*आज से तीन दिन का होगा हरियाणा दौरा, सभी जिलों के किसानों की व्यापक व जुझारू भागीदारी के लिए स्वराज इंडिया और जय किसान आंदोलन करेगा आह्वान. 18 नवंबर को दिल्ली देहात में किसानों की सभा को करेंगे संबोधित*
*आंदोलन की मुख्य मांग है किसानों को फसल का पूरा दाम दो, किसानों को सब कर्जों से मुक्त करो*
*- हजारों की संख्या में हरियाणा समेत देशभर से 29 को दिल्ली पहुंच कर गरजेंगे किसान और 30 नवंबर को करेंगे संसद का घेराव*
देश में किसानों के हालात बदतर होते जा रहे हैं और सरकार का रवैया बेहद ही उदासीन है. सूरत-ए-हाल यह है कि किसान को उसकी फसल का वाजिब दाम तक नहीं मिल पा रहा है. इसके इतर वह कर्ज के बोझ तले दबा जा रहा है. लिहाजा किसानों को अपने हक़ के लिए संगठित होना होगा। इसी के मद्देनजर स्वराज इंडिया अध्यक्ष और किसान नेता योगेंद्र यादव का आज से तीन दिनों का हरियाणा दौरा शुरू हो रहा है। 15 से 17 नवंबर तक चलने वाले इस दौरे में हरियाणा के दर्जन भर जिलों के किसानों को भारी संख्या में दिल्ली पहुँचने का आह्वान किया जाएगा। अखिल भारतीय किसान संघर्ष समन्यव समिति(एआईकेसीसी), स्वराज इंडिया और जय किसान आंदोलन की ओर से 29 और 30 नवंबर को दिल्ली में किसान मुक्ति यात्रा आयोजित की जा रही है. इसी सिलसिले में योगेंद्र यादव आज हरियाणा के सोनीपत, जींद और हिसार के किसानों से मिलेंगे। इस दौरान वे मीडिया को किसान आंदोलन के प्रमुख आह्वान 'दिल्ली चलो' के पूरे मुद्दे से परिचित कराएंगे।
योगेंद्र यादव ने दिल्ली में होने वाले किसान मुक्ति मार्च के बारे में बताया कि हर सरकार किसान को सिर्फ ठगने, बरगलाने और झूठे वादे करने के लिए इस्तेमाल कर रही है। यह बात अब किसान भी ठीक से समझ चुका है। इस बार अच्छी बात यह है कि देश भर के 200 से अधिक किसान संगठन एक बैनर तले संगठित हुए हैं और आर—पार का फैसला लेने के मूड में हैं। श्री यादव ने सरकार को चेताते हुए कहा कि इस बार दिल्ली पहुंच रहे किसान, वादों के किसी फर्जी झांसे में नहीं आने वाले हैं। इस बार वे सरकार से अपने दोनों बिलों को एक निश्चित समयसीमा के भीतर लागू किए जाने की मांग, मनवाकर ही मानेंगे।
29 नवंबर को किसान दिल्ली के रामलीला मैदान में इकट्ठे होकर अपने मुद्दों पर बात और सांस्कृतिक संध्या का आयोजन करेंगे, जबकि 30 नवंबर को किसान संसद भवन का घेराव करेंगे। स्वराज इंडिया से मिली जानकारी के मुताबिक स्वराज इंडिया और जय किसान आंदोलन के बैनर तले देश भर से संगठित होकर पहुंचने वाले किसान, 28 की शाम से दिल्ली के बिजवासन में पड़ाव करेंगे और 29 नवंबर की सुबह अपने झंडे—बैनर के साथ रामलीला मैदान पहुंचेगे।
इस बीच योगेंद्र यादव 18 नवंबर को दिल्ली देहात का दौरा कर किसानों की सभा को सबोधित करेंगे। स्वराज इंडिया और जय किसान आंदोलन के अन्य नेता, पदाधिकारी और कार्यकर्ता भी दिल्ली समेत देश के तमाम राज्यों में किसानों को 29 नवंबर को 'दिल्ली चलो' के लिए संगठित करने में जुटे हैं। वहीं यूथ फॉर स्वराज के बैनर तले भी देश भर के सैकड़ों युवा जगह—जगह पोस्टर लगा और नुक्कड़ सभाएं कर किसानों के आंदोलन में शामिल होने के लिए आम छात्रों और युवाओं का आह्वान कर रहे हैं। इसके साथ ही दिल्ली विश्वविद्दयालय में '3डीूय फॉल फारमर्स अभियान' भी चलाया जा रहा है।
गौरतलब है कि किसानों ने दो बिल बनाए हैं। पहला किसानों को पूरी फसल का उचित दाम देने को लेकर और दूसरा किसानों को सभी कर्जों से मुक्त करने के बारे मे है. किसान संगठनों के इस बिल को 21 पार्टियों ने सही माना है और इसे संसद में पास कराने का वादा भी किया है। ऐसे में 29 और 30 को दिल्ली में होने जा रहा आंदोलन न सिर्फ सत्ता पक्ष की बल्कि विपक्षी दलों की भी अग्निपरीक्षा लेगा कि वे किसानों के मुद्दों पर कितने गंभीर और सरोकारी हैं।
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