Pest management in Mustard: सरसों की फसल पर कीटों का हमला किसानों के लिए चिंता का कारण हमेशा से बना रहा है. खासतौर पर लाही (Aphid) और आरा मक्खी (Sawfly) जैसे कीट सरसों फसल को बेहद नुकसान पहुंचाते हैं. फसल में लाही कीट पत्तियों और तनों से रस चूसकर फसल को कमजोर कर देता है, जबकि आरा मक्खी की लार्वा पत्तियों को खाकर फसल को नुकसान पहुंचाती है. इन कीटों के कारण उत्पादन में भारी कमी आ सकती है.
कृषि विशेषज्ञों के अनुसार, समय पर कीटनाशक छिड़काव और खेत की सही देखभाल से इन कीटों पर नियंत्रण पाया जा सकता है. किसानों की मदद के लिए कृषि विभाग ने सरसों फसल के प्रमुख कीटों की पहचान और प्रबंधन के उपाय साझा (Mustard crop protection Tips) किए हैं.
लाही (Aphid)
यह सरसों का एक प्रमुख कीट है. लाही कीट पीला-हरा या काले भूरे रंग का मुलायम, पंखयुक्त एवं पंख विहिन कीट होता है. इस कीट का वयस्क एवं शिशु कीट दोनों ही मुलायम पत्तियों, टहनियों, तनों, पुष्पक्रमों तथा फलियों से रस चुसते हैं. इससे आक्रांत पत्तियां मुड़ जाती है. फूल पर आक्रमण होने की स्थिति में फलियां नहीं बन पाती है. यह मधु जैसा पदार्थ का त्याग भी करता है, जिस पर काले फफुंद उग जाते हैं. इसके कारण पौधों की प्रकाश संश्लेषण की क्रिया प्रभावित होती है.
लाही के प्रबंधन के उपाय
- फसल की बुआई समय पर करना चाहिए.
- नेत्रजनीय उर्वरक का प्रयोग अनुशांसित मात्रा में करें.
- खेत को खर-पतवार से मुक्त रखें.
- खेत में प्रति हेक्टेयर 10 पीला फंदा का प्रयोग करना चाहिए.
- नीम आधारित कीटनाशी एजाडिरेक्टिन 1500 पी0पी0एम0 का 5 मिली लीटपर प्रति लीटर पानी में घोल बनाकर फसल पर छिड़काव करना चाहिए.
- प्रकोप अधिक होने पर रासायनिक कीटनाशी के रूप में आक्सीडेमेटान मिथाइल 25 ई0सी0 एक मिली लीटर प्रति लीटर अथवा मालाथियॉन 50 ई0सी0 1.5 मिली लीटर प्रति लीटर या इमिडाक्लोरपिड 17.8 प्रतिशत SL का 1 मिली लीटर प्रति 3 लीटर पानी में घोल बनाकर छिड़काव करना चाहिए.
आरा मक्खी (Sawfly)
यह सरसों के वानस्पतिक वृद्धि की अवस्था का एक प्रमुख कीट है. वयस्क कीट नारंगी-पीले रंग तथा काले सिर वाले होते हैं. इसकी मादा का ओभीपोजिटर आरी के समान होता है, इसलिए इसे आरा मक्खी कहते हैं. इसके पिल्लू पत्तियों को काटकर क्षति पहुंचाते हैं.
आरा मक्खी के प्रबंधन के उपाय
- फसल की कटाई के बाद खेत की गहरी जुताई करना चाहिए. ताकि मिट्टी में उपस्थि इस कीट का प्यूपा मिट्टी से बाहरा आ जाये तथा नष्ट हो जाये.
- नीम आधारित कीटनाशी एजाडिरेक्टिन 1500 पी0पी0एम0 का 5 मि0ली0 प्रति लीटर पानी में घोल बनाकर फसल पर छिड़काव करना चाहिए.
- रासायनिक कीटनाशियों में फेनभेलरेट 0.5 प्रतिशत धूल 20-25 किग्रा0/हेक्टेयर की दर से सुबह में भुरकाव करना चाहिए अथवा ऑक्सीडेमाटॉन मिथाईल 25 ई0सी का मि0ली0 प्रति लीटर की दर से फसल का छिड़काव करना चाहिए.
नोट: किसान सरसों की फसल में लगने वाले रोग व कीटों से जुड़ी अधिक जानकारी के लिए कॉल सेंटर के ट्रॉल फ्री नं0- 18001801551 पर या अपने जिला के सहायक निदेशक, पौधा संरक्षण से संपर्क कर सकते हैं.
Share your comments