कोविड-19 महामारी के प्रभाव में वृद्धि के साथ ही लगभग सभी गतिविधियां रुक गई हैं. हालांकि, मेडिकल के बाद मौजूदा स्थिति में सबसे जरूरी कृषि है, जिसे रोका नहीं जा सकता. सरकार ने खेतों से आने वाली आवश्यक वस्तुओं की बिना रुकावट, आपूर्ति का भी आश्वासन दिया है.
कुछ राज्यों में, उत्पादक संगठनों को अंतिम छोर तक वितरण की जिम्मेदारी दी गई है. हरियाणा के राज्य बागवानी विभाग ने इस कार्य के लिए लगभग 81 किसान उत्पादक कंपनियों (FPCs) को साथ लिया है. ये एफपीसी अपने सदस्य किसानों से सब्जियों और फलों को इकट्ठा कर रही हैं और अपने-अपने क्षेत्रों में अंतिम उपभोक्ताओं तक इसकी आपूर्ति कर रही हैं.
इंडियन सोसाइटी ऑफ एग्रीबिजनेस प्रोफेशनल्स (ISAP), दिल्ली स्थित एक विकास एजेंसी है, जो इन एफपीसी के साथ मिलकर काम कर रही है. आइसेप ने देश भर में अब तक 200 एफपीसी को बढ़ावा दिया है. अंतिम-उपभोक्ताओं तक सब्जियों के सुचारू वितरण के लिए, आइसेप ने चरखी दादरी स्थित किसान निर्माता कंपनी के लिए एक एंड्रॉइड ऐप विकसित किया है. भिवानी ग्रीन्स फार्म प्रोड्यूसर कंपनी लिमिटेड (बीजीएफपीसीएल) नामक यह एफपीसी कोविड-19 में हुए लॉकडाउन की अवधि के दौरान अंतिम-उपभोक्ताओं को सब्जियों और डेयरी उत्पादों की आपूर्ति कराने में सक्रिय रूप से शामिल है.
बीजीएफपीसीएल इस मोबाइल एप्लिकेशन के माध्यम से अंतिम- उपभोक्ताओं की मांग को एकत्रित कर रहा है, जो उन्हें आपूर्ति के दौरान होने वाले खर्चों एवं अन्य कार्यों को अनुकूलित करने में मदद करता है. इस मोबाइल एप्लिकेशन के माध्यम से उन्हें डेयरी वस्तुओं और सब्जियों, दोनों ही वस्तुओं की ग्राम-वार या क्षेत्र-वार मांग मिलती है. इस एप्लिकेशन के माध्यम से मिली जानकारी के आधार पर, वे अपनी वितरण प्रक्रिया को पूरा करते हैं.
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