यह मुहावरा शताब्दियों से उपयोग में रहा है कि "आवश्यकता आविष्कार की जननी है". इसका अर्थ यह है कि आवश्यकता हर नए आविष्कार और खोज के पीछे मुख्य आधार है. अनाज की जरूरत पड़ी तो इंसान ने खेती करना शुरू किया. आवागमन में जब दिक्कत हुई तो इंसान ने कार, हवाई जहाज का आविष्कार किया. कुछ इसी तरह से हर एक क्षेत्र में नवीन-नवीन उपलब्धियों को जरूरत पड़ने पर ही प्राप्त किया गया है....
जैसा कि सर्वविदित है कि भारत एक कृषि प्रधान देश है. और यहाँ के करोड़ों लोग कृषि पर निर्भर हैं और कई दशकों से खेती करते आ रहे हैं. उनके द्वारा उत्पादित फसलों से कई बड़ी-बड़ी कंपनियाँ चल रही हैं, उनकी खुद की एक अलग पहचान भी है जिसे हम ब्रांड कहते हैं, मगर अफसोस उन किसानों का कोई खुद का पहचान नहीं है. किसानों की इन्हीं समस्याओं के मद्देनजर विगत 24 वर्षों से निर्बाध रूप से कृषि क्षेत्र में काम कर रही कृषि जागरण कंपनी, ने विगत वर्ष ‘फार्मर दा ब्रांड’ नाम से एक प्रोग्राम लॉन्च किया था.
अब इसी क्रम में कृषि जागरण द्वारा 7 जून को सुबह 11 बजे कृषि जागरण के फेसबुक पेज पर FTB Organic प्लेटफॉर्म लॉन्च किया जाएगा, जिसका वर्चुअल उद्घाटन कृषि जागरण की निदेशक शाइनी डॉमिनिक के द्वारा होगा. वहीं, इस दरमियाँ स्पीकर के तौर पर कृषि जागरण के एडिटर-इन-चीफ एम.सी. डॉमिनिक और कार्यक्रम के मुख्य अतिथि पद्मश्री अवार्डी भारत भूषण शामिल होंगे.
कृषि जागरण कंपनी के एडिटर-इन-चीफ एम.सी. डॉमिनिक के मुताबिक “एक दिन उनके पैरेंट्स ने उनसे कहा कि आप जाओ और किसी किसान से दूध खरीद कर लाओ. उनके द्वारा यह कहने का एकमात्र मकसद था कि अगर किसी किसान से अगर हम डायरेक्ट दूध खरीदेंगे, तो दूध गुणवत्ता पूर्ण होगा.” उनका कहना सही भी था, क्योंकि अगर हम ब्रांडिंग का इतिहास पर नजर डालें, तो हमें यही देखने को मिलता है कि ब्रांड की शुरुआत कृषि क्षेत्र से हुआ है.”
उन्होंने आगे कहा, “यह वाकया होने के बाद उनके मन में यह विचार आया कि क्यों नहीं, उन सभी किसान भाइयों के लिए एक ऐसा प्लेटफॉर्म बनाया जाये, जहां पर समय के अभाव में भी अपने ब्रांडेड प्रोडक्ट को आसानी से बेच सकें. जिसके मद्देनजर “एफ़टीबी ऑर्गेनिक” प्लेटफॉर्म को लॉन्च किया जा रहा है.”
आमतौर पर ऐसा देखा जाता है कि खेत की जुताई, बुवाई, सिंचाई, खाद-बीज और कटाई पर आने वाली लागत के अनुपात में किसानों को सही कीमत नहीं मिल पाती है. वजह, कृषि उपज को मंडी ले जाने पर विक्रय के दौरान बिचौलिए हावी रहते हैं. उपज बेचने आने वाले किसानों से बिचौलिए कम दाम में उपज खरीदकर अधिक कमीशन खाकर इनकी उपज बेच देते हैं. जो फायदा किसानों को मिलना चाहिए, वह इन बिचौलियों का हो जाता है.
नतीजतन, बहुत सारे किसान परेशान होकर खेती से मुंह मोड़ लेते हैं. और किसी अन्य रोजगार की तलाश में शहरों की ओर पलायन कर जाते हैं. किसानों की इन्हीं समस्याओं के मद्देनजर ‘कृषि जागरण’ ने निर्बाध रूप से 24 वर्ष सेवा करने के बाद 14 जून, 2020 को ‘फार्मर दा ब्रांड’ प्रोग्राम की शुरुआत की थी. इस प्रोग्राम का मकसद जिन किसानों ने खुद का ब्रांड स्थापित कर लिया है, उनको और ज्यादा प्रमोट करना है....
ब्रांड क्या होता है?
ब्रांड एक ऐसे नाम, डिज़ाईन अथवा किसी ऐसे विशेष लक्षण को कहा जाता है जो कि किसी एक विक्रेता के उत्पाद को दूसरे से अलग करता हो. ब्रांड का प्रयोग व्यापार, विपणन व प्रचार में किया जाता है.
एफ़टीबी ऑर्गेनिक प्लेटफॉर्म का उद्देश्य क्या है?
एफ़टीबी ऑर्गेनिक प्लेटफॉर्म का एकमात्र यही उद्देश्य है कि जिन किसानों ने खुद का ब्रांड स्थापित कर लिया है, उनके उत्पादों को अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर बेचने का मौका देना है.
एफ़टीबी ऑर्गेनिक प्लेटफॉर्म के जरिये कौन से किसान अपना उत्पाद बेच सकते हैं?
दरअसल एफ़टीबी ऑर्गेनिक प्लेटफॉर्म के जरिये वो किसान अपना उत्पाद बेच सकते हैं, जिन किसानों को जैविक उत्पाद निर्माण करने का भारत सरकार की ओर से प्रमाण पत्र मिल चुका है. इसके अलावा, वह किसान भी एफ़टीबी ऑर्गेनिक प्लेटफॉर्म के जरिये अपने उत्पादों को बेच सकते हैं, जो प्राकृतिक खेती (Natural Farming) कर रहे हैं.
अधिक जानकारी के लिए कहां संपर्क करें?
अधिक जानकारी के लिए मोबाइल नंबर- +91 8800023204 पर सोमवार-रविवार तक सुबह 09:00 बजे से शाम 6:00 बजे कॉल करके अधिक जानकारी प्राप्त कर सकते हैं. इसके अलावा, [email protected] पर मेल भी लिख सकते हैं.
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