देश में गन्ने की बुवाई इस बार पिछले साल की अपेक्षा 1.75 प्रतिशत तक बढ़ा है। हालांकि मौजूदा सत्र में गन्ना उत्पादन रिकार्ड स्तर पर पहुंचा जिसके फलस्वरूप चीनी के घरेलू बाजार में कीमत में काफी गिरावट दर्ज की गई और गन्ना बकाया भी रिकार्ड दर्ज किया गया। लेकिन इसका गन्ना बुवाई पर प्रभाव नहीं पड़ा और रकबे में कृषि मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार वृद्धि हुई है।
उल्लेखनीय है कि मंत्रालय के अनुसार बाकी फसलों के रकबे में कमी दर्ज की गई है। चावल और कपास का रकबा काफी कम हो गया है। पिछले सत्र की अपेक्षा चावल का रकबा 2.17 लाख हैक्टेयर से घटकर 1.52 हैक्टेयर रह गया है जबकि कपास रकबे में काफी ज्यादा गिरावट के दौरान 11.24 लाख हैक्टेयर से 7.82 लाख हैक्टेयर रह गया। पंजाब और हरियाणा में कपास की बुवाई कम हुई है जिसके कारण इसके रकबे में पिछले सत्र की अपेक्षा इस बार बुवाई का कुल रकबा काफी कम रह गया है।
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