रबी फसलों की कटाई अब पूरी हो चुकी है. कटाई के बाद किसान अपनी उपज को लेकर मंडियों में पहुंच रहे हैं. जबकि कटाई के बाद बचे फसल के अवशेष यानी पराली को किसानों ने खेतों में छोड़ दिया है. अब किसान अगले सीजन की तैयारियों में जुट गए हैं. जिसके लिए किसानों ने पराली का निपटारा करना शुरू कर दिया है. किसान अपने खेतों में ही पराली जला रहे हैं.
हरियाणा, पंजाब, राजस्थान, मध्यप्रदेश, उत्तर प्रदेश समेत अन्य राज्यों में पराली जलाने की वजह से प्रदूषण का खतरा भी पैदा हो गया है. लेकिन विशेषज्ञों का कहना है कि पराली को जलाने के बजाय सही इस्तेमाल कर किसान इससे कमाई भी कर सकते हैं. इसके लिए कई राज्य सरकारें पराली के सही ढंग से निस्तारण की एवज में प्रति एकड़ मुआवजा भी दे रही है.
खाद के रूप में कर सकते हैं पराली का इस्तेमाल
बेहतर खेती के लिए किसान पराली को मल्चर, पलटावे हेल और रोटावेटर आदि की मदद से मिट्टी में मिला सकते हैं. ऐसा करने से किसान पराली को खाद के रूप में इस्तेमाल कर सकते हैं. यह जमीन के पोषक तत्वों को बढ़ाने के साथ-साथ उसे उर्वरक भी बनाता है. किसान अगले सीजन की बुवाई से पहले पराली से खाद बनाकर अपने खेतों में इस्तेमाल कर सकते हैं. इससे उन्हें अगल से खाद खरीदने की जरूरत नहीं पड़ेगी.
पराली से खाद कैसे बनाएं?
पराली से खाद बनाने के लिए आप निम्न तरीकों को अपना सकते हैं:
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बायो डिकंपोजर का उपयोग करके खाद बनाना.
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पराली को एक गड्ढे में डालकर बायो डिकंपोजर कैप्सूल मिलाएं.
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इसे ढक दें और 25-30 दिन तक छोड़ दें ताकि पराली कंपोस्ट में बदल जाए.
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पूसा इंस्टीट्यूट के अनुसार, 4 कैप्सूल से 25 लीटर तक बायो डिकंपोजर घोल बनाया जा सकता है.
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बायोकार यूनिट का उपयोग करके खाद बनाना
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एक बायोकार यूनिट एक 20 फीट चौड़ा और 11 फीट लंबा सिलेंडर होता है जिसमें छिद्र होते हैं.
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पराली को इस सिलेंडर में भरा जाता है जो कि एक एकड़ क्षेत्र के लिए 10 क्विंटल होती है.
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इसके ऊपर से जलाया जाता है और 100% ऑक्सीजन की उपलब्धता के साथ जलता है.
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इससे पराली को खाद में बदला जा सकता है.
गुड़ और बेसन मिलाकर खाद बनाना
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पराली को जलाने की बजाय इसमें गुड़ और बेसन मिलाकर खाद बनाई जा सकती है.
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एक एकड़ में दो कट्टे यूरिया की आवश्यकता होती है लेकिन इस घोल का उपयोग करने के बाद केवल एक कट्टे में काम चल जाता है.
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इन तरीकों का उपयोग करके पराली को जलाने की बजाय इसे खाद में बदला जा सकता है जो मिट्टी के लिए बेहद लाभकारी है.
हरियाणा में जमकर कमाई कर रहे किसान
हरियाणा सरकार ने पराली के सही इस्तेमाल के लिए योजना शुरू की है. इससे किसान प्रति एकड़ पराली बेचकर 1000 रुपये तक कमाई कर सकते हैं. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, अभी कुछ दिनों पहले अंबाला में किसानों ने पराली जलाने के बजाय उसे बेचकर 1 करोड़ 10 लाख 78 हजार 660 रुपया कमाया था. योजना के तहत कृषि एवं कल्याण विभाग ने किसानों को प्रति एकड़ एक हजार रुपये की प्रोत्साहन राशि दी. किसानों ने बेलर से पराली की गांठ बनवाकर खेत से बाहर निकाला. उन्हें प्रति एक एकड़ एक हजार रुपये दिया गया. पुराने रिकॉर्ड की बात करें तो 910 किसानों ने वर्ष 2020-21 में योजना का लाभ लिया था. उन्हें सरकार की ओर से 68 लाख 65 हजार रुपये प्रोत्साहन राशि के रूप में दिए गए.
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