मानसून की बेरूखी और कम वर्षा के वजह से किसानों की चिंता काफी बढ़ गई है. मानसून के दस्तक देने के बाद बारिश तो हुई थी लेकिन पूरा प्रदेश पानी-पानी हो गया था, लेकिन बीते एक सप्ताह से आसमान में बादलों की आवाजाही तो लगी हुई है मगर बारिश नहीं हुई. सब्जियों के दाम भी कम वर्षा होने की वजह से बढ़ने लगे है. सब्जियों के दाम अब आसमान पर पहुंचने लगे है. आज से ठीक 15 दिनों पहले जो टमाटर 20 से 25 रूपये किलों में बिकता था. उसके दाम अब 50 से 60 रूपये किलो तक पहुंच गए है. टमाटर ही नहीं अन्य सब्जियों के दामों में भी भारी इजाफा देखने को मिल रहा है.
भोपाल समेत प्रदेश में सब्जियों के दामों में उछाल
राजधानी भोपाल के विभिन्न क्षेत्रों में लगने वाले साप्ताहिक हाट बाजारों में 15 दिन पहले हरी मिर्च के दाम 60 रूपये थे, जो अब 100 रूपये में बिक रही है. इसी तरह से बरहटी के दाम 40 से बढ़कर 60 रूपये किलो, भिंडी भी 60 रूपये तक हो गई है. वही लौकी के दाम भी 30 से बढ़कर 50, परवल 40 से 60 रूपये, करेला 40 से बढ़कर 70 रूपये के आसपास पहुंच गए है. इसी तरह से अन्य सब्जियों के दाम में भी भारी उछाल आया है. जो आलू पहले 15 रूपये किलो तक ही था वह अब 25 से 30 रूपये किलो तक पहुंच गए है.
सब्जी व्यापारी यह बोले
सब्जी व्यापारियों का मानना है कि पिछले महीने भीषण गर्मी के चलते सब्जियों का उत्पादन बेहद ही कम हुआ है जिसके चलते सब्जियों को अन्य राज्यों से मंगवाना पड़ रहा है. यहां मंडी में गिलकी, हरी धनिया, करेला, को छोड़कर अन्य सब्जियां दूसरे राज्यों से यहां पर पहुंच रही है. वही दूसरे सब्जी व्यापारी सैनी का कहना है कि मध्यप्रदेश में सब्जियों का उत्पादन नहीं हो रहा है. टमाटर पड़ोसी राज्यों राजस्थान और महाराष्ट्र से मंगवाना पड़ रहा है.
छत्तीसगढ़ में भी यही हाल
केवल मध्य प्रदेश ही नहीं बल्कि छत्तीसगढ़ में भी सब्जियों के दामों में भारी बढ़ोतरी देखने को मिली है. थोक व्यापारी का कहना है कि धनिया अभी बरमकेला से आ रहा है. इसके साथ ही टामटर, भिड़ी समेत अन्य सब्जियों के दामों में भारी बढ़ोतरी देखने को मिल रही है, रायपुर, रायगढ़ आदि जिलों मे सब्जी के दामों की बढ़ोतरी देखने को मिल रही है.
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