भारत में लीची फल का प्रमुख उत्पादक बिहार राज्य है. इसलिए बिहार अपने स्वादिष्ट और उच्च गुणवत्ता वाले लीची फल के लिए जाना जाता है. राज्य में लीची की कई किस्में उगाई जाती हैं. लेकिन ज्यादातर लोग शाही लीची के बारे में ही जानते हैं क्योंकि इसे जीआई टैग मिल चुका है और ये अपने स्वाद और विशिष्ट सुंगध के लिए देश और दुनिया में मशहूर है. लेकिन यहां आपको हम बिहार में उगाई जाने वाली और भी कई किस्मों की जानकारी देने जा रहे हैं. तो चलिए जानते हैं बिहार राज्य में उगाई जाने वाली लीची की कुछ किस्मों के बारे में...
टॉप 5 लीची की किस्में
शाही लीची: यह बिहार में उगाई जाने वाली लीची की सबसे लोकप्रिय किस्म है और अपने रसीले और मीठे स्वाद के लिए जानी जाती है. शाही लीची मुख्य रूप से बिहार के मुजफ्फरपुर जिले में उगाई जाती है. इसलिए इसे "भारत की लीची राजधानी" के रूप में भी जाना जाता है. फल आकार में गोल या अंडाकार होता है और इसकी पतली, खुरदरी और लाल-भूरी त्वचा होती है. मांस सफेद और रसदार होता है, जिसमें एक विशिष्ट सुगंध भी होती है.
बेदाना लीची: लीची की यह किस्म बिहार के वैशाली जिले में उगाई जाती है. ये अपने बड़े आकार और मीठे स्वाद के लिए जानी जाती है.
लेट बेदाना लीची: यह बिहार के वैशाली जिले में उगाई जाने वाली लीची की एक और किस्म है और देर से पकने की अवधि के लिए जानी जाती है. लेट बेदाना लीची का अंडाकार आकार होता है.
गुलाब की सुगंध वाली लीची: लीची की यह किस्म बिहार के समस्तीपुर जिले में उगाई जाती है और अपनी विशिष्ट गुलाब जैसी सुगंध और मीठे स्वाद के लिए जानी जाती है. गुलाब सी सुगंधित इस लीची का आकार भी गोल या अंडाकार होता है.
चायना लीची: इस किस्म की लीची बिहार में भी उगाई जाती है. ये अपने बड़े आकार और स्वादिष्ट स्वाद के लिए जानी जाती है.
कुल मिलाकर, बिहार की लीची की किस्में अपने स्वादिष्ट स्वाद, रसदार मांस और विशिष्ट सुगंध के लिए जानी जाती हैं. राज्य का लीची उद्योग इसकी अर्थव्यवस्था का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है और हजारों किसानों और श्रमिकों को रोजगार प्रदान करता है.
लीची की अन्य नई किस्में
यहां आपको ये भी बता दें कि हाल ही में बिहार में लीची की पैदावार बढ़ाने के लिए राज्य सरकार और राष्ट्रीय लीची अनुसंधान केंद्र (एनआरसी) ने किसानों को कुछ नई विकसित किस्मों के उत्पादन के लिए प्रोत्साहित करने का काम किया है. लीची की इन नई किस्मों में गंडकी योगिता, गंडकी लालिमा और गंडकी संपदा शामिल है.
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बिहार कृषि विभाग की आधिकारिक ट्वीवटर पर दी गई जानकारी के मुताबिक
बिहार में लीची की उत्पादकता 8.40 मीट्रिक टन/हेक्टेयर है जो राष्ट्रीय औसत से अधिक है.
लीची की खेती में 40,000 से अधिक किसान लगे हुए हैं.
देश के कुल लीची उत्पादन में 40% योगदान के साथ बिहार अग्रणी लीची का उत्पादक राज्य है.
36,000 से ज्यादा हेक्टेयर में लीची की खेती हो रही है.
बिहार में लीची का कुल उत्पादन 3 लाख मीट्रिक टन से ज्यादा है.
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