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Krishna Kamal Fruit: कृष्ण कमल फल की खेती और प्रबंधन

कृष्णा फल को पैशन फ्रूट के नाम से भी जाना जाता है. यह पीले रंग में अंडाकार आकार का होता है. तो आइए जानते हैं इस कृष्ण कमल फल की खेती और प्रबंधन का तरीका....

रवींद्र यादव
कृष्ण कमल फल की खेती
कृष्ण कमल फल की खेती

कृष्ण कमल फल अपने अनोखे स्वाद व सुगंध के लिए जाना जाता है. इसे दुनिया के लगभग सभी देशों में खाया जाता है. यह मूल रूप से एक अमेरिकन फल है. इसके लिए उष्णकटिबंधीय तथा उप- उष्णकटिबंधीय क्षेत्र उपयुक्त होता है. दुनिया भर में इसकी लगभग 550 प्रजातयां पाई जाती हैं. यह बैंगनी एवं पीले रंग का होता है. कृष्ण कमल का फल में पीले रंग का गूदा तथा काले रंग का बीज होता हैं, इसका गूदा खाने में काफी मजेदार स्वाद वाला तथा औषधीय गुणों से भरपूर होता है. इसे पैशन फ्रुट के नाम से भी जाना जाता है.

खेती का तरीका

तापमान

कृष्णा फल की खेती के उष्णकटिबंधीय एवं उप-उष्णकटिबंधीय क्षेत्र जहां औसत वर्षा 100 से 250 से.मी. के बीच हो, वहां उपयुक्त माना जाता है. बैंगनी पैशन फ्रूट में फूल तथा फल लगने के लिए 18 से 23°C का तापमान अनुकूल होता है.

मिट्टी

इसकी खेती के लिए भारी रेतीली दोमट तथा मध्यम दोमट मिट्टी को सबसे उपयुक्त माना जाता है. ऐसी मिट्टी जिसका पी.एच. 6.5 से 7.5 के बीच होना जरुरी है. बहुत अधिक अम्लीय मिट्टी होने पर चुना डालकर मिट्टी की अम्लीयता को कम किया जा सकता है. इसके अतिरिक्त मिट्टी में पर्याप्त कार्बनिक पदार्थों के साथ-साथ लवण की भी उचित मात्रा होनी चाहिए.

खाद एवं उर्वरक

पौध रोपण से पूर्व खेतों की गहरी जुताई के साथ ही जैविक खाद एवं आवश्यक उर्वरकों को मिला लेना चाहिए. खेतों में उर्वरकों के प्रयोग से पूर्व मिट्टी की जाँच जरूर करा लेनी चाहिए ताकि आवश्यकता के अनुसार उर्वरकों एवं सूक्ष्म पोषक तत्वों को खेत में डाला जाए.

त्पादन

कृष्णा फल वर्ष में दो बार फलते हैं. पहली बार अगस्त से दिसम्बर तक तथा दूसरी मार्च से मई के बीज इनकी पैदावार होती है. फलों को फूल से लेकर परिपक्व होने तक 60 से 70 दिन लग जाते हैं. इसकी प्रति हैक्टेयर 10 से 12 टन की पैदावार होती है.

उपयोग

पैशन फ्रूट का उपयोग जूस, पल्प, जैम, जैली आदि चीजें बनाई जा सकती हैं और यह एक काफी अच्छा मुनाफे का सौदा हो सकता है. इसके अलावा आप आईसक्रीम तथा विभिन्न प्रकार के खाद्य उत्पाद बनाने वाली कम्पनियां को भी पैशन फ्रूट उचित मूल्य में बेच सकते हैं.

ये भी पढे़ेंः जानिए किस फसल के लिए कौन-सी मिट्टी उपयोगी है?

फायदे

पैशन फ्रूट अर्थात कृष्णा फल में विभिन्न प्रकार की स्वास्थ्य समस्याओं को दूर करने की क्षमता होती है. इसमें केले, लीची और अनानास जैसे अन्य फलों की अपेक्षा पॉलीफेनॉल उचित  मात्रा में पाया जाता है, जो हमारे शरीर की रोग-प्रतिरोधक क्षमता में वृद्धि करता है. इसके आलावा यह कैंसर, हृदय रोग तथा सांस के रोगों के लिए काफी फायदेमंद माना जाता है.

English Summary: Cultivation and Management of passion fruit Published on: 24 January 2023, 03:01 PM IST

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