1. Home
  2. सम्पादकीय

अमृत सरोवर’ से बनेगा पूसा जल संरक्षण का केंद्र, पूसा संस्थान की नई पहल....

इंट्रो - कृषि में उपयोग होने वाले संसाधनों में जल सबसे अधिक महत्वपूर्ण हैं । जल के बिना जीवन और कृषि की कल्पना ही नहीं की जा सकती है।जल संरक्षण की ओर एक कदम बड़ाते हुए पूसा संस्थान ने वर्षा के जल संरक्षण हेतु पूसा अमृत सरोवर का निर्माण किया है । यह अमृत सरोवर 2.5 एकड़ मे फैला है तथा संस्थान के अनुसंधान फार्म के 60 प्रतिशत जल आवश्यकता की पूर्ति करने की क्षमता रखता है । पूसा अमृत सरोवर के बारे में विस्तृत जानकारी दे रहें हैं पूसा संस्थान के निदेशक डॉ. अशोक कुमार सिंह.

अंजुल त्यागी
अंजुल त्यागी
प्रधानमंत्री अमृत सरोवर योजना
प्रधानमंत्री अमृत सरोवर योजना

दिल्ली में मौजूद पूसा संस्थान के द्वारा एक बड़ी पहल की गई है. प्रधानमंत्री अमृत सरोवर योजना से प्रेरित होकर पूसा के अन्दर ही एक बड़े अमृत सरोवर का निर्माण किया गया है. जिसको लेकर यह महत्वपूर्ण जानकारी पूसा के निदेशक डॉ एके सिंह द्वारा दी गई. उन्होंने बताया कि “जल है तो कल है” प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा देश भर में अमृत सरोवर योजना चलाई जा रही है. हमारी आगे की पीढ़ी के लिए जल संरक्षण बहुत जरुरी है. इसलिए ‘अमृत सरोवर’ एक प्रमुख जल संरक्षण के लिए बड़ी योजना है. इसी योजना से प्रेरित होकर पूसा संस्थान के भीतर एक बड़े अमृत सरोवर का निर्माण करवाया गया है. आपको बता दें कि अमृत सरोवर योजना जल संचय, जल संग्रहणऔर जल संरक्षण के लिए अद्वितीय एवं उदाहरणीय विकल्प है . इसी को अपनाते हुए एक अमृत सरोवर का निर्माण पूसा संस्थान द्वारा भी किया गया है ताकि कृषि अनुसंधान में जल की महत्वपूर्णता को प्रदर्शित किया जा सके.

आपको बता दें पूसा अमृत सरोवर का विस्तार 2.5 एकड़ में किया गया है और यह संस्थान के अनुसंधान फार्म के 60 प्रतिशत जल आवश्यकता को पूरा करने की क्षमता रखता है. इस सरोवर का प्राथमिक उद्देश्य वर्षा के पानी को संग्रहित करना है और इसे कृषि क्षेत्रों में उपयोग करने के लिए उपलब्ध कराना है. यह संरक्षित जल स्रोतों के लिए एक महत्वपूर्ण संरक्षण उपाय है जो समुद्र तल से पानी की खपत को कम करने और प्रदूषण को रोकने में मदद करता है. इस सरोवर से अब तक 4 करोड़ लीटर पानी की बचत की जा चुकी है. पूसा संस्थान के निदेशक डॉ. अशोक कुमार सिंह ने पूसा अमृत सरोवर के महत्व को बताया है और इसका उपयोग कृषि और जल संरक्षण में कैसे किया जा सकता है. इस पहल के माध्यम से, जल संरक्षण के महत्व को जागृत करने और सामरिक जल संग्रहण के लिए प्रेरित किया जाता है. यह संसाधन कृषि में जल संबंधी समस्याओं के समाधान के लिए एक प्रमुख कदम है और कृषि क्षेत्र में समृद्धि को सुनिश्चित करने में मदद करता है.

क्या-क्या होंगे लाभ?

पूसा में इस अमृत सरोवर के निर्माण से कई लाभ मिल सकेंगे. जिसमे पानी की किल्लत से निजत मिलेगी साथ ही खेती करने में पानी की उपलब्धता बनी रहेंगी.

पानी की आपूर्ति

 पूसा अमृत सरोवर के माध्यम से वर्षा के पानी को संग्रहित किया जाता है और इसे समय पर उपयोग के लिए संरक्षित रखा जाता है. इससे कृषि उत्पादन के लिए उचित पानी की आपूर्ति सुनिश्चित होती है और खेती को सुस्त और स्थायी बनाने में मदद मिलती है.

जल संग्रहण की क्षमता

पूसा अमृत सरोवर की क्षमता 2.5 एकड़ है और यह संस्थान के अनुसंधान फार्म के जल आवश्यकता को पूरा करने में मदद करता है. इससे संस्थान के सामरिक और वैज्ञानिक कार्यों के लिए पर्याप्त पानी की उपलब्धता सुनिश्चित होती है.

यह भी पढ़ें- केंद्र सरकार दे रही है औषधीय पौधों के बीज, जल्दी करें आवेदन, अंतिम तारीख 20 जुलाई

प्रदूषण कमी

यह सरोवर भूमि से निकले जल प्रदूषण को कम करने में मदद करता है. जब वर्षा के पानी को संग्रहित किया जाता है, तो यह जल को विशेषज्ञता के साथ संरक्षित रखता है और प्रदूषण को कम करने में मदद करता है.

बायोडाइवर्सिटी की संरक्षण

 पूसा अमृत सरोवर के माध्यम से वनस्पति और जीवजंतुओं के जल संबंधी पर्यावरण को संरक्षित रखा जाता है. यह वनस्पति और प्राणियों के लिए एक आदर्श पर्यावरण प्रदान करता है और जीवन का अस्तित्व सुनिश्चित करने में मदद करता है.

पूसा अमृत सरोवर के माध्यम से, पूसा संस्थान ने जल संरक्षण की महत्वपूर्णता को उजागर किया है और इसे कृषि क्षेत्रों में उपयोग करने के लिए संरक्षित किया है. इससे कृषि उत्पादन को बढ़ावा मिलता है और कृषि सुधारों के लिए एक आदर्श प्रयास का उदाहरण स्थापित होता है.

English Summary: Pusa water conservation center will be made from 'Amrit Sarovar', new initiative of Pusa Sansthan Published on: 18 July 2023, 10:27 IST

Like this article?

Hey! I am अंजुल त्यागी. Did you liked this article and have suggestions to improve this article? Mail me your suggestions and feedback.

Share your comments

हमारे न्यूज़लेटर की सदस्यता लें. कृषि से संबंधित देशभर की सभी लेटेस्ट ख़बरें मेल पर पढ़ने के लिए हमारे न्यूज़लेटर की सदस्यता लें.

Subscribe Newsletters

Latest feeds

More News