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बेमौसमी सब्जियों की खेती कर किसान कर रहें अच्छी आमदनी

हिमाचल (धर्मशाला) के बैजनाथ उपमंडल के छोटा व बड़ा भंगाल के किसानों ने परंपरागत खेती से हटकर बेमौसमी सब्जियां उगाकर अपनी आय को कई गुना बढ़ा लिया है. किसानों की मेहनत और कृषि विभाग के सहयोग एवं परामर्श से सभी प्राकृतिक संसाधनों के प्रयोग से यहां बेमौसमी सब्जियों के उत्पादन में बेहतरीन कार्य हुआ है. यहां के लगभग 700 हेक्टेयर क्षेत्र में बंद गोभी, फूलगोभी, ब्रोकली, मूली और धनिया का उत्पादन हो रहा है.

विवेक कुमार राय
broccoli
Poly House

हिमाचल (धर्मशाला) के बैजनाथ उपमंडल के छोटा व बड़ा भंगाल के किसानों ने परंपरागत खेती से हटकर बेमौसमी सब्जियां उगाकर अपनी आय को कई गुना बढ़ा लिया है. किसानों की मेहनत और कृषि विभाग के सहयोग एवं परामर्श से सभी प्राकृतिक संसाधनों के प्रयोग से यहां बेमौसमी सब्जियों के उत्पादन में बेहतरीन कार्य हुआ है.

यहां के लगभग 700 हेक्टेयर क्षेत्र में बंद गोभी, फूलगोभी, ब्रोकली, मूली और धनिया का उत्पादन हो रहा है. उत्पादन को बेचने के लिए सरकार ने मुल्थान में ही सब्जी मंडी स्थापित की है. इसके अलावा किसान अपने उत्पाद सीधे प्रदेश के अन्य भागों के अतिरिक्त पंजाब, हरियाणा, चंडीगढ़ और दिल्ली आदि राज्यों में अच्छे भाव पर बेच रहे हैं. गौरतलब है कि गुणवत्तायुक्त एवं बेमौसमी सब्जी उत्पादन के लिए पॉलीहाउस तकनीक एक वरदान है.

पॉली हाउस कैसा होता है ? (How is a poly house?)

पॉली हाउस एक घर नुमा ढांचा होता है जो यूवी. प्रतिरोधी पॉलीथिन की शीट से ढका होता है. इन पॉलीहाउस में कुछ चयनित ग्रीष्मकालीन बेमौसमी सब्जियों व उनकी चयनित केवल संकर किस्मों से अधिक अच्छी गुणवत्ता की पैदावार संभव है. निचले एवं मध्य पर्वतीय क्षेत्रों में पॉलीहाउस में उगाई जाने वाली केवल तीन ही बेमौसमी फसलें है – शिमला मिर्च, टमाटर और पार्थिनोकार्पिक खीरा है.

पॉली हाउस में सब्जियों की सफल खेती हेतु निम्न बातों का ध्यान रखना चाहिए (Following things should be kept in mind for successful cultivation of vegetables in poly house) 

1- मध्य पर्वतीय क्षेत्रों के किसान पतझड़-सहित व बसंत ऋतु में बेमौसमी धनियां, हरी पत्तेदार सब्जियां तथा मटर इत्यादि को केवल पॉलीहाउस में पूर्ण रूप से लगभग सारा साल उगा सकते है, लेकिन इस बात का किसान ध्यान रखें की इन फसलों से उन्हें आमदनी केवल बेमौसम उत्पादन से ही संभव है.

2- पॉलीहाउस में केवल अनियमित बढ़वार वाली संकर किस्में व रोग प्रतिरोधी किस्मे ही लगाएं तथा शीर्चनोचन एवं काट-छांट पर विशेष ध्यान दे.

3- पॉलीहाउस के अंदर एवं बहार सफाई का विशेष ध्यान रखें तथा एवं दरवाजा हमेशा बंद रखें.

4- ड्रिप-सिंचाई विधि द्वारा तथा फर्टिगेशन (खाद+पानी) का विशेष ध्यान रखें तथा उपयुक्त समय पर सिंचाई व तरल खाद फल बनने के बाद देते रहें.

5- दोहरा दरवाजा, किनारे व ऊपर मलमल के जाले (40-50 मैश) का प्रयोग करे तथा पॉलीहाउस के ऊपर रोलिंग टाइप के हरे छायादार जले 50% का उपयोग अप्रेल से सितंबर तक आवश्यकतानुसार 11 बजे (सुबह) से 3 बजे (शाम) तक करें. ध्यान रखें पॉलीहाउस में दिन का तापमान 25 डिग्री सेंटीग्रेड से उपन न जायें.

English Summary: Farmers make good income by cultivating Off-season vegetable Published on: 28 August 2019, 06:27 PM IST

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