पशुओं का चारे का प्रबंध अगर आपके लिए भी महंगा होता जा रहा है, तो आप मकचरी की खेती कर सकते हैं. इसका वानस्पातिक नाम यूकैलिआना मैक्सीकाना भी है. वैसे इसकी खेती व्यापारिक दृष्टिकोण से भी फायदेमंद ही है. इसे रसीले चारे की फसलों की श्रेणी में रखा गया है, जिसकी बाजार में खूब मांग है. चलिए आपको इसके बारे में बताते हैं.
मकचरी
मकचरी के पौधे की कद 6-10 फीट तक हो सकती है, इसके पत्ते लम्बे और चौड़े होते हैं, जो चारों तरफ की लम्बी शाखाएं पर उगते हैं. इसके मुख्य भाग को बलियां कहा जाता है, जिसमें दाने होते हैं.
मकचरी फसल के लिए उपयुक्त मिट्टी
इसकी खेती के लिए मुख्य तौर पर चिकनी मिट्टी उपयुक्त है. हालांकि भारी मिट्टी में इसकी उपज अच्छी होती है. मिट्टी का पीएच मान अगर 5.8 से 7.0 के मध्य है, तो इससे फसलों का बढ़िया विकास होगा.
मकचरी फसल की तैयारी
मकचरी की बुवाई के लिए सबसे पहले खेतों की जुताई कर ज़मीन को अच्छी तरह से समतल कर लेना चाहिए. जुताई के लिए हैरो का उपयोग किया जा सकता है.
मकचरी फसल की बुवाई
इसकी बिजाई के लिए जून महीने का समय सबसे सही है. इस महीने में आराम से इसकी नर्सरी तैयार हो सकती है. पौधे के अच्छे विकास के लिए बुवाई के समय बीजों को मध्य 30x40 सैं.मी. तक का फासला रखें.
मकचरी फसल का खरपतवार नियंत्रण
पौधों को खरपतवारों से बचाने के लिए बार-बार निड़ाई-गुडाई का काम करते रहें. मिट्टी के तापमान को सही रखने और खरपतवारों को समाप्त करने के लिए मलचिंग का उपयोग किया जा सकता है.
मकचरी फसल की सिंचाई
गर्मियों में साप्ताहिक सिंचाई करना सही है, जबकि वर्षा के दिनों में जरूरत अनुसार सिंचाई करें.
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मकचरी फसल की कटाई
बुवाई के 3 महीने बाद फसल कटाई के लिए तैयार हो जाती है. फसल के गुच्छे निकलने पर कटाई करें.
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