प्रधानमन्त्री फसल बीमा योजना के अंतर्गत हरियाणा सरकार ने रबी मौसम के लिए आवेदन हेतु सूचना जारी कर दी है l
बीमित राशि:
गेहूं के लिए 22,000, जौ के लिए 10,000, सरसों के लिए 11,000, चना के लिए 10,000 (रु. प्रति एकड़/किल्ला) निर्धारित की गयी है l
आवेदन की प्रक्रिया एवं अंतिम तिथि:
आवेदन करने इच्छुक किसान जिन्होंने बैंक अथवा सोसाइटी से कर्ज नहीं लिया है वह अपने बैंक अथवा बीमा कंपनी से सीधे संपर्क साध कर खुदको फसल बीम योजना के अंतर्गत पंजीकृत करवा सकते हैं l लेकिन जिन किसानों ने बैंक/सोसाइटी से फसली ऋण ले रखा है उनके खाते से प्रीमियम बैंक के रिकॉर्ड में दर्ज भूमि एवं फसली रिकॉर्ड अनुसार काटा जाएगा l आवेदन की अंतिम तिथि 31, दिसम्बर,2017 निर्धारित की गयी है l
किन स्तिथियों में किसान ले सकते है बीमे का फायदा:
1. जलभराव, ओलावृष्टि, लम्बी शुष्क अवधि, प्राकृतिक अग्नी की घटनाओं, चक्रवात, तूफ़ान, कीट एवं र्रोगों, आकाशीय बिजली एवं भूस्खलन होने पर खेत स्तर पर क्लेम दिया जायेगा l
2. कटाई के 14 दिनों तक चक्रवात , चक्रवातीय वर्षा एवं बेमौसमी वर्षा से हुए नुक्सान पर भी खेत स्तर पर क्लेम दिया जायेगा l
3. कम वर्षा एवं विपरीत वर्षा होने पर फसल की बुवाई न हो पाने पर भी क्लेम की सुविधा l
4. स्थानीयकृत आपदाएं जैसे भूस्खलन, ओलावृष्टि एवं जलभराव की दशा में भी खेत स्तर पर दावे की सुविधा प्राप्त है l
प्रीमियम राशि:
हरियाणा सरकार द्वारा रबी फसलों के लिए किसानों द्वारा देय प्रीमियम राशि कुल बीमित राशि की 1.5प्रतिशत राखी गयी है l जिलेवार एवं फसलवार किसान के लिए रबी सीजन 2017 के लिए देय प्रीमियम (रु. प्रति एकड़/किल्ला) सारिणी क्रम संख्या 1 में दी गयी है l
सारिणी 1: जिलेवार एवं फसलवार किसान के लिए रबी सीजन 2017-18 के लिए देय प्रीमियम (रु. प्रति एकड़/किल्ला)
जिला |
गेहूँ |
जौ |
सरसों |
चना |
सिरसा |
333.86 |
151.75 |
166.93 |
151.75 |
भिवानी |
333.86 |
151.75 |
166.93 |
151.75 |
फरीदाबाद |
333.86 |
151.75 |
166.93 |
151.75 |
कुरुक्षेत्र |
275.99 |
151.75 |
166.93 |
151.75 |
कैथा |
275.99 |
151.75 |
166.93 |
151.75 |
पंचकुला |
333.86 |
151.75 |
166.93 |
151.75 |
रेवाड़ी |
333.86 |
151.75 |
166.93 |
151.75 |
हिसार |
333.86 |
151.75 |
166.93 |
151.75 |
सोनीपत |
333.86 |
151.75 |
166.93 |
101.17 |
गुरुग्राम |
333.86 |
151.75 |
166.93 |
101.17 |
करनाल |
333.86 |
151.75 |
111.28 |
151.75 |
अम्बाला |
333.86 |
101.17 |
166.93 |
101.17 |
जींद |
333.86 |
151.75 |
166.93 |
151.75 |
महेन्द्रगढ़ |
333.86 |
151.75 |
166.93 |
151.75 |
फतेहाबाद |
333.86 |
151.75 |
166.93 |
151.75 |
रोहतक |
333.86 |
151.75 |
166.93 |
151.75 |
झज्जर |
333.86 |
151.75 |
166.93 |
151.75 |
नुह |
333.86 |
151.75 |
166.93 |
151.75 |
पलवल |
333.86 |
151.75 |
166.93 |
151.75 |
पानीपत |
333.86 |
151.75 |
166.93 |
151.75 |
यमुनानगर |
333.86 |
151.75 |
166.93 |
151.75 |
क्लेम करने का सूचीबद्ध तरीका:
नुक्सान की स्तिथि में सबसे महत्वपूर्ण है की किसानों की क्लेम करने का सटीक तरीका मालूम हो l नीचे दी गयी सूची का क्रमानुसार पालन कर हर कोई अपना क्लेम बीमा कंपनी को रजिस्टर करा सकता है l
1. अपने बैंक जाकर जिस बीमा कंपनी ने आपके खाते का फसली बीमा किया है उसका दूरभाष नंबर लें l
2. नुक्सान की जानकारी बीमा कंपनी को 48 घंटे के अन्दर देनी होती है l
3. शिकायत दर्ज कराते समय किसान अपनी पहचान, बीमित जमीन संबंधी(किल्ला एवं खसरा संख्या, रकबा )एवं बैंक खाते संबंधी जानकारी कंपनी को देनी होती है l
4. शिकायत के पश्चात अपनी शिकायत संख्या अवश्य लें l
महत्वपूर्ण समय सीमाएं:
1. नुक्सान की शिकायत मिलने के 48 घंटे के अन्दर बीमा कंपनी को नुक्सान का आंकलन करने के लिए अपने एक अफसर को नामांकित करना होता है l
2. इसके पश्चात 10 दिन के अन्दर कंपनी के कारिंदे को नुक्सान का आंकलन करने हेतु सर्वे करना अनिवार्य होता है l
3. सर्वे के पश्चात 15 दिन के अन्दर बीमा कंपनी को दावे का निपटान करना होता है बशर्ते कंपनी को प्रीमियम राशि का सरकारी हिस्सा भी मिल चुका हो l
4. नियमानुसार सर्वे पश्चात 30 दिन की समय सीमा में किसान के खाते में पैसा आ जाना चाहिए l
उदहारण से समझें:
बीमाकृत राशि: रु. 20,000 प्रति एकड़
1. फसल की मध्यावधि में बीमिकृत आपदा (जैसे की ओलावृष्टि) से नुक्सान: 40 %
2. मध्यावधि में किसान को देय बीमाकृत राशि: रु. 20,000 x 40% = रु. 8,000
3. फसल पकने के पश्चात नुक्सान: 60% = रु. 20,000 X 60% = रु. 12,000
4. फसल पकने के पश्चात किसान को देय बीमिकृत राशि: रु. 12,000 - रु. 8,000 = रु. 4,000
(नोट: फसल पकने पश्चात नुक्सान का आंकलन ग्राम स्तर पर किया जाता है, इसका मतलब यह है की अगर गो स्तर पर 60 प्रतिशत नुक्सान देखा जाते है तो ही किसान फसल पकने पश्चात बाकी 20 % राशि का हकदार होता है)
एक महत्वपूर्ण बात:
हर किसान जो या तो ऋणी या जिसने बीमा अलग से लिया हुआ, अगर वह जो फसली चक्र(रबी एवं खरीफ के मौसम में एक के बाद एक ली जाने वाली फसल) संबंधी जानकारी बैंक में दी हुई उससे अलग कोई फसल लेता है तो इसकी जानकारी बैंक अथवा बीमा कंपनी को देना अत्यंत महत्वपूर्ण है l अन्यथा नुक्सान के वक़्त किसान क्लेम के लिए अयोग्य करार दे दिया जाता है क्यूंकि बीमा कंपनी फसली चक्र अनुसार ही बीमा करती है l कटाई के पश्चात होने वाले नुक्सान की समय सीमा सिर्फ 14 दिन है l इसके अंतर्गत सिर्फ वही फसलें आती हैं जिन्हें खेत में ही सूखने के लिए छोड़ा जाता है l
संजय, पीएचडी , कृषि अर्थशास्त्र विभाग, कृषि कॉलेज , संजय कुमार , जिला विस्तार विशेषज्ञ, करनाल, स्वामी एच्. एम., पीएचडी, कृषि अर्थशास्त्र विभाग, कृषि कॉलेज, चौधरी चरण सिंह हरयाणा कृषि विश्वविध्याल
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