बहुत से लोग है जिन्हें खेती में कुछ नया और तगड़ा मुनाफा कमाने (Farming Profit) की चाह होती है.ऐसे में वो पपीते की खेती कर सकते हैं.पपीता एक ऐसा फल है जिसकी भारत में डिमांड हमेशा ही बनी रहती है.तो आइये जानते हैं कि पपीते की खेती कैसे करें.
पपीता की खेती की विशेषताएं (Features of Papaya Cultivation)
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Papita अपने उच्च पोषक तत्वों और औषधीय मूल्यों के लिए प्रसिद्ध एक लोकप्रिय फल है.
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यह किसी भी अन्य फल की फसल की तुलना में जल्दी उग जाती है.
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पपीता एक वर्ष से भी कम समय में फल देता है और फलों का उत्पादन प्रति इकाई क्षेत्र में काफी अधिक होता है.
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Papite Ki Kheti कमोबेश पूर्वोत्तर क्षेत्र के सभी राज्यों की तलहटी और मैदानी घाटियों में व्यावसायिक स्तर पर की जाती है.
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यह कई क्षेत्रों और किसानों के लिए महत्वपूर्ण फसल है.
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पहाड़ी राज्य पपीते की खेती का सबसे बड़ा क्षेत्र है.
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इसके बाद त्रिपुरा और मणिपुर हैं, जबकि उत्पादन में मणिपुर सबसे अधिक योगदान देता है.
भारत में पपीते की खेती (Papaya Cultivation in India)
Papita मेक्सिको की मूल फसल है और 16वीं शताब्दी में भारत में पेश किया गया था. अब यह पूरे भारत में लोकप्रिय हो गया है और देश का पाँचवाँ सबसे अधिक व्यावसायिक रूप से महत्वपूर्ण फल है. पपीते के उत्पादन में भारत लगभग 30 लाख टन के वार्षिक उत्पादन के साथ दुनिया में सबसे आगे है. अन्य प्रमुख उत्पादक ब्राजील, मैक्सिको, नाइजीरिया, इंडोनेशिया, चीन, पेरू, थाईलैंड और फिलीपींस हैं.
पपीते की खेती के लिए जलवायु और मिट्टी की आवश्यकताएं (Climate and soil requirements for papaya cultivation)
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पपीते के पौधे को गर्म आर्द्र जलवायु की आवश्यकता होती है और इसकी खेती एमएसएल से 1000-1200 मीटर की ऊंचाई तक की जा सकती है.
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आपको पता होना चाहिए कि पपीता पाले के लिए अतिसंवेदनशील होता है.
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इसके लिए उपजाऊ मिट्टी की आवश्यकता होती है. इसकी खेती के लिए गहरी और चट्टानी मिट्टी उपयुक्त नहीं होती है.
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इसकी खेती के लिए 6-7 की पीएच रेंज के साथ अच्छी तरह से सुखी मिट्टी बेस्ट होती है.
पपीते की खेती कब करें (When to Cultivate Papaya)
Papaya Farming के रोपण के लिए सबसे अच्छा मौसम मानसून (जून-जुलाई) है. आप वसंत के समय (फरवरी-मार्च) और शरद ऋतु (अक्टूबर-नवंबर) में भी रोपण कर सकते हैं. हालांकि इसके लिए मानसून सबसे अच्छा मौसम है. पपीते की खेती में रोपण प्रक्रिया के 5-6 महीने बाद फूल आना शुरू हो जाते हैं.
पपीते की खेती में पपीते के दो पौधों के बीच की दूरी (The distance between two papaya plants in papaya cultivation)
पपीते के रोपण के लिए 1.8 x 1.8 मीटर या 2.4 x 2.4 मीटर की दूरी पर खुदाई करने वाले 1-1.5 क्यूबिक फीट के गड्ढे के आकार की आवश्यकता होती है.
पपीते की खेती में पानी की सिंचाई (Water irrigation in papaya cultivation)
Papite Ki Kheti के लिए आप रिंग इरिगेशन सिस्टम का इस्तेमाल कर सकते हैं. ऐसी प्रणाली के लिए पपीते के पौधे की सिंचाई सर्दियों में 8-10 दिन और गर्मी में 6 दिन करें.
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