हमारे देश के खेत खलिहान सभी को आकर्षित करते हैं, फिर चाहे कोई शहर का रहने वाला हो या फिर किस अन्य देश का. लेकिन जिस हिसाब से देश की मिट्टी ख़राब हो रही है और फसल पैदावार में भी कमी आई है यह एक चिंता का विषय है. खेतों में लगातार मिट्टी की उर्वरता कम होती जा रही है. इससे किसानों को भी नुकसान का सामना करना पड़ रहा है. इस स्थिति में किसानों की ऐसे कृषि समाधान उपलब्ध कराना बहुत आवश्यक है जिनसे कि मिट्टी की उर्वरा बढ़ें और किसानों को अच्छी पैदावार भी मिले.
यह सभी समाधान किसानों को यारा इंडिया उपलब्ध करा रही है. यारा इंडिया अंतराष्ट्रीय स्तर की जानी मानी कृषि कंपनी यारा इंटरनेशनल की सहयोगी कंपनी है. ज्ञात रहे पिछले दिनों इस कंपनी ने भारत में टाटा का यूरिया बिज़नेस ख़रीदा था. जिसमें टाटा का बबराला स्थित यूरिया प्लांट ख़रीदा था. अब इस प्लांट के जरिए यारा देश में यूरिया का उत्पादन करेगा. सभी कार्यवाही के बाद यारा ने टाटा को यूरिया बिज़नेस पर पूर्ण अधिकार के लिए ऑफिशियली सूचना दी है.
यह सूचना यारा ने प्रेस कांफ्रेस के दौरान दी. इस मौके पर यारा की ओर से नरसिम्हा राव, सीईओ एवं प्रेसिडेंट, यारा इंडिया ने कार्यक्रम की शुरुआत की उन्होंने यारा के एक विषय में जानकारी दी. इसके बाद एस.टी. होल्सेथर, प्रेसिडेंट एवं सीईओ, यारा इंटरनेशनल ने भारत में यारा के सफर के विषय में बताया. उन्होंने कहा कि यारा ने भारत में 1990 कदम रखा था. धीरे-धीरे हमने भारत की मार्किट को समझा और साल 2011 में महाराष्ट्र में अपना मार्किट स्थापित किया. हमने पुणे स्थित अपने हेडक्वार्टर से ही हिमाचल प्रदेश, महाराष्ट्र, कर्नाटक, तमिलनाडु, आंध्र प्रदेश, मध्य प्रदेश और गुजरात में अपने कार्य की शुरुआत करते की. होल्सेथर ने कहा कि हम भारत के प्रधानमंत्री के उद्देश्य 2022 तक किसानों की आय को दोगुना करने को साथ लेकर काम कर रहे हैं. अब जब हमने टाटा का यूरिया बिज़नेस पूरी तरह से खरीद लिया है तो इससे किसानों की आय को बढाने में सहायता मिलेगी.
यारा इंटरनेशनल के एवीपी, क्रॉप न्यूट्रीशन तेजरे कनुस्टेन ने भारत में यारा की कार्यप्रणाली के विषय में बताया उन्होंने बताया कि भारत में फसल उत्पादन बढाने की बहुत आवश्यकता है. विश्वस्तर पर अभी भारत का कृषि उत्पादन बहुत कम है. यारा जिस तरीके से भारत में बहुत ही एग्रेसीवे तरीके से काम क्र रही है शुरुआत में यारा के साथ सिर्फ 18 कर्मी थे लेकिन इस समय भारत में यारा 1800 कर्मियों के साथ कम कर रहे हैं. यह एक बड़ी उपलब्धि है.
डिस्ट्रीब्यूशन चैनल के विषय में पूछे जाने पर यारा इंटरनेशनल की और से संजीव कंवर ने बताया कि टाटा के यूरिया बिज़नेस ख़रीदे जाने के साथ ही उनको लगभग 800 डीलर्स का नेटवर्क मिला है. जिसके जरिए यारा किसानों तक पहुंचेगा. उन्होंने बताया की हम किसानों से सीधा जाकर मिलते हैं और अभी तक लगभग 8000 से अधिक किसानों को ट्रेनिंग प्रोग्राम के तहत खेती के सही तकनीकों के लिए प्रशिक्षित कर चुके हैं. उन्होंने कहा कि हमारा लक्ष्य किसानो को सही जानकारी उपलब्ध करा किसानों की फसल पैदावार को बढ़ाना है. संजीव कँवर ने बताया कि यारा का काम करने का तरीका अलग है. यारा सिर्फ उत्पाद को बेचने में विश्वास नहीं करता बल्कि किसान को सही उत्पाद के इस्तेमाल के विषय में बताने में अधिक विश्वास रखता है. इसलिए यारा किसानों के दिल में एक अलग जगह बना चुका है.
यारा बबराला यूरिया प्लांट के जरिए देश के कई राज्यों में यूरिया की आपूर्ती करेगा. देश में यूरिया की खपत काफी है. यूरिया के साथ ही यारा एनपीके, पानी में घुलनशील उर्वरक को भी किसानों तक पहुंचाएगा. यारा का लक्ष्य किसानों की आय में को बढ़ाना हैं .
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