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Mandi Bhav: गेहूं की कीमतों में जबरदस्त उछाल, MSP से दोगुना मिल रहा दाम, जानें देशभर की मंडियों का हाल

Gehun ka Mandi Bhav: गेहूं की कीमतों में एक बार फिर जबरदस्त उछाल देखने को मिला है. गेहूं की बढ़ी कीमत का अंदाजा आप इस बात से लगा सकते हैं की ये MSP से लगभग दोगुने दाम पर बिक रहा है. आइए जानते हैं देशभर की मंडियों के हाल.

बृजेश चौहान
गेहूं का मंडी भाव
गेहूं का मंडी भाव

Wheat Price: देश में गेहूं की बढ़ती मांग और कम आवक के चलते इसके दामों में लगातार बढ़ोतरी हो रही है. बढ़ती मांग के चलते गेंहू पर महंगाई का असर भी साफ तौर पर देखा जा सकता है. देशभर की मंडियों में गेहूं के दामों में लगातार तेजी बनी हुई है और इसके भाव 8 महीने के उच्च स्तर पर पहुंच गए हैं. आलम ये है की देश की कई मंडियों में गेहूं MSP से लगभग दोगुने दाम पर बिक रहा है.

देश में गेहूं की बढ़ती कीमतों पर लगाम लगाने के लिए सरकार ने इसके निर्यात पर रोक भी लगा रखी है. इसके बावजूद कीमतें कम होने का नाम नहीं ले रही हैं. एक ओर जहां गेहूं की कीमतों में लगातार वद्धि हो रही है, तो वहीं इस वद्धि का फायदा किसानों को भी हो रहा है. किसानों को उनकी उपज के अच्छे दाम मिल रहे हैं. आइए आपको देश की उन टॉप पांच मंडियों के बारे में बताते हैं जहां गेहूं सबसे ज्यादा कीमत पर बिक रहा है.

4500 हजार प्रति क्विंटल में बिक रहा गेहूं

गेहूं की बढ़ती कीमत का अंदाजा आप इस बात से लगा सकते हैं की कर्नाटक की शिमोगा मंडी में गेहूं MSP से लगभग दोगुने दाम पर बिक रहा है. मौजूदा वक्त में केंद्र सरकार गेहूं पर 2275 रुपये की एमएसपी दे रही है. जबकि, कर्नाटक की शिमोगा मंडी में गेहूं 4500 रुपये प्रति क्विंटल के हिसाब से बिक रहा है. केंद्रीय कृष‍ि व क‍िसान कल्याण मंत्रालय के एगमार्कनेट पोर्टल के अनुसार, मंगलवार (12 दिसंबर) को शिमोगा मंडी में सुपर फाइन किस्म का गेहूं न्यूनतम 3800 रुपये प्रति क्विंटल, जबकि अधिकतम 4500 रुपये प्रति क्विंटल के हिसाब से बिका.

इसी तरह मंगलवार को मध्य प्रदेश की अशोकनगर मंडी में गेहूं 4195 रुपये/क्विंटल और गंजबासौदा मंडी में 4055 रुपये/क्विंटल के भाव में बिकी. इसी तरह, महाराष्ट्र की सोलापुर मंडी में गेहूं 2995 रुपये/क्विंटल और कर्नाटक की बीदर मंडी में 3400 3200 रुपये/क्विंटल के भाव में बिक.

अभी और बढ़ेंगे गेहूं के दाम

व्यापारियों का कहना है कि गेहूं की लगातार बढ़ रही मांग और इसकी कम आवक के चलते इसके दामों में बढ़ोतरी हो रही है. हालांकि, गेहूं की घरेलू उपलब्धता बढ़ाने के लिए केंद्र सरकार ने इसके निर्यात पर रोक लगा रही है. जिसका कोई फायदा होता नजर नहीं आ रही है. व्यापारियों का कहना है कि जब तक बाजार में नई फसल नहीं आ जाती तब तक गेहूं के दाम बढ़ते रहेंगे. इस हिसाब से देखें तो गेहूं के दाम इस साल अप्रैल से पहले कम होते नहीं दिख रहे हैं. व्यापारियों का कहना है कि गेहूं आगे और महंगा हो सकता है. हालांकि, सरकार भी गेहूं के दाम कम करने के लिए अपना बफर स्टॉक बेच रही है.

यहां देखें अन्य फसलों की लिस्ट

बता दें कि किसी भी फसल का दाम उसकी क्वालिटी पर भी निर्भर करता है. ऐसे में व्यापारी क्वालिटी के हिसाब से ही दाम तय करते हैं. फसल जितनी अच्छी क्वालिटी की होगी, उसके उतने ही अच्छे दाम मिलेंगे. अगर आप भी अपने राज्य की मंडियों में अलग-अलग फसलों का दाम देखना चाहते हैं, तो आधिकारिक वेबसाइट https://agmarknet.gov.in/ पर जाकर पूरी लिस्ट चेक कर सकते हैं.

English Summary: Gehun ka mandi bhav wheat price msp on wheat Published on: 14 February 2024, 12:33 PM IST

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