सर्द ऋतु में तापमान बढ़ी तेजी के साथ गिरता है. कड़ाके की ठंड के साथ पाला भी गिरने लगता है. ऐसे में लोग खुद का बचाव तो कर ही लेते हें मगर किसान अपनी फसलों के लिए परेशान हो जाते हैं, क्योंकि पाले से फसल को खासा नुकसान पहुंचता है. ऐसें में किसान इस बार पहले से ही खरीफ सीजन के नुकसान का बोझ उठा रहे हैं और अब पाले की वजह से रबी सीजन की फसल खराब हो जाए तो किसानों को बहुत नुकसान झेलना पड़ेगा. इस बार किसानों को आलू की फसल पर पाला पड़ने से नुकसान होने का डर सता रहा है. लेकिन थोड़ी सूझबूझ से वह अपनी फसल को बचा सकते हैं.
ठंड के कारण कई जगहों पर पाला अधिक पड़ने लगता है, तो वहीं कई जगहों पर पाला जमने भी लगता है. जिससे खेतों में पनप रहे छोटे-छोटे पौधे ठंडे सहन नहीं कर पाते और खराब होने लगते हैं. पौधों को भी जीवित रहने के लिए सांस लेनी पड़ती है, मगर खेतों में पाला होने के कारण पौधों की स्वसन प्रक्रिया पूरी तरह से रूक जाती है और पौधें बीमार होकर खत्म हो जाते हैं. जिसको देखते हुए किसानों को कुछ इस प्रकार से अपनी फसल का रखरखाव करने की आवश्यकता है.
आलू को पाले से कैसे बचाएं
खेतों में करें सिंचाई
कृषि सलहाकारों का मानना है कि पाले के कारण आलू की फसल झुलस जाती है, जिसे झुलसा रोग के रूप में पहचाना जाता है. इसके लिए सबसे जरूरी है कि किसान समय-समय पर खेतों की सिंचाई जरूर करें, जिससे पानी फसलों के लिए रेगुलेटर का काम करेगा और तापमान मे बदलाव भी नहीं होगा. विशेषज्ञों की मानें तो आलू की फसल में 10 से 15 दिनों के बीच सिंचाई करनी चाहिए.
फसल को प्लास्टिक की चादर से ढकें
यदि आपने आलू की फसल नर्सरी में उगाई है या फिर किसी छोटी जगह पर तो आप फसल को पाले से बचाने के लिए उसके ऊपर प्लास्टिक की चादर बिछा सकते हैं. ध्यान रहे कि रात के वक्त चादर को फसल के ऊपर बिछाएं जिससे उसके भीतर का तापमान 3 से 4 डिग्री तक बढ़ जाता है और पौधों को अधिक ठंड नहीं लगती. इसके अलावा पौधे पाले के चपेट में आने से बच जाते हैं.
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सड़ी हुई छाछ आएगी काम
यदि आप कुछ देसी नुस्खों से अपनी आलू की फसल को पाले से बचाना चाहते हैं, तो 20 से 25 दिनों की सड़ी हुई छाछ पानी में मिलाकर उसका फसल पर छिड़काव कर लें. इससे फसल को काफी लाभ पहुंचेगा.
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