1. Home
  2. खेती-बाड़ी

मिर्च में पर्ण कुंचन (chilli Leaf curl virus) रोग का प्रबंधन

मिर्च में पर्ण कुंचन/ कुकड़ा (chilli Leaf curl virus) (ChiLCV) एक विषाणु जनित रोग है. यह बेगोमोवायरस वंश के अंतर्गत आता है. इस रोग के कारण मिर्च की पत्तियॉ छोटी होकर मुड़ जाती हैं. पत्तियों की शिराएं मोटी हो जाती है जिससे पत्तियां मोटी दिखाई पड़ती है, पौधौं की बढ़वार रूक जाती है, पौधे झाड़ीनुमा दिखाई पडते हैं. पौधों पर फल लगना कम हो जाते हैं फल लगते भी हैं तो कुरूप हो जाते हैं. यह वायरस सफेद मक्खी द्वारा रोगग्रसित पौधे से दूसरे पौधे में फैलता है.

KJ Staff
मिर्च

मिर्च में पर्ण कुंचन/ कुकड़ा (chilli Leaf curl virus) (ChiLCV) एक विषाणु जनित रोग है. यह बेगोमोवायरस वंश के अंतर्गत आता है. इस रोग के कारण मिर्च की पत्तियॉ छोटी होकर मुड़ जाती हैं. पत्तियों की शिराएं मोटी हो जाती है जिससे पत्तियां मोटी दिखाई पड़ती है, पौधौं की बढ़वार रूक जाती है, पौधे झाड़ीनुमा दिखाई पडते हैं. पौधों पर फल लगना कम हो जाते हैं फल लगते भी हैं तो कुरूप हो जाते हैं. यह वायरस सफेद मक्खी द्वारा रोगग्रसित पौधे से दूसरे  पौधे में फैलता है.

मिर्च में पर्ण कुंचन (chilli Leaf curl virus) रोग का प्रबंधन

खेत की तैयारी कैसे करें

  • ग्रीष्मकाल में गहरी जुताई अवश्य करवाएं.

  • मेंढ़े साफ-सुथरी रखी जाएं.

  • खेत के आसपास पुराने विषाणु ग्रसित मिर्च, टमाटर, पपीते के पौधों को नष्ट किया जाए.

  • खेतों में अधिक वर्षा की स्थिति में पानी निकास की उचित व्यवस्था की जाए.

  • मिट्टी परीक्षण के अनुसार संतुलित मात्रा में खाद एवं उर्वरकों का उपयोग करें.

पौध कैसे तैयार करें

  • पौधशाला को कीट अवरोधक जाली (40-50 मेश कीट अवरोधक नेट) के अंदर तैयार करें

  • पौध को प्रो ट्रे में कोकोपीट के माध्यम में तैयार करें. यदि प्रो ट्रे की व्यवस्था नही हो तो

  • बीजों की बुवाई के लिए 3 x 1 मीटर आकार की भूमि से 10 सेमी ऊँची उठी क्यारी तैयार करे.

  • मिर्च की पौधशाला की तैयारी के समय 50 ग्राम ट्राइकोडर्मा विरडी को 3 किलोग्राम पूर्णतया सड़ी गोबर हुई की खाद में मिलाकर प्रति 3 वर्ग मीटर की दर से मिट्टी में मिलाऐं.

  • मिर्च के बीज को बुवाई के पूर्व मेटलैक्सिल-एम 31.8% ईएस 2 मिली प्रति किलोग्राम बीज की दर से उपचारित करें. इसके उपरान्त इमिडाक्लोप्रिड 70% डब्ल्यूएस @ 4-6 ग्राम प्रति किलोग्राम बीज की दर से बीजोपचार करें.

kali mirch

पौध की खेत मे रोपाई कैसे करें

  • 35 दिन आयु की पौध की खेत में रोपण करें.

  • फसल को रस चूसक कीटों से बचाव के लिए रोपाई के पूर्व पौध को इमिडाक्लोप्रीड 17.8% एसएल 7 मिली प्रति लीटर पानी के घोल में 20 मिनट तक पौध की जड़ों को डुबाने के बाद खेत में रोपाई करें.

  • मिर्च के खेतों के आसपास ज्वार मक्का की दो-तीन कतारे लगाना भी लाभदायक होता है.

  • खेत में रोग के प्रारंभिक लक्षण दिखने पर पर्णकुंचित पौधों को उखाड़कर गढ्ढे में डालकर बंद करें.

  • खेत में सफेद मक्खी की निगरानी के लिए पीले प्रपंच (चिपचिपे कार्ड) 10 प्रति एकर लगाना चाहिए.

खड़ी फसल में पर्ण कुंचन रोग से बचाव कैसे करें

  • रोग के प्रसार को रोकने के लिए रोगग्रस्त पौधों को देखते ही खेत से उखाड़कर नष्ट करें.

  • मिर्च में रोपाई के 30 से 35 दिन बाद नीम बीज गिरी सत (NSKE) 5% या नीम तेल 3000 पीपीएम 3 मिली प्रति लीटर पानी पानी में घोलकर 10 दिन के अन्तराल पर दो बार छिड़काव करें.

  • मिर्च में लीफ कर्ल रोग वाहक कीट सफेद मक्खी के नियंत्रण के लिए पायरीप्रॉक्सीफैन 10% ईसी (बुलान) 200 मिली प्रति एकर 120 लीटर पानी या फेनप्रोपेथ्रिन 30% ईसी (मिओथ्रिन) 100-136 मिली प्रति एकर 300-400 पानी या पायरीप्रॉक्सीफैन 5% + फेनप्रोपथ्रिन 15% ईसी (सुमिप्रिमट) 200-300 मिली प्रति एकर 200-300 लीटर पानी मे घोलकर छिडकाव करें.

  • कीटनाशकों का 14 दिन के अंतराल पर अदल बदल कर छिडकाव करें.

  • कीटनाशकों का छिड़काव फल बनने की अवस्था तक ही करें एवं एक ही कीटनाशक का बार बार उपयोग नही करें.

लेखक

एस. के. त्यागी

वैज्ञानिक (उद्यान विज्ञान)

कृषि विज्ञान केन्द्र, खरगोन (म.प्र.)

English Summary: Management of chilli leaf curl virus disease in chillies Published on: 14 July 2020, 06:15 PM IST

Like this article?

Hey! I am KJ Staff. Did you liked this article and have suggestions to improve this article? Mail me your suggestions and feedback.

Share your comments

हमारे न्यूज़लेटर की सदस्यता लें. कृषि से संबंधित देशभर की सभी लेटेस्ट ख़बरें मेल पर पढ़ने के लिए हमारे न्यूज़लेटर की सदस्यता लें.

Subscribe Newsletters

Latest feeds

More News