थोक मंडियों में प्याज के दाम गत 10 दिनों में करीब दोगुने तक चढ़ गए और लोगों का दम निकाल रहे हैं। 10 दिन पहले जो प्याज 1600 रुपए प्रति किवट्ंल बिक रहा था वह 2900 रुपए प्रति किवट्ंल तक चढ़ गया। हालांकि मंगलवार को प्याज के दामों में 100 से 200 रुपए प्रति किवट्ंल तक मामूली उतार आया। प्याज के दाम चढऩे का असर खुदरा बाजार में देखने को यह मिला कि प्याज 40-50 रुपए किलो तक बिक रहा है।
सोमवार को नासिक में प्याज ने 2800 रुपए प्रति किवट्ंल का भाव छुआ था, लेकिन मंगलवार को मांग कम होने की वजह से थोक मंडी में प्याज 2000 से 2600 रुपए प्रति किंव्टल बिकते देखा गया। लासलगांव समेत सभी मंडियों में मंगलवार को प्याज की आवक अच्छी रही लेकिन ज्यादा मांग नहीं होने की वजह से दामों में कमी आई।
डिमांड नहीं होने की वजह से बढ़े दाम
नासिक कृषि मंडी से जुड़े प्याज कारोबारी संजय परदेसी का मानना है कि डिमांड नहीं होने की वजह से ऐसा हुआ, लेकिन भारत के दक्षिणी हिस्से से आने वाला नया प्याज इस बार देरी से आएगा। वहां बारिश की वजह से प्याज की फसल खराब हो गई है। ऐसे में 15 दिन तक बाजार में ऐसी स्थिति बनी रहेगी। थोक मंडी में प्याज का भाव 25 रुपए किलो तक है तो खुदरा बाजार में आते-आते यह 40-50 रुपए किलो हो जाता है, लेकिन ऐसे हालात में भी प्याज उगाने वाले किसान खुश नहीं हैं।
दरअसल उसकी एक किलो प्याज को उगाने में 10 से 15 रुपए की लागत आई है। इसके अलावा उसने 5-6 महीने तक प्याज को स्टोर भी किया। बेमौसमी बरसात की वजह से स्टोर किए गए प्याज को नुक्सान भी पहुंचा है। नासिक के सटाना तालुका के किसानों का कहना है कि शहर में खुदरा बाजार में प्याज महंगे हो जाते हैं तो सरकार पर दाम गिराने के लिए दबाव बनाना शुरू हो जाता है, लेकिन तब क्यों सब चुप रहते हैं जब किसान को 1 रुपए किलो तक प्याज बेचना पड़ा था।
नई फसल एक महीना देरी से आएगी
बताया जा रहा है कि इस साल प्याज की नई फसल एक महीना देरी से आएगी, तब तक स्टोर किया हुआ प्याज ही किसान का पेट भरेगा। मौके का फायदा उठाने के लिए बिचौलिए सबसे ज्यादा ताक में रहते हैं। यही प्याज के दाम बढ़ाकर अपना स्टॉक किया प्याज बेचते हैं। पुणे के थोक बाजार में प्याज 20 रुपए प्रति किलो से 29 रुपए प्रति किलो चढ़ गया था। मंगलवार को इसमें एक से दो रुपए का उतार आया है। पुणे में अच्छी क्वालिटी का प्याज 26 से 27 रुपए किलो बिक रहा है।
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