1. Home
  2. खेती-बाड़ी

धतूरे की खेती भारत में होती है या नहीं? जानें इसकी खेती का पूरा तरीका

धतूरा की खेती भारत में प्रतिबंधित है. लेकिन इसे दवाईयों में इस्तेमाल होने की वजह से इसे कुछ जगहों पर उगाया जाता है. ऐसे में चलिए इसकी खेती के बारे में पूरी जानकारी जानते हैं.

अनामिका प्रीतम
धतूरे की खेती
धतूरे की खेती

हांधतूरा भारत में बैन है. भारत सरकार ने धतूरा को भारत में तंबाकू उत्पादों की श्रृंखला में शामिल करने से रोकने के लिए इसे विस्तार से प्रतिबंधित कर दिया है. धतूरा का उपयोग धूम्रपान और नशे के लिए किया जाता है जो जीवन के लिए खतरनाक हो सकता है.

हालांकि धतूरे का उपयोग भारतीय दवाओं में होता है और इसे पेपर-मैकिंग में भी उपयोग किया जाता है. इसलिए भारत के कई क्षेत्रों में इसकी खेती की जाती है. इसके लिए बस किसानों को सरकार से इसकी खेती करने के लिए लाइसेंस लेना पड़ता है. इसकी खेती भारत में प्रचलित होने के साथ-साथ यूरोप और अमेरिका में भी है.

धतूरे की खेती से पहले ध्यान दें

धतूरा एक सामान्य फसल है जो खुशबूदार फूलों वाला छोटा पौधा होता है. यह फसल स्थानीय उपज के रूप में उगाई जाती है. इसे उगाने के लिए खेतीकरों को कुछ खास तरीकों का पालन करना पड़ता हैजिसमें बीज बोनापौधों की देखभाल और उन्हें प्रभावित करने वाली कीटों और रोगों से निपटने के लिए उपयुक्त उपाय शामिल होते हैं. हालांकि, ध्यान रहें कि इसकी खेती सरकार द्वारा प्रतिबंधित की गई है क्योंकि इसके उपयोग से हानिकारक दवाओं और नशे के लिए उपयोग होता है. इसलिए जिन किसानों को इसकी खेती करनी है उन्हें सरकार से अनुमति लेनी पड़ेगी.

बीजों को उगाएं: धतूरे की बुवाई बीज से की जाती हैजो कि आमतौर पर अक्टूबर और नवंबर के महीनों में की जाती है. धतूरे के बीजों को उगाने से पहले एक दिन के लिए पानी में भिगोएं. बीजों को 15 सेमी दूरी पर रखें ताकि पौधा आसानी से बढ़ सके. बता दें कि धतूरे की खेती के लिए मौसम और मिट्टी के अनुसार अलग-अलग प्रकार के बीज उपलब्ध होते हैं.

उपयुक्त मिट्टी: धतूरे को अच्छी तरह से निकासित मिट्टी में उगाना चाहिए जो अच्छी निर्धारित विद्युत की पहुंच के साथ अच्छी द्रवणीयता वाली हो. इससे मिट्टी का द्रवणीयता बढ़ता है जो धतूरे की उन्नति में मदद करता है.

सिंचाई: बुवाई के बाद धतूरे को समय-समय पर पानी देना बहुत जरूरी होता है. इसके लिए निर्धारित समय में बारिश या नल से पानी दिया जाता है.

धतूरे की खेती के लिए एक अच्छी खेती प्रणाली अपनाई जानी चाहिए. समय-समय पर खेत में खाद डालनेफसल की जांच करने और फसल को पानी देने जैसे विभिन्न एक्शन लेने की जरूरत होती है.

धतूरे (भारतीय दवाओं में इस्तेमाल)

दुष्प्रभावों से लड़ने की क्षमता: धतूरा एक प्राकृतिक पैनासी या उत्तेजक होता है जो बुखारसर्दी-जुकामखांसीएलर्जी और अन्य संक्रमण से लड़ने की क्षमता होती है.

दर्द निवारण: धतूरा एक शक्तिशाली पेन-किलर भी होता है जो मांसपेशियों और नसों के दर्द को कम करता है.

श्वसन संबंधी समस्याओं में लाभ: धतूरा एक ब्रोंशोडिलेटर होता है जो फेफड़ों की संग्रहीत फ्लूइड को निकालता है और उच्च श्वसन संबंधी रोगों जैसे अस्थमाब्रोंशाइटिस और श्वसन संक्रमण से निपटने में मदद करता है.

ये भी पढ़ेंः धतूरा का सेवन सेहत को देगा यह गुणकारी लाभ

मूत्र उत्पादन की समस्या में लाभ: धतूरा एक डायुरेटिक होता है जो शरीर से अतिरिक्त वायु और विषैले पदार्थों को बाहर निकालता है और मूत्र उत्पादन को बढ़ाता है.

English Summary: Dhatura is cultivated in India or not? Learn the complete method of its cultivation Published on: 31 March 2023, 04:05 PM IST

Like this article?

Hey! I am अनामिका प्रीतम . Did you liked this article and have suggestions to improve this article? Mail me your suggestions and feedback.

Share your comments

हमारे न्यूज़लेटर की सदस्यता लें. कृषि से संबंधित देशभर की सभी लेटेस्ट ख़बरें मेल पर पढ़ने के लिए हमारे न्यूज़लेटर की सदस्यता लें.

Subscribe Newsletters

Latest feeds

More News