मधुमक्खी पालन एक ऐसा व्यवसाय (Business) जो कभी खत्म नहीं होगा. सभी जानते हैं कि हेल्थ के लिए शहद (Honey) कितना फायदेमंद है. शहद के औषधीय गुणों की वजह से आयुर्वेद में इसे खास जगह दी गई है. प्राचीन काल से ही इसका इस्तेमाल कई बीमारियों में किया जाता रहा है. शहद के सेवन से ना केवल मोटापे को कम किया जा सकता है, बल्कि पाचन प्रक्रिया में सुधार से लेकर कमजोरी दूर करने तक में इसका इस्तेमाल होता है. लोग अलग-अलग तरीके से जरूरत के हिसाब से शहद का इस्तेमाल करते हैं.
शहद की अत्याधिक मांग की एक बड़ी वजह ये है कि बड़ी से बड़ी कंपनियां भी इसकी पूर्ती करने में असमर्थ है. कई बार इसकी शुद्धता पर भी सवाल खड़े हो जाते हैं क्योंकि बहुत सी कंपनियों के शहद में मिलावट पाई गई. अगर आप एक अच्छ बिजनेस का विकल्प तलाश कर रहे हैं तो मधुमक्खी पालन से अच्छा कोई नहीं है.
मधुमक्खी पालन के लिए सरकार करेगी मदद (Government will help for beekeeping)
सबसे बड़ी बात ये है कि मधुमक्खी पालन के लिए सरकार लोन (Loan) और ट्रेनिंग (Training) भी उपलब्ध करती है. बस आपको जरूरत है अच्छी प्लानिंग (Planning) की. गौरतलब है कि मधुमक्खी पालन लघु उद्योग (Small Industry) में आता है, इसके लिए सरकार से 2 से 5 लाख तक की आर्थिक सहायता (Subsidies) ली जा सकती है. मधुमक्खी पालन का बिजनेस MSME विभाग के तहत आता है, इसके लिए केंद्र (Central Government) और राज्य सरकार (State Government) की तरफ से कई योजनाएं चलाई जा रही है. जिसका फायदा (Profit) उठाकर आप भी मधुमक्खी पालन के बिजनेस से जुड़ सकते हैं. आप सरकार की योजनाओं (Scheme) से कैसे फायदा उठा सकते हैं.
मधुमक्खी पालन के लिए कितनी मिलेगी सब्सिडी? (How much subsidy will be given for beekeeping?)
अगर आप भी मधुमक्खी पालन की शुरूआत करना चाहते हैं तो सरकार हनी प्रोसेसिंग प्लांट (Honey Processing Plant) के लिए 35-40 प्रतिशत की सब्सिडी देगी.
मधुमक्खी पालन में कितना आएगा खर्च? (Expenses in Honey Bee Farming)
वैसे तो मधुमक्खी पालन की शुरूआत 10 से 20(Boxes) से भी की जा सकती है. अगर 100 पेटियों की इकाई से कारोबार शुरू करना है तो 5 लाख के करीब खर्च आएगा.
मधुमक्खी पालन की यूनिट का स्ट्रेक्चर (Structure of Beekeeping Unit)
मधुमक्खी पालन के लिए कुछ विशेष बातों का ध्यान रखना होगा. इसके लिए ऐसी सुरक्षित जगह का चयन करें, जहां पेड़-पौधे हो. यानी इसका पालन आम, अमरूद और अन्य फलों के बागों में भी कर सकते हैं. अगर किसी बाग में मधुमक्खी का पालन करते हैं तो एक तीर से दो निशानें होंगे. इसका मतलब ये हुआ कि आप बाग में आने वाले फलों को बेचने के साथ-साथ शहद तैयार कर उसकी बिक्री करेंगे तो मुनाफा कई गुना बढ़ जाएगा. मधुमक्खियों की 100 से 200 पेटियां रखने के लिए दो से ढाई हजार स्क्वायर फीट तक की जमीन चाहिए. मधुमक्खी की उस प्रजाति का चयन करें, जो ज्यादा शहद उत्पादन करती हो. एक पेटी की कीमत ढाई से चार हजार आती है. एक पेटी में 300 से ज्यादा मधुमक्खियां आ सकती हैं. इसके अलावा हाथों के ग्लव्स, चाकू, शहद निकालने के लिए ड्रम और रिमूविंग मशीन आदि चाहिए.
ज्यादा शहद देने वाली मधुमक्खी की प्रजातियां (Honey bee species)
आपको बता दें कि ये मधुमक्खी की प्रजातियां जैसे एपीस फ्लोरा, एपीस इंडिका या एपीस डोरसैला मधुमक्खियां ज्यादा शहद उत्पादन करती है. एपीस फ्लोरा अधिक शहद उत्पादन करने वाली शांत स्वभाव वाली मक्खी है, जिसे पालना आसान है. इतना है नहीं, एपीस फ्लोरा प्रजाति की मधुमक्खी ज्यादा अंडे देने में भी सक्षम है. जिससे कभी मधुमक्खियों की कमी नहीं पड़ेगी.
मधुमक्खी पालन से कमाई (Income from Honey Bee Farming)
क्योंकि बाजार में शुद्ध शहीद कम मिलता है इसलिए बिना मिलावट वाला शहद मार्किट में उतारकर बहुत मुनाफा कमाया जा सकता है. वर्तमान में 1 किलो ऑर्गेनिक शहद (Organic honey) की कीमत 700 रुपए तक मिल सकती है. अगर एक पेटी से 40 किलो शहद मिलता है तो 100 पेटियों से 4 हजार किलो शहद निकाल सकता है. अगर एक किलो शुद्ध शहद की कीमत 700 रुपए के करीब है तो आप ढाई लाख रुपए से ज्यादा कमा सकते हैं.
मधुमक्खी पालन के लिए यहां से लें ट्रेनिंग (Take training from here for beekeeping)
मधुमक्खी पालन की ट्रेनिंग के लिए कुछ संस्थाएं कोर्स भी कराती हैं. इसके लिए EDNERU यानी नॉर्थ ईस्ट रीजन यूनिट के शैक्षिक विकास के माध्यम से इग्नू क्षेत्रीय केंद्र, शिलांग (मेघालय) सर्टिफिकेट कोर्स कर सकते हैं. जिसकी कुछ मामूली फीस होगी.
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