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6 करोड़ किसानों को अप्रैल में नहीं मिलेगा PM-Kisan Yojana का लाभ

कोरोना वायरस संक्रमण के कारण सम्पूर्ण देश को 21 दिनों के लिए लॉकडाउन कर दिया गया है. इसी लॉकडाउन को देखते हुए कल वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने प्रेस कॉन्फ्रेंस करके विशेष आर्थिक राहत पैकेज का ऐलान किया. वित्त मंत्री ने कहा कि देश में कोई भी गरीब खाने की समस्या से नहीं जूझने पाएगा. आर्थिक राहत पैकेज के माध्यम से 80 करोड़ लाभार्थियों को अगले तीन महीने तक पांच किलो गेहूं-चावल दिया जाएगा. यह मिलने वाला लाभ पहले मिल रहे पीडीएस से मिलने वाले लाभ से अलग है. इसके लिए लाभार्थियों को एक भी पैसा देना नहीं पड़ेगा.

प्रभाकर मिश्र
प्रभाकर मिश्र

कोरोना वायरस संक्रमण के कारण सम्पूर्ण देश को 21 दिनों के लिए लॉकडाउन कर दिया गया है. इसी लॉकडाउन को देखते हुए कल वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने प्रेस कॉन्फ्रेंस करके विशेष आर्थिक राहत पैकेज का ऐलान किया.

वित्त मंत्री ने कहा कि देश में कोई भी गरीब खाने की समस्या से नहीं जूझने पाएगा. आर्थिक राहत पैकेज के माध्यम से 80 करोड़ लाभार्थियों को अगले तीन महीने तक पांच किलो गेहूं-चावल दिया जाएगा. यह मिलने वाला लाभ पहले मिल रहे पीडीएस से मिलने वाले लाभ से अलग है. इसके लिए लाभार्थियों को एक भी पैसा देना नहीं पड़ेगा.

बता दें , वित्त मंत्री ने अपने इसी राहत पैकेज में किसानों के लिए भी आर्थिक राहत पैकेज की घोषणा की. वित्त मंत्री ने कहा कि देश के एक सौ तीस करोड़ लोगों के पेट भरने के लिए किसान साल भर मेहनत करते हैं. इसलिए प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि स्कीम की 2000 रुपये की राशि एडवांस में देने का फैसला लिया गया है. देश के 8.70 लाख किसानों के खाते में यह सम्मान राशि अप्रैल के पहले सप्ताह में ही भेज दी जाएगी. बता दें, किसान सम्मान निधि की राशि साल में तीन बार 2000-2000 रुपये करके किसानों के खातों में डीबीटी के माध्यम से भेजी जाती है.

कल की वित्त मंत्री की प्रेस कॉन्फ्रेंस की बात को सुनकर मन में एक सवाल उठता है कि उन्होंने सिर्फ 8.7 करोड़ किसानों को ही क्यों 2000 रुपये देने की बात कही. जबकि पहले से ही पीएम किसान निधि स्कीम के माध्यम 14.49 करोड़ किसानों को लाभ दिया जा रहा है? मतलब यह है कि इस बार इस स्कीम में लगभग 38 प्रतिशत ( 6 करोड़) किसानों को बाहर रखा गया है. जबकि इस समय देश के किसान बेमौसम बारिश और ओले की मार झेल रहे हैं. इस समय तो इस स्कीम में और किसानों को जोड़ा जाना चाहिए था. लेकिन जोड़े जाने के बजाए 6 करोड़ किसानों को ही हटा दिया गया.

बता दें, जब साल 2019 में लोक सभा चुनाव हो रहा था तो उस समय देश के 14.49 करोड़ किसानों को इस स्कीम का लाभ दिया गया था. पीएम किसान की वेबसाइट पर भी लाभार्थी किसानों की संख्या 14.49 करोड़ बताई गई है. तो वित्त मंत्री के द्वारा कही गई यह बात समझ नहीं आती है कि इस बार केवल 8.7 करोड़ किसानों को ही क्यों इस योजना का लाभ दिया जाएगा? तो क्या यह समझा जाए कि शेष बचे 6 करोड़ लोग किसान नहीं हैं? क्या यह समझा जाए की नए वित्त वर्ष 2020-21 के पहले महीने में सरकार द्वारा किश्त का जाना तय किया नहीं गया था? फिल्हाल इन सभी सवालों के जवाब अभी तक नहीं मिले हैं.

English Summary: 6 crore farmers will not get the benefit of PM-Kisan Yojana in April Published on: 27 March 2020, 03:32 IST

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