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Heat Wave और Heat Stroke क्या हैं, जानें इन दोनों में अंतर और अन्य जरूरी जानकारी

Heat Stroke V/S Heat Exhaustion: गर्मियों के सीजन में लोगों को Heat Wave और Heat Stroke की परेशानी का सामना करना पड़ता है. लेकिन क्या आप जानते हैं कि यह दोनों क्या है और इनमें क्या अंतर है. अगर नहीं तो आइए इस खबर में विस्तार से Heat Wave और Heat Stroke के बारे में विस्तार जानते हैं...

लोकेश निरवाल
Heat Stroke V/S Heat Exhaustion
Heat Stroke V/S Heat Exhaustion

गर्मियों के दिन लगभग शुरू हो चुके हैं. देखा जाए तो हर साल गर्मी  अपने तापमान के रिकॉर्ड को तोड़ती है, जो एक हीट वेव या लू की घटनाओं को बनाती है. पिछले कुछ सालों से हीट वेव/ Heat Wave के मामले लगातार तेजी से बढ़ते ही जा रहे है. इसके प्रभाव से सभी लोग परेशान रहते हैं. आप लोगों ने कभी सोचा है कि हीट वेव या लू और और Heat stroke क्या है. आप सब लोगों ने इन शब्दों को सुना व इस्तेमाल किया होगा. लेकिन यह क्या होता है इसके बारे में आपको शायद नहीं पता होगा.

अगर आप इनके बारे में नहीं जानते हैं, तो आज हम आपको Heatwave और Heat Stroke के बारे में बताएंगे.

हीट वेव क्या है/ What is a Heat Wave?

हीट वेव को गर्म मौसम/hot weather to heat wave के शुष्क और सबसे अधिक तापमान को कहा जाता है, जो लगातार दो या तीन दिनों तक रहती है. मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) के मुताबिक, जब मैदानी इलाकों में तापमान 40 डिग्री और वहीं पहाड़ी इलाकों में 30 डिग्री सेल्सियस तक रहती है तब ऐसी स्थिति में लू चलना शुरू करती है और अगर यहीं तापमान 47 डिग्री से अधिक हो जाता है, तो ऐसी स्थिति में लू इलाकों में बेहद खतरनाक लू चलने लगती है और फिर जब तटीय क्षेत्रों में 37 डिग्री सेल्सियस तक गर्मी का तापमान रहता है, तब इलाकों में हीट वेव चलना शुरू करती है.

भारत में हीट वेव मार्च से जून महीने के समय चलना शुरू करती है और फिर यह सबसे अधिक मई महीने में चलती है. जिसमें लोगों को गर्मी की भीषण मार का सामना करना पड़ता है.

हीट शॉक क्या है/ What is Heat Shock?

Heat stroke की वजह से शरीर अधिक गर्म होता है. इस दौरान शरीर का तापमान 40 डिग्री सेल्सियस से अधिक पहुंच जाता है. अगर किसी व्यक्ति को Heat stroke हो जाता है, तो उसे  मतली, उल्टी, चक्कर आना,  असहज महसूस होना, थकान, कमजोरी, सिरदर्द, मांसपेशियों में ऐंठन, सांस लेने में कठिनाई, तेज पल्स व त्वचा का लाल पड़ना आदि कई लक्षण देखे जाते हैं.

ये भी पढ़ें: अगले 5 दिनों के दौरान इन राज्यों में बढ़ेगा तापमान, जानें अपने शहर के मौसम का हाल

Heat Stroke और Heatwave में अंतर

  • हीटवेव Physical factor है और हीट शॉक शरीर से जुड़ा है.

  • हीटवेव मौसम में बदलाव की वजह से होता है और वहीं हीट शॉक शरीर के तापमान बढ़ने से होता है.

  • हीटवेव से जुड़ी सभी जानकारी मौसम विभाग/IMD के द्वारा दी जाती है और हीट शॉक की जानकारी मौसम में बदलाव के प्रभाव से पता चलता है.

English Summary: What are Heat Wave and Heat Stroke V/S Heat Exhaustion weather news Published on: 24 March 2024, 04:16 PM IST

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