भारतीय शुगर मिल्स एसोसिएशन के अनुसार चीनी की कीमत, बंपर उत्पादन व बिक्री सीमा के मद्देनज़र एरियर रिकार्ड स्तर पर पहुंच गया है। हाल में जारी किए गए 31 जनवरी 2018 तक के आंकड़ों की मानें तो चौदह हजार करोड़ रुपए का भुगतान किया जाना है। एसोसिएशन का मानना है कि फरवरी और मार्च में उत्पादित चीनी का 30 प्रतिशत ही बिक्री की जा सकी है जबकि शेष चीनी का स्टॉक किया गया है। इस बीच अनुमान लगाया गया है कि मार्च के अंत एरियर काफी अधिक हो जाएगा।
देश में चीनी मिलों ने 15 मार्च तक लगभग 25.8 मिलियन टन चीनी का उत्पादन किया है जो कि पिछले पेराई सत्र से 47 प्रतिशत अधिक है। पेराई कर रही चीनी मिलों में से 105 मिलों ने पेराई बंद भी कर दी है। बताया जा रहा है कि महाराष्ट्र, उत्तर प्रदेश व कर्नाटक राज्यों में आशा से अधिक उत्पादन के चलते पूर्व में अनुमान लगाया गया था कि इस सत्र में चीनी का उत्पादन पिछले सत्र की अपेक्षा 40 प्रतिशत अधिक होगा।
मौजूदा सत्र के दौरान महाराष्ट्र की चीनी मिलों ने 9.4 मिलियन टन, उत्तर प्रदेश की चीनी मिलों ने 8.4 मिलियन टन जबकि कर्नाटक की चीनी मिलों ने 3.5 मिलियन टन चीनी उत्पादित की है।
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