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Fisheries: मछली पालन के लिए मिल रही है 60 प्रतिशत की सब्सिडी, डबल मुनाफे के लिए ऐसे शुरू करें व्यवसाय

केंद्र और राज्य सरकारें अपने-अपने स्तर पर अनेक सरकारी योजनाओं के माध्यम से मछली पालन व्यवसाय शुरू करने के लिए किसानों को सब्सिडी देकर आर्थिक मदद प्रदान कर रही हैं.

मनीष कुमार
इस स्कीम के तहत किसानों को नि:शुल्क प्रशिक्षण और ऋण प्रदान किया जाता है. योजना का लाभ उठाने के लिए आपको अपने जिले या तहसील के मत्स्य पालन विभाग से संपर्क करना होगा. (फोटो-सोशल मीडिया)
इस स्कीम के तहत किसानों को नि:शुल्क प्रशिक्षण और ऋण प्रदान किया जाता है. योजना का लाभ उठाने के लिए आपको अपने जिले या तहसील के मत्स्य पालन विभाग से संपर्क करना होगा. (फोटो-सोशल मीडिया)

ग्रामीण और कस्बाई क्षेत्रों में मछली पालन आमदनी का एक बढ़िया जरिया है. बड़ी संख्या में किसान और व्यापारी मछली पालन कर रहे हैं. मछली पालन एक मुनाफे का सौदा है. मत्स्य पालन व्यवसाय में नई-नई तकनीक आने से कम मेहनत और कम धन के निवेश से ही अच्छा मुनाफा मिल जाता है.

ऐसे शुरू करें मछली पालन

मछली के बीज या जीरा तालाब में डालने से पहले इसे साफ करना आवश्यक है. तालाब से सभी जलीय पौधे, खाऊ मछलियों को निकाल दें. देशी मछलियों की किस्मों में कतला, रोहू, मृगल और विदेशियों मछलियों में सिल्वर कार्प, ग्रांस कार्प और कॉमन कार्प सबसे अच्छा उत्पादन देती हैं. किसान चाहें तो बायोफ्लॉक मछली पालन के लिए अपनी सहूलियत के हिसाब से छोटे या बड़े टैंक बनवा सकते हैं.

जरूरी नहीं है कि मछली पालन के लिए बड़े तालाब का ही चयन किया जाए आप अपनी नर्सरी में भी तालाब खोदकर मछली पालन व्यवसाय शुरू कर सकते हैं.

मछलियों के लिए भोजन

मछली के अधिक उत्पादन के लिए प्राकृतिक के अलावा कृत्रिम भोजन की आवश्यकता होती है. इसके लिए सरसों की खली और चावल का कुंडा बराबर मात्रा में डालकर मछिलों को चारा देना चाहिए.

बायोफ्लॉक विधि से करें व्यवसाय

बायोफ्लॉक में मछली पालन करने के लिए किसान की आवश्यकता, मार्केट डिमांड और बजट को ध्यान में रखकर टैंक बनाए जाते हैं. यह तरीका तालाब में मछली पालन के लिए काफी सस्ता पड़ता है.

टैंक विधि से मछली पालन करने पर मछलियों को दाना डाला जाता है, इसके बाद मछलियां इसका सेवन कर अपशिष्ट छोड़ती हैं. यह अपशिष्ट दाने के साथ तली में बैठ जाता है. इसके सफाई या रिसाइक्लिंग के लिए बायोफ्लॉक बैक्टेरिया छोड़ा जाता है. यह बैक्टेरिया मछली के अपशिष्ट को प्रोटीन में बदल देता है. इससे मछलियों का चार दोबारा तैयार हो जाता है.

तालाब की सफाई या रिसाइक्लिंग के लिए बायोफ्लॉक बैक्टेरिया छोड़ा जाता है. यह बैक्टेरिया मछली के अपशिष्ट को प्रोटीन में बदल देता है. इससे मछलियों का चार दोबारा तैयार हो जाता है. (फोटो-सोशल मीडिया)
तालाब की सफाई या रिसाइक्लिंग के लिए बायोफ्लॉक बैक्टेरिया छोड़ा जाता है. यह बैक्टेरिया मछली के अपशिष्ट को प्रोटीन में बदल देता है. इससे मछलियों का चार दोबारा तैयार हो जाता है. (फोटो-सोशल मीडिया)

पीएम मत्स्य संपदा योजना 2022-23

केंद्र की मोदी सरकार द्वारा किसानों की आय बढ़ाने के लिए सितंबर 2020  को पीएम मत्स्य संपदा योजना (पीएमएमएसवाई) की शुरुआत की गई थी. मछली पालन के क्षेत्र में यह सबसे बड़ी योजना है. इस स्कीम के तहत किसानों को नि:शुल्क प्रशिक्षण और ऋण प्रदान किया जाता है. योजना का लाभ उठाने के लिए आपको अपने जिले या तहसील के मत्स्य पालन विभाग से संपर्क करना होगा.

इस योजना में महिलाओं को 60% अन्य सभी को 40% तक की सब्सिडी या 2 लाख रुपये तक की छूट मिलती है.

योजना का लाभ उठाने के लिए ऐसे करें आवेदन

मछली पालन व्यवसाय शुरू करने के लिए कोई भी व्यक्ति अपने राज्य की मत्स्य पालन विभाग की वेबसाइट पर जाकर ऑनलाइन आवेदन कर सकता है. पीएम मत्स्य संपदा योजना का लाभ उठाने के लिए आधिकारिक वेबसाइट https://dof.gov.in/pmmsy पर क्लिक कर आवेदन कर सकते हैं. ऋण सुविधा का लाभ उठाने के लिए नजदीकी सहकारी बैंक में फॉर्म भरें. इसके तहत नाबार्ड सब्सिडी योजना के तहत लोन दिया जाएगा.

ये भी पढ़ें-पशुपालक इन बकरियों की वैरायटियों का करें चयन, होगी बढ़िया कमाई; ऐसे करें बाड़े का प्रबंधन

बिना किसी गारंटी 1.60 लाख का मिलेगा ऋण

पीएम मत्स्य संपदा योजना के तहत मछली पालन क्रेडिट कार्ड बनवाकर 1.60 लाख रुपये का बिना गारंटी के लोन भी ले सकते हैं. क्रेडिट कार्ड पर अधिकतम 3 लाख रुपये तक का लोन लिया जा सकता है.

योजना का लाभ उठाने के लिए आवश्यक डॉक्यूमेंट

  • पासपोर्ट साइज फोटो
  • आधार कार्ड
  • पैन कार्ड
  • तालाब या जमीन अभिलेख
  • जाति प्रमाण पत्र
  • मछली पालन में खर्च और मुनाफा
English Summary: Fisheries 60 percent subsidy has been given by Govt. for fish farming start business like this for double profit Published on: 11 November 2022, 12:20 PM IST

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