Frost Attack: देश में सर्दी की समस्या बढ़ती जा रही है और यह मुख्य रूप से मैदानी और पहाड़ी राज्यों में देखने को मिल रही है. इसके प्रभाव से तापमान में लगातार कमी दर्ज की जा रही है. जिससे लोगों को सामने कई परेशानियां खड़ी हो गई हैं. विशेष रूप से बढ़ती ठंड के चलते किसानों के सामने बड़ी समस्या खड़ी हो गई है. जिससे किसान काफी चिंतित है. उत्तर भारत के क्षेत्रों में कड़कड़ाती सर्दी पड़ रही है, जिसके कारण किसानों को अपनी फसलें बचाने में समस्या पेश आ रही है. कड़कड़ाती ठंड के कारण रबी सीजन की कई फसलों को नुकसान हो रहा है.
ठंड के मौमस में आलू, टमाटर, मिर्च और बैंगन जैसी सब्जी वाली फसलों में कोहरे और पाले के कारण झुलसा और माहू रोग तेजी से फैलता है. इसलिए ठंड के दौरान किसानों को अपनी फसलों को विशेष रूप से ध्यान देना चाहिए. इस दौरान कुछ ऐसे काम हैं, जो किसानों को भूलकर भी नहीं करने चाहिए. आइए आपको इसके बारे में विस्तार से बताते हैं.
पाल पड़ने पर भूलकर भी न करें ये काम
पाला पड़ने पर खेत में जूताई करने से बचें. क्योंकि ऐसा करने से जमीन का तापमान कम हो जाता है. अगर आपके क्षेत्र में बारिश के आगमन का पूर्वानुमान है, तो सिंचाई करने से बचें. क्योंकि ज्यादा नमी होने पर सब्जी उगाने वाली फसलों को क्षति हो सकती है. अधिक नमी वाले मौसम में सब्जी की फसल में बीमारियां लगने की संभावना बढ़ जाती है.
खेतों को पूरी तरह सूखा नहीं रखें
हम सब जानते हैं कि फसल में पाला तब लगता है जब शीतलहर चलती है. इसके कारण पौधे के तने में जलवाष्प जम जाता है जिससे उसकी ग्रोथ रुक जाती है. इससे निपटने का पहला तरीका यह है कि खेत में पानी का स्तर कम रखें। परन्तु यह ध्यान रखना भी जरूरी है कि खेत की मिट्टी पूरी तरह सूखी न होने पाए। विशेषज्ञ बताते हैं कि गीली मिट्टी सूखी मिट्टी के मुकाबले अधिक फायदेमंद है. इसलिए, अपने खेतों की देखभाल के लिए, खेत की नमी बनाए रखना या ठंडी लहर के अनुसार पानी देने को सलाह दी जाती है. याद रखें, खेतों में जलभराव न करें. लेकिन, खेत को सूखा भी न रखें. ऐसे में किसान हल्की सिंचाई जरूर करें.
फसलों के उत्पादन पर पड़ता है असर
फसलों और सब्जियों में पाला लगने से उनकी उपज और क्वालिटी दोनों प्रभावित होती है. कृषि वैज्ञानिकों के अनुसार पाला लगाने से पौधों के पत्तियां झुलस जाती हैं और टहनियां नष्ट हो जाती हैं. इसके कारण पौधों में रोगों का प्रसार बढ़ जाता है. साथ ही फसलों के फूल मुरझा और सिकुड़ जाते हैं. वहीं फूलों के झड़ने से पैदावार कम हो जाती है और कई बार फसल भी कमजोर होकर मर जाती है. इससे फसल के उत्पादन पर सबसे अधिक प्रभाव पड़ता है. इससे कभी-कभी पूरी फसल नष्ट हो जाती है. ऐसे में किसान इन सब बातों को विशेष ध्यान रखें.
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