1. Home
  2. खेती-बाड़ी

Wheat Crop Disease: गेहूं की फसल में पीलापन रोकने के लिए करें ये काम

गेहूं की खेती करने वाले किसान को फसल का पीलापन रोकने के लिए इन चीजों का ध्यान रखना चाहिए नहीं तो फसल खराब हो सकती है...

सुधा पाल
wheat
Wheat

गेहूं की फसल में अक्सर कई किसानों को यह समस्या आती है कि उनकी फसल में पीलापन आने लगा है. यह पीलापन फसल के पकने से पहले की अवस्था में आता है. अगर ऐसा गेहूं की फसल में होता है तो यह किसानों के लिए यर्क चिंता का विषय है. 

ऐसा इसलिए है क्योंकि इस तरह का पीलापन आना फसल के स्वस्थ न होने का संकेत है. इसका मतलब यह है कि कहीं न कहीं आपकी गेहूं की फसल की देख-रेख में कोई कमी ज़रूर है. आज हम आपको यही बताने जा रहें हैं कि ऐसा क्यों होता है और किसान इससे कैसे छुटकारा पा सकते हैं.

इस वजह से फसल में आता है पीलापन (Because of this, yellowing comes in the crop)

विशेषज्ञों की मानें तो गेहूं की फसल में पीलापन आने की वजह जिंक सल्फ़ेट है. अगर किसान अपने गेहूं की फसल में जिंक सल्फ़ेट का इस्तेमाल नहीं करते हैं तो इसकी वजह से ऐसा हो सकता है.

इसके साथ ही फसल में अगर इसका इस्तेमाल नहीं किया गया हो, तो फसल का विकास एक सामान नहीं होता है. इसमें पौधे छोटे रह जाते हैं और साथ ही पत्तियों पर भी इसका प्रभाव पड़ता है. पत्तियां पीली पड़ने लगतीं हैं. कुछ समय बाद ये पत्तियां पीले से गहरे भूरे रंग में बदल जाती है.

ऐसे करें जिंक की कमी को पूरा (How to complete zinc deficiency)

आपको बता दें कि अगर आपको भी अपनी फसल में जिंक का इस्तेमाल करना है तो 20 किलो जिंक प्रति हेक्टर की दर से पहली जुताई के दैरान दे देना चाहिए। ऐसा अगर क्या जाए तो खेत में लगभग तीन साल तक की जिंक की कमी की भरपाई हो जाएगी. 

ये भी पढ़ें: Wheat Cultivation: गेहूं की खेती का सही समय, बुवाई से लेकर कटाई तक रखें इन बातों का ध्यान

वहीं अगर आपको अपनी खड़ी फसल में जिंक डालना है तो अंकुरण के तीसरे और पांचवें हफ्ते के बाद करें. आप एक किलो जिंक सल्फ़ेट के साथ एक किलो यूरिया का 100 लीटर पानी में घोल बनाकर छिड़काव इसका कर सकते हैं.

English Summary: inmportance of zinc sulphate in wheat cultivation Published on: 18 December 2019, 03:59 PM IST

Like this article?

Hey! I am सुधा पाल . Did you liked this article and have suggestions to improve this article? Mail me your suggestions and feedback.

Share your comments

हमारे न्यूज़लेटर की सदस्यता लें. कृषि से संबंधित देशभर की सभी लेटेस्ट ख़बरें मेल पर पढ़ने के लिए हमारे न्यूज़लेटर की सदस्यता लें.

Subscribe Newsletters

Latest feeds

More News