गुच्छी मशरूम कई औषधीय गुणों से भरपूर होती है. इसका औषधीय नाम मार्कुला एस्क्यूपलेटा है. हालांकि यह देशभर में स्पंज मशरूम के नाम से मशहूर है. गुच्छी मशरूम स्वाद के मामले में बेजोड़ मशरूम है. इसे स्थानीय भाषा में छतरी, टटमोर या डुंघरू कहा जाता है. गुच्छी चंबा, कुल्लू, शिमला, मनाली समेत हिमाचल प्रदेश के कई जिलों के जंगलों में कुदरती रूप से पाई जाती है.
जंगलों के अंधाधुंध कटान होने की वजह से यह अब काफी कम मात्रा में मिलती है. यह काफी महंगी सब्जी है. इसका सेवन सब्जी (Vegetable) के रूप में किया जाता है. इसमें बी कॉम्प्लेक्स विटामिन, विटामिन डी और कुछ जरूरी एमीनो एसिड पाए जाते हैं. इसे लगातार खाने से दिल का दौरा पड़ने की संभावनाएं बहुत ही कम हो जाती हैं. इसकी मांग सिर्फ भारत ही नहीं, बल्कि यूरोप, अमेरिका, फ्रांस, इटली और स्विट्जरलैंड जैसे देशों में भी है.
गुच्छी मशरूम कहाँ पर पाई जाती है? (Where is Gucchi Mushroom found?)
30,000 रुपये प्रति किलो बिकने वाली गुच्छी सब्जी हिमाचल, कश्मीर और हिमालय के ऊंचे पर्वतीय इलाकों में ही पाया जाता है. यह गुच्छी बर्फ पिघलने के बाद उगती है. इस सब्जी की पैदावार पहाड़ों पर बिजली की गड़गड़ाहट और चमक से निकलने वाली बर्फ से होता है. प्राकृतिक रूप से जंगलों में उगने वाली गुच्छी शिमला जिले के लगभग सभी जंगलों में फरवरी से लेकर अप्रैल माह के बीच तक ही मिलती है.
गुच्छी की तलाश में हिमाचल के ग्रामीण इन जंगलों में आ जाते हैं. झाड़ियों और घनी घास में पैदा होने वाली इस गुच्छी को ढूंढने के लिए पैनी नजर के साथ ही कड़ी मेहनत की जरूरत पड़ती है. ऐसे में ज्यादा मात्रा में गुच्छी हासिल करने के लिए ग्रामीण सुबह से ही गुच्छी को ढूंढने के में जुट जाते हैं. गुच्छी को लेकर आलम यह है कि गुच्छी से मिलने वाले अधिक मुनाफे के लिए कई ग्रामीण इस सीजन का बेसब्री से इंतजार करते हैं. जंगलों के अंधाधुंध कटान होने की वजह से यह अब काफी कम मात्रा में मिलती है. यह काफी महंगी सब्जी है. इसका सेवन सब्जी (Vegetable) के रूप में किया जाता है. इसमें बी कॉम्प्लेक्स विटामिन, विटामिन डी और कुछ जरूरी एमीनो एसिड पाए जाते हैं. इसे लगातार खाने से दिल का दौरा पड़ने की संभावनाएं बहुत ही कम हो जाती हैं. इसकी मांग सिर्फ भारत ही नहीं, बल्कि यूरोप, अमेरिका, फ्रांस, इटली और स्विट्जरलैंड जैसे देशों में भी है.
जानें क्यों हाथों हाथ बिक जाती हैं गुच्छी ? (Know why Gucchi are sold hands-on?)
इस महंगी दुर्लभ और फायदेमंद सब्जी को बड़ी-बड़ी कंपनियां और होटल हाथों हाथ खरीद लेते हैं. इन लोगों से गुच्छी बड़ी कंपनियां 10 से 15 हजार रुपये प्रति किलो में खरीद लेते हैं, जबकि बाजार में इस गुच्छी की कीमत 25 से 30 हजार रुपये/किलो तक है. ऐसा माना जाता है कि इसका नियमित सेवन से दिल की बीमारियां नहीं होती हैं. यहां तक कि हृदय रोगियों को भी इसके उपयोग से लाभ मिलता है.
गुच्छी में विटामिन बी और डी के अलावा सी और के प्रचुर मात्रा में पाया जाता है. इस गुच्छी को बनाने की विधि में सूखे मेवा और घी का इस्तेमाल किया जाता है. गुच्छी की सब्जी बेहद लजीज पकवानों में गिनी जाती है.
गुच्छी मशरूम किस मौसम में पाई जाती है? (In which season is gucchi mushroom found?)
गौरतलब है कि फरवरी से मार्च के महीने में प्राकृतिक रूप से पैदा होने वाली इस गुच्छी की जहां पैदावार कम होने से इसके ग्रामीणों को अच्छे दाम मिलते हैं. वहीं, कई बीमारियों की दवाइयों के लिए इसकी मांग काफी रहती है. हालांकि, गुच्छी आसानी से उपलब्ध नहीं होती है और इसे जंगलों में तलाशना भी काफी कठिन होता है. गुच्छी की कीमत दस हजार से लेकर करीब तीस हजार रुपए प्रति किलो तक होती है.
Share your comments