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15 लाख टन और अधिक दलहन का होगा उत्पादन

नई दिल्ली। केंद्र सरकार दलहन के उत्पादन को बढ़ाने के लिए तेज़ी से आगे बढ़ रही है. इसके लिए सरकार ने अक्टूबर-नवंबर से शुरू होने वाले रबी के आगामी बुआई सीजन के दौरान 15 लाख टन अतिरिक्त दलहन उत्पादन का लक्ष्य निर्धारित किया है. यह लक्ष्य हासिल करने के लिए सरकार पूर्वी भारत असम, बिहार, छत्तीगढ़, झारखंड, ओडिशा और पश्चिम बंगाल में 'लक्षित चावल परती क्षेत्र' (टीआरएफए) लागू करने की योजना बना रही है.

नई दिल्ली। केंद्र सरकार दलहन के उत्पादन को बढ़ाने के लिए तेज़ी से आगे बढ़ रही है. इसके लिए सरकार ने अक्टूबर-नवंबर से शुरू होने वाले रबी के आगामी बुआई सीजन के दौरान 15 लाख टन अतिरिक्त दलहन उत्पादन का लक्ष्य निर्धारित किया है. यह लक्ष्य हासिल करने के लिए सरकार पूर्वी भारत  असम, बिहार, छत्तीगढ़, झारखंड, ओडिशा और पश्चिम बंगाल में 'लक्षित चावल परती क्षेत्र' (टीआरएफए) लागू करने की योजना बना रही है. इन राज्यों में 2018-19 के दौरान दलहन के अंतर्गत चावल की परती भूमि का करीब 80 प्रतिशत और तिलहन के अंतर्गत 20 प्रतिशत क्षेत्र आ रहा है. इसके अलावा सरकार उत्तर पूर्वी राज्यों में दलहन की खेती को बढ़ावा देने के लिए विभिन्न योजनाओं के तहत पैसा जारी करने के लिए योजना भी बना रही है. जहां अधिकांश कृषि भूमि का उपयोग एकल फसल (साल भर किसी एक फसल की ही कृषि) के रूप में किया जाता है.

दलहन और तिलहन के उत्पादन में हुई बढ़ोतरी

एक सरकारी अधिकारी ने कहा कि हम इस रबी सीजन में 18.7 लाख हेक्टेयर क्षेत्र लाने के लक्ष्य को लेकर उत्तर पूर्वी राज्यों के पांच हज़ार गांवों को इसमें लाने की तैयारी करने का कार्य तेजी से कर रही है. यह 2018-19 के दौरान 13.5 लाख टन दलहन और तिलहन के अतिरिक्त उत्पादन में योगदान करेगा. ' 2016-17 में 4,000 गांवों के साथ शुरू किए गए टीआरएफए में 15 लाख हेक्टेयर (12 लाख हेक्टेयर दलहन और तीन लाख हेक्टेयर तिलहन) क्षेत्र शामिल था. उस वर्ष टीआरएफए के अंतर्गत करीब 10 लाख टन दलहन और तिलहन की उपज हुई थी. 2017-18 में अधिकांश क्षेत्र के साथ इस कार्यक्रम में विस्तार किया गया है. जिसके परिणामस्वरूप 2017-18 के दौरान  7,92,000 टन दलहन और 1,12,000 टन अतिरिक्त तिलहन का उत्पादन हुआ है.

आयात निर्भरता कम करने पर ज़ोर

रकबे के विस्तार के जरिए सरकार की नज़र दलहन के अतिरिक्त उत्पादन पर है केंद्रीय खाद्य मंत्री रामविलास पासवान भी यही मानते हैं कि उत्तर-पूर्व को ध्यान में रखकर रकबे में विस्तार से दलहन उत्पादन में आत्मनिर्भरता की दिशा में भारत को आगे बढऩे में मदद मिलेगी. हाल ही में मुंबई के अपने दौरे में पासवान ने कहा था कि कई बार आयातित कृषि वस्तुओं की कीमतें आयात की लागत से तय होती हैं जो भारतीय मुद्रा में उतार-चढ़ाव और वैश्विक बाजार की चाल में परिवर्तन के आधार पर अलग-अलग होती है.

दरअसल कृषि मंत्रालय द्वारा एकत्रित आंकड़े बताते हैं कि भारत ने खरीफ की कटाई के सीजन में 92.2 लाख टन दलहन के उत्पादन की आशंका  जताई है जो कि आने वाले कुछ ही हफ्तों में शुरू होने वाला है. चौथे अग्रिम अनुमान के मुताबिक 2017-18 के खरीफ सीजन में भारत का कुल दलहन उत्पादन 93.4 लाख टन दर्ज किया गया था. हालांकि रबी सीजन में इस साल दलहन उत्पादन अधिक रहने का अनुमान है. 2015-16 में भारत का कुल दलहन उत्पादन 1.635 करोड़ टन दर्ज किया गया था. देश ने वर्ष 2017-18  में 2.523  करोड़ टन के कुल उत्पादन के साथ दलहन के मामले में पूरी तरह से आत्मनिर्भरता को प्राप्त कर लिया है.  

किशन अग्रवाल, कृषि जागरण

English Summary: 15 million tons more pulses will be produced Published on: 17 October 2018, 03:02 PM IST

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