कृषि के क्षेत्र में सुधार लाने के लिए कई कंपनियां आगे आती रहती है. इसी कड़ी में एक कंपनी ए.एस. एग्री एंड एक्वा एलएलपी है, जिसको ए.एस ग्रुप से भी जाना जाता है. यह ग्रुप कई प्रतिभाशाली युवाओं का समूह है, जो कृषि और एक्वाकल्चर में अपने सामान्य लक्ष्य को देखने के लिए एक साथ आए हैं. यह कंपनी हाई-टेक एग्रीकल्चर और एक्वाकल्चर में अग्रणी है. ए.एस. एग्री एंड एक्वा एलएलपी को मार्च 2018 में पंजीकृत किया गया था. यह कंपनी कृषि और एक्वाकल्चर में विशेषज्ञता वाली कंपनी है. भारत में इस ग्रुप की शाखा महाराष्ट्र के ठाणे, बेलगाम, नासिक, पुणे और कोल्हापुर में हैं. यह ग्रुप वर्टिकल फार्मिंग, एक्वाकल्चर, बायो-सीएनजी, हेल्थ केयर एंड फूड सप्लीमेंट, कॉन्ट्रैक्ट फार्मिंग, हल्दी ट्रेडिंग और कई अन्य क्षेत्रों से संबंधित है. यह एक सबसे विश्वसनीय और भरोसेमंद कंपनी है. साथ ही यह कंपनी विभिन्न प्रकार के उत्पादों के उत्पादन और व्यापार और निर्यात में भी शामिल है. इस कंपनी का उद्देश्य देश में की जाने वाली पारंपरिक कृषि/एक्वा खेती का तरीका बदलने का है. ए.एस. एग्री एंड एक्वा एलएलपी कंपनी के सीईओ प्रतीक शर्मा से इस विषय पर बातचीत की.
किस तरह मिली प्रेरणा
इस क्षेत्र में काम करने की प्रेरणा उन्हें कंपनी के सीएमडी मेनेजिंग डायरेक्टर प्रशांत से मिली. वह खुद एक किसान परिवार से है और एक इंजीनियर हुआ करते थे. उनके यहां हल्दी का उत्पादन होता था, लेकिन एक वक्त था, जब उनके परिवार के पास बहुत कम जमीन बची थी. जिससे फसल का उत्पादन ज्यादा नहीं हो पाता था और परिवार का जीवनयापन भी ठीक से नहीं नहीं चल पाता था. इसी दौरान उन्होंने कम जमीन पर अच्छा उत्पादन करने की तकनीक पर काम किया. जिससे हल्दी का उत्पादन अच्छा हो सके.
कैसे एक एकड़ जमीन में हल्दी उत्पादन किया गया ?
कंपनी का लक्ष्य है कि किसानों की हर समस्या का समाधान किया जाए. जिन किसानों के पास जमीन की कमी है. वह भी फसल से अच्छी आमदनी कमा सके, इसलिए कंपनी ने एक एकड़ जमीन में हल्दी उत्पादन करने की नई तकनीक अपनाई. जिससे फसल का उत्पादन अच्छा हो सके. वर्टिकल तकनीक से एक एकड़ जमीन पर 100 एकड़ का उत्पादन कर सकते हैं.
किस तरह प्रोजेक्ट किया तैयार
साधारण किसान कई समस्याओं से जूझ रहा है, जिससे उसकी आमदनी कम हो पाती है, इसलिए ए.एस एक्वा ने एक प्रोजेक्ट तैयार किया है, जो 2 लाख से लेकर ढ़ाई करोड़ तक के हैं, जोकि 5 हजार स्क्वायर फीट से लेकर एक एकड़ यानि 40 हजार स्क्वायर फीट तक हो सकते हैं. इससे हल्दी उत्पादन की बहुत अच्छी आमदनी होती है.
मछली उत्पादन के लिए क्या नई तकनीक अपनाई
मछली व्यवसाय के लिए आधुनिक तकनीक से लैस तालाब बनाए जाते हैं, जिसमें विशिष्ट प्रकार के आहारों का उपयोग किया जाता है. प्रतीक शर्मा का कहना है कि इस प्रोजेक्ट को किसान के खेत में जाकर लगाया जाता है. साथ ही किसान को ट्रेनिंग भी दी जाती है. यह ग्रुप छोटे किसानों के लिए दीवार पर खेती करने की तकनीक लेकर आया है. जिससे किसानों को काफी लाभ होता है. यह ग्रुप किसानों के साथ साझेदारी में काम करता है.
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