आजकल किसान छोटे से छोटा बिजनेस को आसानी से शुरू करके अच्छी उपज पा सकते है. पिछले कई सालों में कृषि के क्षेत्र में कई तरह के व्यापक स्तर पर बदलाव हुए है और साथ ही नई-नी तकनीकें भी खेती के क्षेत्र में ईजाद हो रही है. इसीलिए जो किसान लाखों रूपए कमाने की इच्छा रकते है वह बटन मशरूम की खेती को अपना सकते है. आज के समय में बटन मशरूम लोगों के लिए काफी फायदे का सौदा साबित हो रही है. दरअसल बटन मशरूम लोगों को काफी ज्यादा पसंद आते है. भारत में बटन मशरूम को आम लोगों के द्वारा आसानी से पसंद किया जा रहा है.
लाखों का मुनाफा होगा
बटन मशरूम एक ऐसी किस्म है जिसमें मिनरल्स और विटामिन्स भरपूर मात्रा में पाए जाते है. इसकी खेती के लिए भी ज्यादा जगह की जरूरत नहीं होती है. मौजूदा समय में बटन मशरूम रिटेल मार्केट में 300 रूपये प्रति किलों के ऊपर बिकते है. इस तरह से आप बटन मशरूम की खेती करके आसानी से काफी रूपये कमा सकते है.
बटन मशरूम उगाने का समय
भारत में बटन मशरूम को उगाने का उपयुक्त समय अक्टूबर से मार्च महीने में होता है. इन छह माह के अंतराल में दो फसलें उगाई जाती है. बटन खुम्बी की फसल के लिए शुरूआत में 22 से 26 डिग्री तापमान की आवश्यकता होती है. अगर इतना तापमान होता है तो कवक काफी तेजी से बढ़ता है बाद में यह 14 से 18 डिग्री तापमान पर बिल्कुल उपयुक्त होता है. 18 डिग्री से अधिक तापमान पर इसकी खुंबी के लिए हानिकारक होता है. बटन मशरूम की खेती के लिए विशेष रूप से तैयार की गई कंपोस्ट खाद की आवश्यकता होती है. इस तैयार कंपोस्ट खाद को लकड़ी की पेटी या रैक में सकी 6 से 8 इंच मोटी परत को बिछा देते है. आप इसके लिए धान की पुआल का इस्तेमाल कर सकते है. आप धान की पुआल को भिगाकर छोड़ दें, उसमें 1 दिन बाद डीएपी, यूरिया, पोटाश, गेहूं, चोकर, जिप्सम, कैल्शियम मिला कर इसे सड़ने के लिए छोड़ दें. करीब 30 दिन के लिए इस मिश्रण को छोड़ दें. हर चार से पांच दिन बाद उसको आप पूरी तरह से पलट दें. जब आधा महीना बीत जाए तो उसमें नीम की खली, गुड़ का पाक और शीरा का मिल दें. कुल एक महीने के बाद बावसिटीन और फामोर्लीन छिड़कने के बाद इसे किसी तिरपाल आदि से 6 घंटों के लिए ढक देते है. इससे आपका कंपोस्ट तैयार हो ताजा है.
मशरूम की पैदावार तथा भंडारण
खुबी की बिजाई के 35 से 40 दिन बाद या मिट्टी चढ़ाने के लिए 15-20 दिन बाद कंपोस्ट के ऊपर मशरूम के सफेद फलनकाय दिखाई देते है जो कि अगले चार से पंच दिनों में बटन के आकार में बढ़ जाते है. जब खुंभी की टोपी कसी हुई होती है और उसके नीचे की झिल्ली पूरी तरह से साबुत हो तब खुभी को हाथ की उगलियों से हल्का से दबाकर और घुमाकर तोड़ देते है. कंपोस्ट की सतह से खुंभी को ताजी ही प्रयोग करना श्रेष्ठ होता है.
मशरूम की खेती की बिक्री के लिए पॉलीथीन की थैलियों का प्रयोग किया जाता है. ज्यादा से ज्यादा सफेद रंग के मशरूम की मांग अधिक होने के कारण ताजा बिकने वाली अधिकांश खुम्बियों को पोटेशियम मेटाबोल्साइट के घोल में उपचारित किया जाता है. बटन खुंबी का खुदरा मूल्य 100-125 रूपये प्रति किलोग्राम होता है. शादी ब्याह के मौसम यह 150 रूपये किलो तक आसानी से बिक जाता है.
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