चुनावी साल में प्याज अक्सर सरकार और जनता दोनों को रुलाता है। 2018 में 8 राज्यों में चुनाव हैं और 2019 में भी ज्यादा वक्त नहीं है। ऐसे में खबरें आ रही हैं कि आने वाले समय में प्याज जनता और सरकार दोनों को रुला सकती है। कृषि मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार कम उत्पादन के चलते देश का प्याज उत्पादन चालू फसल वर्ष 2017-18 में 4.5 प्रतिशत गिरकर 214 लाख टन रहने का अनुमान है। 2016-17 में प्याज उत्पादन 224 लाख टन रहा था। मंत्रालय के अनुमान के मुताबिक चालू फसल वर्ष में प्याज की बुवाई का रकबा पिछले साल के 13 लाख हैक्टेयर के मुकाबले इस साल 1.10 लाख हैक्टेयर कम होकर 11.9 लाख हैक्टेयर पर रहा।
उत्पादन कम तो महंगाई अधिक
इस साल अगर उत्पादन पिछले साल से भी कम रहता है तो जाहिर तौर पर इसका असर महंगाई दर पर पड़ने वाला है। पिछले साल पर्याप्त घरेलू आपूर्ति सुनिश्चित करने और कीमतों पर अंकुश लगाने के लिए सरकार ने प्याज पर 850 डॉलर प्रति टन का न्यूनतम निर्यात मूल्य लगाया था। न्यूनतम निर्यात मूल्य वह मानक मूल्य दर है जिससे नीचे इस जिंस का निर्यात नहीं किया जा सकता।
टमाटर-आलू का उत्पादन बेहतर रहने की संभावना
आंकड़ों के मुताबिक टमाटर-आलू का उत्पादन बेहतर रहने की संभावना है। 2017-18 में आलू उत्पादन 493 लाख टन रहने का अनुमान है जबकि पिछले साल उत्पादन 486 लाख टन था। इसी तरह टमाटर उत्पादन 223 लाख टन रह सकता है। 2016-17 में यह 207 लाख टन था। इस साल कुल सब्जियों का उत्पादन 1,806.8 लाख टन रहने की उम्मीद है। पिछले साल यह 1,781.7 लाख टन थी।
वर्ष 2018 में फिर रूलाएगी प्याज
चुनावी साल में प्याज अक्सर सरकार और जनता दोनों को रुलाता है। 2018 में 8 राज्यों में चुनाव हैं और 2019 में भी ज्यादा वक्त नहीं है। ऐसे में खबरें आ रही हैं कि आने वाले समय में प्याज जनता और सरकार दोनों को रुला सकती है।
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