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प्रतिदिन गिरता चीनी का का बाजार

चीनी मिल के प्रमुख संगठन भारतीय चीनी मिल संघ (इस्मा) ने लगातार दूसरी बार 21 जनवरी 2019 को चालू विपणन वर्ष (अक्टूबर- सितम्बर ) 2018 -19 के लिए चीनी के उत्पादन अनुमान को कम कर 3.07 करोड़ टन कम किया है. इसकी वजह चीनी के बजाय इथेनॉल का उत्पादन बताया जा रहा है. इसमे इस्मा ने जुलाई 2018 में चालू विपणन सत्र के दौरान 3. 5 करोड़ टन चीनी उत्पादन का अनुमान व्यक्त किया था.

मनीशा शर्मा

चीनी मिल के प्रमुख संगठन भारतीय चीनी मिल संघ (इस्मा) ने लगातार दूसरी बार 21 जनवरी 2019  को चालू विपणन वर्ष (अक्टूबर- सितम्बर ) 2018 -19  के लिए चीनी के उत्पादन अनुमान को कम कर 3.07  करोड़ टन कम किया है. इसकी वजह चीनी के बजाय इथेनॉल का उत्पादन बताया जा रहा है. इसमे इस्मा ने जुलाई 2018  में चालू  विपणन सत्र के दौरान 3. 5 करोड़ टन चीनी उत्पादन का अनुमान व्यक्त किया था. यह आंकड़ा चीनी उत्पादन  का अब तक का सर्वोच्च स्तर है. इससे पिछले वर्ष देश में 3.25 करोड़ तन का उत्पादन हुआ था.

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पिछले वर्ष के मुकाबले चीनी उत्पादन कम

इस्मा ने बताया है कि देश में चीनी के सबसे बड़े उत्पादक राज्य उत्तरप्रदेश में चीनी मिलों ने 41. 9 लाख टन  चीनी का उत्पादन किया जबकि महाराष्ट्र ने 57.2  लाख टन और कर्नाटक  ने इस वर्ष 15  जनवरी तक 26.7 लाख टन चीनी का उत्पादन किया. इस्मा  ने कहा कि ऐसा इसलिए है क्योंकि चालू सत्र  में चीनी मिलो ने पहले से काम करना शुरू कर दिया था. फिर भी पूरे  वर्ष भर का चीनी उत्पादन पिछले वर्ष की तुलना में कम रहेगा.

उत्पादन 3. 07 करोड़ टन रहेगा

इस्मा के मुताबिक चालू वित्त  वर्ष में चीनी उत्पादन लगभग 3.07 करोड़ टन रहने का अनुमान है. इस्मा ने बयान में कहा है कि लगभग 5  लाख टन  चीनी की बीमारी शीरे के द्वारा इथेनॉल उत्पादन में चले जाने थी. जिस वजह से चीनी उत्पादन में यह गिरावट अनुमानित है. चालू  विपणन वर्ष में 15 जनवरी 2019 तक चीनी मिले 1 करोड 46 लाख तन चीनी का उत्पादन किया. जो 1 वर्ष पहले ऐसी अवधि में 1  करोड 35 लाख टन  था.

English Summary: suagar mill isma grow day by day decrease Published on: 24 January 2019, 03:20 PM IST

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