1. Home
  2. सम्पादकीय

हो जाइये सावधान बादलों में पनप रहें सबसे खतरनाक बैक्टीरिया, इन पर दवाएं भी हैं बेअसर

वैज्ञानिकों ने बैक्टीरियों के साथ बादलों के बीच के संबंधों को समझने का एक नया रास्ता खोजा है. इससे बादलों में होने वाली विभिन्न प्रकार की बैक्टीरियल विक्रियाओं की भी समझ आ सकती है जो बादलों के अंदर तथा उनसे जुड़े वातावरण में आधे तथा प्रदूषण के कारण उत्पन्न होती हैं.

अंजुल त्यागी
अंजुल त्यागी
the most dangerous bacteria are growing in the clouds
the most dangerous bacteria are growing in the clouds

ये खबर आपको चौकाने वाली हो सकती है, परन्तु वैज्ञानिकों का दावा है कि पृथ्वी के ऊपर मडराने वाले बादलों में संकट पनप रहा है जोकि मानव जीवन के लिए बेहद ही खतरनाक है. हाल ही में नीदरलैंड की एक साइंस पत्रिका “जर्नल साइंस ऑफ द टोटल एनवायरमेंट" (Journal Science of the Total Environment) में एक रिपोर्ट प्रकाशित की गई है जिसमे बताया गया कि बादलों पर रिसर्च करने वालें वैज्ञानिकों को बादलों में एक सबसे खतरनाक बैक्टेरिया मिला है. जोकि बेहद ही खतरनाक है. रिपोर्ट के अनुसार बताया गया कि रिसर्च में वैज्ञानिकों ने विभिन्न ऊंचाइयों पर मौजूद बादलों के सेंपल लिए और उनमें मौजूद बैक्टीरिया की जांच की. उन्होंने बताया कि ये बैक्टीरिया प्रकृति में पाए जाने वाले बैक्टीरिया से बिल्कुल अलग है, और इनका नाम 'बैक्टीरिया एयरोसोल एसिडोफिलिस' ("Bacteria Aerosol Acidophilus") है. ये बैक्टीरिया सामान्यतया बादलों के साथ अधिक मात्रा में ऊपर जा सकते हैं.

एसिडिक माहौल में भी रह सकते हैं जीवित

रिसर्च में बताया गया कि ये बैक्टीरियों एक खास वजह से एसिडिक माहौल में भी जीवित रह सकते हैं, जिसके कारण इनपर किसी भी दवा या एंटीबायोटिक का कोई असर नहीं होता है. इस वजह से ये बैक्टीरियों और भी 'खतरनाक' बताएं जा रहे हैं. वैज्ञानिको का कहना है कि इस बैक्टीरिया से मानव के अंग-प्रत्यंगों में संक्रमण फैलने की संभावना अधिक बढ़ जाती है.

बादलों के अंदर भी रह सकते है तंदुरुस्त

पत्रिका में प्रकाशित रिपोर्ट में बताया गया कि वैज्ञानिकों में इन बैक्टीरियों का पता लगाने के लिए एयर सैंपलिंग टूल का इस्तेमाल किया था, जोकि बादलों से सैंपल लेने में सक्षम है. इस दौरान सैंपलों के अलग-अलग ऊंचाइयों पर बैक्टीरिया की जांच करते हुए पाया गया कि ये बैक्टीरिया बादलों के साथ लंबी दूरी तक तय कर सकते हैं, और इन्हें हवा के द्वारा भी फैलाया जा सकता है. इन बैक्टीरियों के पोषण के लिए सूर्य की रश्मि की आवश्यकता नहीं होती है, जिससे ये बादलों के अंदर भी तंदुरुस्त रह सकते हैं. इस रिसर्च को करने के लिए सेंट्रल फ्रांस के एक एटमॉस्फेरिक रिसर्च स्टेशन से बादलों के सैंपल को जमा किया गया था. जमा किए गए सैंपलों का अध्ययन करने के बाद, रिसर्चरों ने पाया कि प्रति मिलीमीटर क्लाउड वॉटर में 300 से 30,000 तक बैक्टीरिया होते हैं.

एंटिबायोटिक के खिलाफ प्रतिरोध कर सकते हैं विकसित

रिसर्च में एक चौकाने वाला तथ्य भी सामने आया है, रिसर्च में पाया गया कि इन बैक्टीरिया में से 29 अलग-अलग सबटाइप में एंटिबायोटिक रेजिस्टेंट जीन्स मिले जोकि जीवाणुओं के अधिकांश प्रकारों के लिए अनुसंधान एवं उपचार में इस्तेमाल किए जाने वाले एंटिबायोटिक के खिलाफ प्रतिरोध विकसित कर सकते हैं. इस रिसर्च से यह भी पता चला है कि बादलों में बहुत से ऐसे बैक्टीरिया होते हैं जिन्हें कोई एंटिबायोटिक का असर नहीं होता. यह बैक्टीरिया बादलों के सहारे लंबी दूरी तय करते हैं और इस तरह से बादलों को आकार बढ़ाने में मदद भी करते हैं. इस रिसर्च से ये भी सामने आया है कि इन बैक्टीरियों का जीवनकाल बादलों की तुलना में बहुत लंबा होता है. वे बादलों के अंदर वर्षों तक जीवित रह सकते हैं और जब बादल बरसते हैं तो ये बैक्टीरियों बादलों के साथ धरती पर भी गिर सकते हैं.

जलवायु परिवर्तन व फसलों में उन्नत उत्पादकता लाने में बन सकते हैं मददगार

इस खोज के माध्यम से वैज्ञानिकों ने बैक्टीरियों के साथ बादलों के बीच के संबंधों को समझने का एक नया रास्ता खोजा है. इससे बादलों में होने वाली विभिन्न प्रकार की बैक्टीरियल विक्रियाओं की भी समझ आ सकती है जो बादलों के अंदर तथा उनसे जुड़े वातावरण में आधे तथा प्रदूषण के कारण उत्पन्न होती हैं. इस रिसर्च से बादलों के साथ जुड़े बैक्टीरियों के बारे में अधिक जानकारी मिलने से भविष्य में बादलों के साथ जुड़े स्वास्थ्य जांच और जलवायु परिवर्तन से जुड़े मुद्दों का उचित समाधान निकालने में मदद मिल सकती है.  इससे बादलों से जुड़ी नई तकनीकों तथा उत्पादों के विकास में भी सहायता मिल सकती है.

उत्तरी अमेरिका और यूरोप में विस्तार

इस अध्ययन के मुताबिक, ये बैक्टीरिया उत्तरी अमेरिका और यूरोप में विस्तार से पाए गए हैं और वे अधिकतर रिज़र्व्स में पाए जाने वाले जल के स्रोतों से आते हैं. इस अध्ययन के अनुसार, ये बैक्टीरिया स्पेस फ्लाइट के दौरान भी उड़ते हैं और मानव स्वास्थ्य के लिए खतरनाक हो सकते हैं. इस अध्ययन के आधार पर, वैज्ञानिकों ने बताया कि बादलों में मौजूद बैक्टीरिया के संबंध में अधिक अध्ययन की आवश्यकता है. इस रिसर्च के जरिए बादलों के साथ जुड़ी जीवन प्रक्रियाओं को समझने में भी सहायता मिल सकती है. बादलों में बैक्टीरियों के साथ जुड़ी जीवन प्रक्रियाएं बहुत उपयोगी हो सकती हैं. उदाहरण के लिए, बादलों के साथ जुड़ी बैक्टीरिया बीज की अंधेरी जगहों पर उगाई जाने वाली फसलों में उन्नत उत्पादकता लाने में मदद कर सकती हैं. इस विषय पर प्रकाशित रिसर्च का स्रोत "जर्नल साइंस ऑफ द टोटल एनवायरमेंट" है जो साइंटिफिक रिसर्च का पीअर-रिव्यूड जर्नल है

English Summary: Be careful, the most dangerous bacteria are growing in the clouds, medicines are also ineffective on them. Published on: 02 May 2023, 04:12 IST

Like this article?

Hey! I am अंजुल त्यागी. Did you liked this article and have suggestions to improve this article? Mail me your suggestions and feedback.

Share your comments

हमारे न्यूज़लेटर की सदस्यता लें. कृषि से संबंधित देशभर की सभी लेटेस्ट ख़बरें मेल पर पढ़ने के लिए हमारे न्यूज़लेटर की सदस्यता लें.

Subscribe Newsletters

Latest feeds

More News