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चार हौद विधि से बनाएं वर्मी कम्पोस्ट, एक वर्ष में होगी 84 क्विंटल खाद की प्राप्ती

वर्मी कम्पोस्ट एक प्रकार की जैविक खाद है, जो भूमि को भुरभुरी एवं उपजाऊ बनाती है. इससे पौधों की जड़ों को पोषक तत्व मिलते हैं और उनका विकास अच्छा होता है. दरअसल भूमि में अनेक तरह के जीवाणु एवं सुक्षम तत्व मौजूद होते हैं, जिन्हें भोजन के रूप में कार्बन की आवश्यकता होती है. फसलों के विकास एवं अच्छी उपज के लिए भूमि में जैविक क्रियाओं का होना जरूरी है. वर्मी कम्पोस्ट मृदा में कार्बनिक पदार्थों की वृद्धि कर, जैविक क्रियाओं में तेजी लाता है. चलिए आज हम आपको चक्रीय चार हौद विधि माध्यम से इसे बनाने का तरीका बताते हैं.

सिप्पू कुमार

वर्मी कम्पोस्ट एक प्रकार की जैविक खाद है, जो भूमि को भुरभुरी एवं उपजाऊ बनाती है. इससे पौधों की जड़ों को पोषक तत्व मिलते हैं और उनका विकास अच्छा होता है. दरअसल भूमि में अनेक तरह के जीवाणु एवं सुक्षम तत्व मौजूद होते हैं, जिन्हें भोजन के रूप में कार्बन की आवश्यकता होती है. फसलों के विकास एवं अच्छी उपज के लिए भूमि में जैविक क्रियाओं का होना जरूरी है. वर्मी कम्पोस्ट मृदा में कार्बनिक पदार्थों की वृद्धि कर, जैविक क्रियाओं में तेजी लाता है. चलिए आज हम आपको चक्रीय चार हौद विधि माध्यम से इसे बनाने का तरीका बताते हैं.

क्यारियों का निर्माण

इस विधि में सबसे पहले चुने गए स्थान पर गड्ढो को खोदें. गड्ढों की लम्बाई, चौड़ाई और ऊंचाई 12x12x2.5 होनी चाहिए. इन गड्‌ढों को ईंट की दीवार से 4 बराबर भागों में बांट लें. इस प्रकार कुल 4 क्यारियों का निर्माण हो जाएगा. बीच की विभाजक दीवार मजबूत होनी चाहिए, इसलिए इसके निर्माण के लिए 9 इंच के ईंटों का उपयोग करें. विभाजक दीवारों में समान दूरी पर छिद्र छोड़ दें.

केंचुओं को छोड़ने की विधि

इस विधि में प्रत्येक क्यारी को एक के बाद एक भरते जाना है. एक महीने तक पहला गड्‌ढा भरने के बाद, पानी छिड़क कर काले पॉलीथिन से ढक दें. इसके बाद दूसरे गड्‌ढे में कचरा भर दें. इसी तरह दूसरे माह में दूसरा गड्‌ढा भरने के बाद तीसरे माह में तीसरे गड्‌ढे में कचरा भरकर पॉलीथिन से ढक दें. गड्‌ढों में गर्मी होने के बाद केंचुओं को छोड़ें. इसके बाद गड्‌ढों को किसी सूखी घास अथवा बोरियों से ढक दें. कचरे में गीलापन बनाए रखना जरूरी है, इसलिए समय-समय पर पानी का छिड़काव करते रहें. इसी तरह चौथें माह में चौथें गड्ढे को भरकर पॉलीथिन से ढ़कना है. गर्मी कम होने पर केंचुए विभाजक दीवार में बने छिद्रों से अपने आप एक जगह से दूसरी जगह प्रवेश कर जाएंगें.

एक वर्ष में होगी 84 क्विंटल खाद की प्राप्ती

इस तरह से मात्र चार माह में ही एक के बाद एक चारों गड्‌ढे भर जाते हैं और केंचुआ खाद (वर्मीकम्पोस्ट) बनकर तैयार हो जाता है. एक गड्‌ढे में खाद तैयार होने के बाद केंचुए दूसरे गड्‌ढे में धीरे-धीरे दीवारों में बने छिद्रों द्वारा प्रवेश करते हैं. खाद निकालने के लिए क्रमवद्ध तरीके से पहले, दूसरे, तीसरे और फिर चौथें गड्‌ढे का उपयोग करें. खाद निकालने के बाद उसमें पुन: कचरा भर दें. इस प्रकार एक वर्ष में चार गड्‌ढों से ही आप 84 क्विंटल खाद प्राप्त कर सकते हैं.

ये खबर भी पढ़े : बरसीम की खेती से करें पशुओं के चारे का प्रबंध, होगी भारी बचत

English Summary: make vermicompost by four square technology know more about vermicompost advantages Published on: 21 May 2020, 01:57 PM IST

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