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स्वच्छ भारत अभियान के आप भी भागीदार बनें

आज पुरे देश में स्वच्छ भारत अभियान की लहर छा रखी है. पर फिर भी भारत को स्वच्छता प्रदान करना एक कठिन परिस्थिति है. तो चलिए इस परिस्थिति को हल करते है और रुख करते है छत्तीसगढ़ की और और चलते है कोंडागांव जिले में जहां पे सभी महिलाये कचरे को घर-घर जाकर कचरे को इकट्ठा कर रही हैं

आज पुरे देश में स्वच्छ भारत अभियान की लहर छा रखी है. पर फिर भी  भारत को स्वच्छता  प्रदान करना एक कठिन परिस्थिति है. तो चलिए इस परिस्थिति को हल करते है और रुख करते है छत्तीसगढ़ की और और चलते है कोंडागांव जिले में जहां पे सभी महिलाये कचरे को घर-घर जाकर कचरे को इकट्ठा कर रही हैं और उनको उपयोग द्वारा अलग कर खाध बनाकर किसानो को बेचती है और बाकि बचे कागज़ और प्लास्टिक को बेच काफी अच्छा व्यवसाय कर रही है. महंगाई के इस दौर में अगर हम सभी शहरो में ऐसे खाद का उपयोग करें तो इनसे बने बानी उपयोगी पदार्थ काफी कम दामो में मिलेंगे और साथ ही साथ शहरो में भी इसे एक नए व्यापारिक रूप में देखा जा सकता है जिसका शायद अंत नहीं है वही तमिलनाडु में ये अभियान कुछ अलग तरीके से चल रहा है. स्वच्छ भारत अभियान की मुहीम में यहाँ कचरे के साथ कबाड़ को भी इकट्ठा कर एक व्यवसाय चलाया जा रहा है. स्वछता की मुहीम कहीं जिलों से तो कही गाँवों में काफी प्रेरित कर रही है पर शहरो में ? शायद ये सवाल का जवाब कुछ चुनिंदा शहरो में देखने को मिलेगा. हम उम्मीद करते है ! आज विक्सित शहरो में स्वछता की मुहीम तेज़ी से बड़े और प्रदुषण की समस्या को भी जल्दी हल करे प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी की योजना के अनुसार स्वछता को लेकर कई तकनीकि बनाई जा रही है जिनसे असर भी हुआ पर धीरे-धीरे इस मुहीम को तेज़ तभी किया जा सकता है. जब एक जूट होकर अपने घर से शुरुआत करे फिर सोसाइटी से इस तरह ये कदम आगे बढ़ते चले जायेंगे और स्वछता को भारत के हर कोने-कोने में फेलायेंगे !

क्या करें स्वछता के लिए और किसानो के लिए ?

आप भी कर सकते हैं मदद किसानो के लिए हमारा कचरा आज कहा पर वेस्ट हो रहा है बजाए इसके अगर आप उन्हीं कचरों को अलग-अलग करके किसानो के लिए कई प्रकार की मदद कर सकते हैं.  सबसे पहले जागरूक करना होगा अपनी सोसाइटी को जिनसे एक मदद मिलेगी आपकी इस मुहीम को चलाने में जिसके द्वारा आप ये काम एक टीम के साथ आसानी से कर सकते हैं.

1. सबसे पहले एक बड़ी बाल्टी लें जिसमे आपको ज्यादा गन्दगी फ़ैलाने की ज़रूरत नहीं होगी !और आप इसे कपोस्ट बिन कह सकते है.

2 . उसके बाद कम्पोस्ट बिन में छोटे छोटे-छेद करें ज्यादा नहीं हिस्से खाध बनने की विधि में हवा मिल सके.

3 . कंपोस्ट बिन में सबसे पहले हलकी हलकी मिटटी बिछाये और फिर उसे थोड़ा हल्का पानी का छिड़काव दें.

4. छिड़काव करने के बाद उसमे गिला कूड़ा (बचा हुआ खाना ,फेंकी गयी सब्जिया और उनके पत्ते छिलके, अंडे का कचरा ETC .) डाल दें.

5. गिला कचरा भरने के बाद इसमें सूखा कुधा डाले जैसे :-सुखी पत्तिया लकड़ी का पाउडर हलकी मिट्टी घांस इत्यादि.

6. ये प्रक्रिया करने के बाद कम्पोस्ट बिन ऊपर से बंद करने से पहले उसमे हल्का पानी का छिड़काव करें फिर उसे ढ़क दें.

7. सांतवी प्रक्रिया आपको तीन महीने में हर एक दिन छोड़ कर करनी है जी हां आपको हर एक दिन बाद कम्पोस्टबन को खोलकर उसको पानी का छिड़काव कर ढ़क देना है

8. अब तीन तक ये विधि करने के बाद आपकी खाध तैयार है. किसानो के लिए ये खाद्य काफी फायदेमंद है और ये जोड़ता है आपको किसानो के संग एक व्यापारिक तौर पर.

रोहित खुराना, कृषि जागरण

English Summary: You also become a partner of Swachh Bharat Abhiyan Published on: 19 October 2018, 02:24 IST

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