता इसे अन्य किस्मों से विशेष बनाती है. इसके दाने गोलाकार होते हैं और प्रति 1000 दानों का वजन लगभग 39 ग्राम होता है. इसके अलावा, इस किस्म में प्रोटीन की मात्रा 11.2% है, जो इसे पोषण के लिहाज से भी महत्वपूर्ण बनाती है. इसका कठोरता सूचकांक 73 है और इसका ग्लूटन स्कोर 10/10 है, जो इसे ब्रेड और चपाती बनाने के लिए उपयुक्त बनाता है. इस किस्म के अनाज में आयरन (54.7 PPM) और जिंक (46.8 PPM) की भी उच्च मात्रा पाई जाती है, जो स्वास्थ्य के लिए लाभकारी होता है.
सिंचित अवस्था में खेती
गेहूं की उन्नत किस्म HD 2967 की खेती सिंचित अवस्था में करने पर उत्पादन अधिक प्राप्त होता है. सिंचाई का सही समय और उचित मात्रा से फसल की वृद्धि और उपज पर सकारात्मक प्रभाव पड़ता है. इसके अलावा, सही मात्रा में उर्वरक जैसे नाइट्रोजन, फॉस्फोरस और पोटाश का प्रयोग करने से फसल की गुणवत्ता और उपज में सुधार किया जा सकता है.
ऐसे में हम यह कह सकते हैं कि गेहूं की उन्नत किस्म HD 2967 उत्तर पूर्वी मैदानी क्षेत्रों के किसानों के लिए खेती हेतु बेहतरीन विकल्प है. इसकी उच्च उपज, रोग प्रतिरोधकता, और बेहतरीन अनाज गुणवत्ता इसे किसानों के बीच तेजी से लोकप्रिय बना रही है. यदि किसान समय पर बुवाई, सिंचाई और उर्वरक का सही प्रयोग करते हैं, तो वे इस किस्म से अधिकतम लाभ कमा सकते हैं.
Share your comments