केले की फसल से ज्यादा पैदावार लेने के लिए किसान अब केले की प्रजाति 'जी-9' की खेती कर सकते हैं. केले की इस प्रजाति की खेती करने पर किसानों को कम लागत में अधिक मुनाफा हो रहा हैं. 'कृषि विज्ञान केंद्र' के वैज्ञानिक भी केले की खेती को बढ़ावा देने के लिए किसानों को 'जी-9' की ही खेती करने की सलाह दे रहे हैं. गौरतलब हैं कि किसान केले के इस किस्म के साथ आलू की भी खेती कर सकते हैं. वहीं आलू की पैदावार होने के बाद किसान खाली जमीन में हल्दी व अदरक की सहफसली खेती करके कम लागत में अधिक मुनाफा कमा सकते है. कृषि विज्ञान केंद्र के प्रक्षेत्र में केले की इस प्रजाति की खेती कर किसानों के प्रदर्शन के लिए लगाई गई है ताकि किसान फसल को देखकर स्वयं खेती करके लाभ उठा सकें.
गुजरात के वडोदरा जिले के नंदेरीया नामक गांव के रहने वाले किसान 'योगेश नरेन्द्रभाई पुरोहित' के मुताबिक, इस समय G-9 और विलियम्स केले की उन्नत किस्म का पौधा है. उनके साथ-साथ वडोदरा जिले के ज़्यादातर किसान केले की इन्हीं किस्मों की खेती कर रहे है. योगेश के मुताबिक, G-9 या विलियम्स केले की एक एकड़ में 1400 पौधों की बुआई होती है. जिनमे से एक पौधे की कीमत नर्सरी से लेने पर 14 रुपए पड़ता है. ऐसे में 1 एकड़ जमीन पर केले की खेती करने पर पौधों की कीमत में लागत औसतन 20000 रूपये आता है.
योगेश के मुताबिक, केले की केमिकल विधि से खेती करने पर एक एकड़ में बीज के अलावा 90000 से 100000 रुपये लागत आता है तो वहीं जैविक विधि से खेती करने पर 50000 से 60000 तक औसतन लागत आता हैं. योगेश के मुताबिक, केले के एक पौधें से औसतन 1.5 (30 किलों) कैरेट फल मिल जाता है. जिसकी बाजार में औसतन कीमत 250 से 300 रुपये कैरट होता हैं. कभी-कभी बाजार में मंदी के वजह से इसकी कीमत 100 रुपये कैरेट भी हो जाती है.
विवेक राय, कृषि जागरण
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