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सब्जियों और फलों की फसल को बीमारियों से बचाता है 'इकोफिट'

आलू, पपीता, सेब, चावल तथा सब्जियों की फसल में कई क़िस्म की बीमारियां फैलने का खतरा होता है. इसके चलते इनकी पैदावार में कमी आती है. इसका सीधा असर किसानों की आय पर होता है. कई बार इनका प्रकोप इस कदर बढ़ जाता है कि समूची फसल इससे बर्बाद हो जाती है. इसके असर से निपटने के लिए कीटनाशक का इस्तेमाल करते हैं. इन कीटनाशकों में भारी मात्रा में खतरनाक रसायनों का इस्तेमाल होता है. इसका पर्यावरण तथा सेवनकर्ताओं पर हानिकारक असर होता है.

आलू, पपीता, सेब, चावल तथा सब्जियों की फसल में कई क़िस्म की बीमारियां फैलने का खतरा होता है. इसके चलते इनकी पैदावार में कमी आती है. इसका सीधा असर किसानों की आय पर होता है. कई बार इनका प्रकोप इस कदर बढ़ जाता है कि समूची फसल इससे बर्बाद हो जाती है. इसके असर से निपटने के लिए कीटनाशक का इस्तेमाल करते हैं. इन कीटनाशकों में भारी  मात्रा में खतरनाक रसायनों का इस्तेमाल होता है. इसका पर्यावरण तथा सेवनकर्ताओं पर हानिकारक असर होता है. ऐसे में किसी ऐसे कीटनाशक की आवश्यकता होती है जो पर्यावरण के प्रति अनुकूल तथा बीमारियों को नष्ट करने में सहायक हो. क्रोपेक्स कंपनी इसी दिशा में काम कर रही है. क्रॉपेक्स कंपनी के कार्बनिक उत्पाद छह प्रमाणन एजेंसियों- आईएमओ, वैदिक कार्बनिक आईएफओएएम, आईएचएसएस, पीएमएफएआई और आईसीसीओए द्वारा प्रमाणित किये गए हैं. इन स्वीकृत कार्बनिक एग्रोकेमिकल्स में से एक उत्पाद हैं 'इकोफिट'.

'इकोफिट' का प्रयोग मुख़्य रूप से सब्जी, फल और खाद्यान फसलों से संबंधित रोगों और कीटों के बचाव के लिए किया जाता है. आलू, गोबी और अन्य सब्जियां, पपीता, सेब तथा धान आदि पर कई प्रकार के कीट और बीमारी आते हैं. इकोफिट इन फसलों पर  ब्लास्ट, लीफ स्पॉट, पावडरी मिल्डयू, डाउनी मिल्डयू तथा ब्लाइट के असर से फसल की रक्षा करता है.

मात्रा:

यह घोल तथा पाउडर दोनों ही अवस्था में इस्तेमाल किया जा सकता है. इसका घोल बनाने के लिए 2 से 4 मि.ली./ग्राम  प्रति लीटर पानी में किया जाता है.

प्रयोग विधि:            

यह फसल के लिए उपचारात्मक और निवारक के रूप में कार्य करता है. प्रभावी नियंत्रण के लिए 6 से 7 दिन के अंतराल पर इसका छिड़काव करें. क्रोपेक्स के कृषि रसायन काफी उन्नत और लाभकारी हैं. इसके उत्पादों में पारंपरिक और आधुनिक विनिर्माण प्रक्रियाओं का मिश्रण किया गया है. इससे यह सिद्ध हो गया है कि पौधों को हानिकारक सिंथेटिक पदार्थों के उपयोग के बिना रोगों और कीटों से बचाया जा सकता है.

कंपनी के प्रयासों को कर्नाटक राज्य सरकार के कृषि विभाग ने भी सराहा है. राज्य कृषि विभाग की आधिकारिक "कर्नाटक की जैविक खेती निर्देशिका" में कपनी का नाम इनपुट उत्पादक के रूप में शामिल किया गया है. एकॉन थोक, निजी लेबल और ब्रांडों में उपलब्ध है.

कंपनी और उसके उत्पाद की अधिक जानकारी के लिए नीचे दिए नंबर पर संपर्क कर सकते हैं.

दूरभाष- 73494-23613, ई-मेल: farmercare@cropex.in

अधिक जानकारी के लिए वेबसाइट देखें- www.cropex.in

पता: क्रॉपेक्स प्राइवेट लिमिटेड, संख्या 83, तालाकावेरी लेआउट, बसवनगर, बैंगलोर 560037, कर्नाटक.

English Summary: 'EcoFit' saves vegetables and fruit crops from diseases Published on: 24 October 2018, 05:30 PM IST

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